14.1 C
New Delhi

इज़राइल – एक सबक

Date:

Share post:

एक फ़िल्म आई थी नाम था – गॉडज़िला, जो कि विशालकाय डायनोसोर के ऊपर बनी थी और इस फ़िल्म की पंचलाइन थी – Size does matter यानी कि आकार बहुत महत्व रखता है।
लेकिन इसी पंचलाइन को इज़राइल जैसे छोटे से देश ने गलत साबित करके दिखाया है। चारों तरफ से मुस्लिम देशों से घिरे इज़राइल का आकार महज 22145 स्क्वायर किलोमीटर है और आबादी महज 87 लाख के करीब लेकिन इतने छोटे आकार, इतनी कम आबादी और चारों तरफ से शत्रु देशों से घिरे इज़राइल ने अपने शत्रुओं की नाक में दम कर रखा है।
इज़राइल की ताक़त, जीवटता और अपने शत्रुओं को मारने के लिए किसी भी हद तक जाने की उसकी उत्कंठा और धैर्य इस घटना से पता चलता है। वर्ष 1972 म्यूनिख ओलंपिक में इज़राइल के 11 खिलाड़ियों की हत्या कर दी गई थी। इस घटना में फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन और ब्लैक सितम्बर नाम के संगठनों का नाम सामने आया था।
अपने खिलाड़ियों की इस जघन्य हत्या से क्रोधित इज़राइल ने इस घटना में शामिल सभी आतंकियों को मार गिराने का प्रण लिया। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया “रैथ ऑफ गॉड” यानी – ईश्वर का कहर और इस ऑपरेशन की ज़िम्मेदारी दुनिया की सबसे खतरनाक और किलिंग मशीन कहे जाने वाली एजेंसी ‘मोसाद’ को सौंपी गई।


इस ऑपरेशन की गंभीरता और इज़राइल की उन आतंकियों को मार गिराने की तीव्र इच्छा का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये ऑपरेशन एक दो नहीं बल्कि पूरे 20 वर्षो तक चला और इसके लिए मोसाद के एजेंटों ने मिडिल ईस्ट और योरप के देशों में अपनी घुसपैठ बनाई। आतंकियों की पहचान करने के बाद उनके घर पर फूलों का एक गुलदस्ता भेजा जाता और उस पर लिखा होता – “हम न भूलते हैं, न माफ करते हैं” 
हर आतंकी को 11 गोलियाँ 11 खिलाड़ियों की तरफ से मारी गई और 20 वर्षों के लंबे समय में मोसाद ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। 
दुनिया भर में सबसे उन्नत किस्म के हथियार आज इज़राइल ही बनाता है। चूँकि इज़राइल के मूल निवासी यहूदियों की संख्या इज़राइल और विश्वभर में बहुत सीमित है इसलिए अपने हरेक नागरिक की रक्षा के लिए इज़राइल अपना सब कुछ झोंक देता है। 
इज़राइल आने वाले हरेक विदेशी की इतनी सूक्ष्म जाँच होती है जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। इस काम में जुटे सुरक्षