27.9 C
New Delhi

विश्व जनसंख्या दिवस पर भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, एक कठोर जनसंख्या नियंत्रण अध्यादेश लाने की मांग

Date:

Share post:

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
सादर प्रणाम,

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान भारत की 50% समस्याओं के मूल कारण ‘जनसंख्या विस्फोट’ की तरफ आकृष्ट करना चाहता हूँ जिसका जिक्र आपने स्वयं लाल किले की प्राचीर से पिछले वर्ष 15 अगस्त को किया था. एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को नोटिस जारी किया था और 13 जुलाई को पुनः सुनवाई है. गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय के उत्तर की प्रतीक्षा है.

पिछले 20 वर्ष से घर-परिवार, समाज और देश की समस्याओं के मूल कारणों को समझने का प्रयास कर रहा हूँ और निष्कर्ष यह है कि हमारी 80% से अधिक समस्याओं का मूल कारण भ्रष्टाचार और जनसंख्या विस्फोट है. एक कड़वा सत्य यह भी है कि हमारी संसद-विधानसभा में समस्याओं पर खूब आरोप-प्रत्यारोप और ‘तू तू मैं मैं’ होता है लेकिन समस्याओं के मूल कारण और उनके स्थायी समाधन पर चर्चा नहीं होती है. समस्याओं का स्थायी समाधान करने की बजाय क्षणिक और अस्थायी समाधान किया जाता रहा है इसीलिए उन्हीं समस्याओं की बार-बार पुनरावृत्ति हो रही है.

हजारो साल पहले भगवान राम ने ‘हम दो-हमारे दो’ नीति लागू की था और आम जनता को संदेश देने के लिए लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन ने भी ‘हम दो-हमारे दो’ नियम का पालन किया था, जबकि उस समय जनसँख्या की समस्या इतनी खतरनाक नहीं थी. सभी राजनीतिक दल स्वीकार करते हैं कि जनसँख्या विस्फोट भारत के लिए बम विस्फोट से भी अधिक खतरनाक है. जब तक 2 करोड़ बेघरों को घर दिया जायेगा तब तक 10 करोड़ बेघर और पैदा हो जायेंगे इसलिए जनसंख्या विस्फोट रोकना बहुत जरूरी है. एक कठोर और प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून लागू किये बिना स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, साक्षर भारत, संपन्न भारत, समृद्ध भारत, सबल भारत, सशक्त भारत, सुरक्षित भारत, समावेशी भारत, स्वावलंबी भारत, स्वाभिमानी भारत, संवेदनशील भारत तथा भ्रष्टाचार और अपराध-मुक्त भारत का निर्माण मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.

राजनीतिक दलों के नेता, सांसद और विधायक ही नहीं बल्कि बुद्धिजीवी, समाजशास्त्री, पर्यावरणविद, लेखक, शिक्षाविद, न्यायविद, विचारक और वरिष्ठ पत्रकार भी इस बात से सहमत हैं कि देश की 50% से ज्यादा समस्याओं का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है. अधिकांश टैक्स देने वाले ‘हम दो-हमारे दो’ नियम का पालन करते हैं लेकिन मुफ्त में रोटी कपड़ा मकान लेने वाले जनसँख्या विस्फोट कर रहे हैं. कोरोना महामारी के कारण संसद का चलना अभी कठिन है इसलिए आपसे निवेदन है कि जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए तत्काल एक प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण अध्यादेश ले आइये. कानून मजबूत और प्रभावी होना चाहिये और जो व्यक्ति इसका उल्लंघन करे उसका राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता, बिजली कनेक्शन और मोबाइल कनेक्शन बंद होना चाहिए. इसके साथ ही कानून तोड़ने वालों पर सरकारी नौकरी करने, चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध होना चाहिए. ऐसे लोगों को सरकारी स्कूल और सरकारी हॉस्पिटल सहित अन्य सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित करना चाहिये और 10 साल के लिए जेल भेजना चाहिए.

वर्तमान समय में सवा सौ करोड़ भारतीयों के पास आधार है, लगभग 20% अर्थात 25 करोड़ नागरिक (विशेष रूप से बूढ़े और बच्चे) बिना आधार के हैं। इसके अतिरिक्त लगभग पांच करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं. इससे स्पष्ट है कि हमारे देश की जनसँख्या सवा सौ करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा है और जनसंख्या के मामले में हम चीन से भी आगे निकल चुके हैं. यदि संसाधनों की बात करें तो हमारा क्षेत्रफल दुनिया का 2 % है, हमारे पास पीने योग्य पानी मात्र 4% है लेकिन जनसँख्या दुनिया की 20% है. चीन का क्षेत्रफल 95,96,960 वर्ग किमी, अमेरिका का क्षेत्रफल 95,25,067 वर्ग किमी है जबकि भारत का क्षेत्रफल मात्र 32,87,263 वर्ग किमी है अर्थात हमारा क्षेत्रफल चीन और अमेरिका के क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई है लेकिन जनसँख्या वृद्धि की दर चीन से लगभग डेढ़ गुना और अमेरिका से छह गुना से भी ज्यादा है. इस वर्ष नए वर्ष पर अमेरिका में 10,247 बच्चे, चीन में 46,299 बच्चे और भारत में 67,385 बच्चे पैदा हुए थे.

जल जंगल और जमीन की समस्या, रोटी कपड़ा और मकान की समस्या, गरीबी बेरोजगारी और कुपोषण की समस्या, वायु जल मृदा और ध्वनि प्रदूषण की समस्या, कार्बन वृद्धि और ग्लोबल वार्मिग की समस्या, अर्थव्यवस्था के धीमी रफ्तार की समस्या, चोरी लूट और झपटमारी की समस्या तथा थाना तहसील हॉस्पिटल और स्कूल में भीड़ की समस्या का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है. सड़क रेल और जेल में भीड़ की समस्या, ट्रैफिक जाम और पार्किग की समस्या, बलात्कार और व्याभिचार की समस्या, आवास और कृषि विकास की समस्या, दूध दही घी में मिलावट की समस्या, फल सब्जी में मिलावट की समस्या, रोड एक्सीडेंट और रोड रेज की समस्या, बढ़ती हिंसा और आत्महत्या की समस्या, अलगाववाद और कट्टरवाद की समस्या, आतंकवाद और नक्सलवाद की समस्या, मुकदमों के बढ़ते अंबार की समस्या, अनाज की कमी और भुखमरी की समस्या का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है. बलात्कारियों और भाड़े के हत्यारों पर सर्वे करने से पता चलता है कि 80% से अधिक अपराधी ऐसे हैं जिनके माँ-बाप ने “हम दो- हमारे दो” नियम का पालन नहीं किया. इन तथ्यों से स्पष्ट है कि भारत की 50% से अधिक समस्याओं का मूल कारण जनसँख्या विस्फोट है.

अंतराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की दयनीय स्थिति का मुख्य कारण भी जनसँख्या विस्फोट है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हम 102वें स्थान पर, साक्षरता दर में 168वें स्थान पर, वर्ल्ड हैपिनेस इंडेक्स में 140वें स्थान पर, ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में 129वें स्थान पर, सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स में 53वें स्थान पर, यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स में 134वें स्थान पर, होमलेस इंडेक्स में 8वें स्थान पर, लिंग असमानता इंडेक्स में 76वें स्थान पर, न्यूनतम वेतन में 64वें स्थान पर, रोजगार दर में 42वें स्थान पर, क्वालिटी ऑफ़ लाइफ इंडेक्स में 43वें स्थान पर, फाइनेंसियल डेवलपमेंट इंडेक्स में 51वें स्थान पर, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में 80वें स्थान पर, रूल ऑफ़ लॉ इंडेक्स में 68वें स्थान पर, एनवायरमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स में 177वें स्थान पर तथा जीडीपी पर कैपिटा में 139वें स्थान पर हैं लेकिन जमीन से पानी निकालने के मामले में हम पहले स्थान पर हैं जबकि हमारे पास पीने योग्य पानी दुनिया का मात्र 4% है.

Free stock photo of city, crowd, indian festival
Crowd in India Pic Credit: Pexels

1976 में संसद के दोनों सदनों में विस्तृत चर्चा और विचार विमर्श के बाद 42वां संविधान संशोधन विधेयक पास हुआ था और संविधान की सातवीं अनुसूची की तीसरी सूची (समवर्ती सूची) में “जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन” जोड़ा गया. 42वें संविधान संशोधन द्वारा केंद्र सरकार के साथ ही साथ सभी राज्य सरकारों को भी “जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन” के लिए कानून बनाने का अधिकार दिया गया लेकिन वोटबैंक राजनीति के कारण 43 साल बाद भी एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया जबकि देश की 50% से अधिक समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है. (42वा संविधान संशोधन 3.1.1977 को लागू हुआ था)

वर्तमान समय में भारत में प्रतिदिन 70,000 बच्चे पैदा हो रहे हैं अर्थात 2020 में ढाई करोड़ बच्चे पैदा होंगे और भारत ही नहीं बल्कि किसी भी देश के लिए हर साल ढाई करोड़ नए रोजगार पैदा करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। चीन ने पहले ‘हम दो हमारे दो’ नीति को अपनाया और फिर ‘हम दो हमारे एक’ नियम को कड़ाई से लागू किया और लगभग 60 करोड़ बच्चों को पैदा होने से रोक दिया इसीलिए वह आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि विश्व महाशक्ति भी बन गया जबकि भारत आज भी गरीबी बेरोजगारी कुपोषण और प्रदूषण से लड़ रहा है. एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किये बिना भारत को खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. जनसंख्या विस्फोट रोकने के साथ ही साथ अलगाववाद आतंकवाद माओवाद नक्सलवाद संप्रदायवाद कट्टरवाद जातिवाद भाषावाद क्षेत्रवाद तथा कालाजादू पाखंड अंधिविश्वास धर्मांतरण और घुसपैठ को रोकने के लिए भी कठोर और प्रभावी कानून बनाना बहुत जरूरी है। इसी प्रकार घूसखोरी कमीशनखोरी मुनाफाखोरी जमाखोरी मिलावटखोरी कालाबाजारी टैक्सचोरी मानव तस्करी नशा तस्करी घटतौली नक्काली हवालाबाजी कबूतरबाजी तथा कालाधन बेनामी संपत्ति और आय से अधिक संपत्ति की समस्या को समाप्त करने के लिए भी कठोर और प्रभावी कानून बनाना अतिआवश्यक है.

प्रत्येक वर्ष 5 जून को हम विश्व पर्यावरण दिवस और 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाते हैं, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए पिछले पांच वर्ष में विशेष प्रयास भी किया गया लेकिन आंकड़े बताते हैं कि वायु, जल, ध्वनि और मृदा प्रदूषण की समस्या कम नहीं हो रही है और इसका मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है. जनसँख्या विस्फोट के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है इससे स्पष्ट है कि एक कठोर और प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून के बिना स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत अभियान का सफल होना मुश्किल है.
संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष 25 नवंबर को हम महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाते हैं लेकिन महिलाओं पर हिंसा बढ़ती जा रही है और इसका मुख्य कारण जनसँख्या विस्फोट है. बेटी पैदा होने के बाद महिलाओं पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार किया जाता है, जबकि बेटी पैदा होगी या बेटा, यह महिला नहीं बल्कि पुरुष पर निर्भर करता है. कुछ लोग 3-4 बेटियां पैदा होने के बाद पहली पत्नी को छोड़ देते हैं और बेटे की चाह में दूसरा विवाह कर लेते हैं. बेटियों को बराबरी का दर्जा मिले, बेटियों का स्वास्थ्य ठीक रहे, बेटियां सम्मान सहित जिंदगी जीयें तथा बेटियां खूब पढ़ें और आगे बढ़ें, इसके लिए एक कठोर और प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना बहुत जरूरी है.

जनसँख्या नियंत्रण कानून के बिना ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान तो सफल हो सकता है लेकिन विवाह के बाद बेटियों पर होने वाले अत्याचार को नहीं रोका जा सकता है. बेटा-बेटी में गैर-बराबरी बंद हो, उन्हें बराबर सम्मान मिले, बेटियां पढ़ें, बेटियां आगे बढ़ें और बेटियां सुरक्षित भी रहें, इसके लिए एक कठोर और प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना अतिआवश्यक है.

माननीय प्रधानमंत्री जी,

अटल जी द्वारा बनाये गए 11 सदस्यीय संविधान समीक्षा आयोग (वेंकटचलैया आयोग) ने 2 वर्ष तक देशव्यापी विस्तृत विचार-विमर्श के बाद संविधान में आर्टिकल 47A जोड़ने और जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था जिसे आजतक लागू नहीं किया गया. अब तक 125 बार संविधान संशोधन हो चुका है, 5 बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी बदला जा चुका है, सैकड़ों नए कानून बनाये गए लेकिन देश के लिए सबसे ज्यादा जरुरी जनसँख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया, जबकि ‘हम दो-हमारे दो’ कानून से भारत की 50% समस्याओं का समाधान हो जाएगा.

अटल जी द्वारा 20 फरवरी 2000 को बनाया गया संविधान समीक्षा आयोग भारत ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे प्रतिष्ठित आयोग है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वेंकटचलैया इसके अध्यक्ष तथा जस्टिस सरकारिया, जस्टिस जीवन रेड्डी और जस्टिस पुन्नैया इसके सदस्य थे. भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल और संविधान विशेषज्ञ केशव परासरन तथा सोली सोराब जी और लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप इसके सदस्य थे. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष संगमा जी इसके सदस्य थे. सांसद सुमित्रा जी भी इस आयोग की सदस्य थी. वरिष्ठ पत्रकार सीआर ईरानी और अमेरिका में भारत के राजदूत रहे वरिष्ट नौकरशाह आबिद हुसैन इसके सदस्य थे. वेंकटचलैया आयोग ने 2 वर्ष तक सभी सम्बंधित पक्षों से विस्तृत विचार-विमर्श के बाद 31 मार्च 2002 को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपा था. इसी आयोग की सिफारिस पर मनरेगा, राईट टू एजुकेशन, राईट टू इनफार्मेशन और राईट टू फूड जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाये गए लेकिन जनसँख्या नियंत्रण कानून पर संसद में चर्चा भी नहीं हुयी. इस आयोग ने मौलिक कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए भी महत्वपूर्ण सुझाव दिया था जिसे आजतक लागू नहीं किया गया. वेंकटचलैया आयोग द्वारा चुनाव सुधार प्रशासनिक सुधार और न्यायिक सुधार के लिए दिए गए सुझाव भी आजतक लंबित हैं.

युग दृष्टा अटल जी के अधूरे सपने को साकार करना ही उन्हें सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी इसलिए उनके द्वारा बनाये गए वेंकटचलैया आयोग के सभी सुझावों तत्काल लागू करना चाहिए. एक प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून के बिना रामराज्य नामुमकिन है इसलिए तत्काल एक मजबूत और प्रभावी जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना चाहिए. इग्यारह सदस्यीय वेंकटचलैया आयोग (4 जज, 3 संविधान विशेषज्ञ, 2 सांसद, 1 पत्रकार और 1 नौकरशाह) ने 2 साल विस्तृत विचार-विमर्श करने के बाद जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था इससे स्पष्ट है कि यह कानून किसी भी अंतराष्ट्रीय संधि के खिलाफ नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग पर गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय को 10 जनवरी को नोटिस जारी किया था लेकिन अभीतक किसी का जबाब नहीं आया है।

यदि 2004 में भाजपा की सरकार बनती तो अटल जी द्वारा बनाये गए संविधान समीक्षा आयोग के सुझाव पर संसद में जरुर बहस होती और जनसँख्या नियंत्रण कानून भी बनाया जाता लेकिन भाजपा हार गयी और वोटबैंक राजनीति के कारण कांग्रेस ने वेंकटचलैया आयोग के सुझावों पर संसद में चर्चा करने की बजाय चुनिंदा लोकलुभावन सुझावों को ही लागू किया, इसलिए युग दृष्टा अटल जी और करोड़ों भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करते हुए संविधान समीक्षा आयोग के सुझाव के अनुसार तत्काल जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाने के साथ ही अन्य सभी सुझावों को भी लागू करना चाहिए.

धन्यवाद और आभार
अश्विनी उपाध्याय

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

PM Modi warns about Congress’s EVIL ‘Wealth Redistribution to the Infiltrators’ idea, Why this idea will bring Doomsday for India?

A day after he triggered a political backlash by saying that a Congress government would distribute the nation’s...

PM Modi dropped a Political Bombshell, says ‘Congress will redistribute wealth to Muslim Infiltrators’

Prime Minister Narendra Modi, on April 21, dropped a Political bombshell, when he asserted that if the Congress...

Rohingya Terrorist groups holding over 1600 Hindus and 120 Buddhists hostage in Myanmar

In what seems to echo the 2017 massacre of Hindus by Rohingya terror groups in Myanmar's Rakhine state,...

Palghar Mob Lynching – ‘Hindu Hater’ Rahul Gandhi blocked the CBI probe proposed by Uddhav Thackeray Govt

Raking up the April 2020 Palghar mob lynching incident, in which two Sadhus and their driver were killed...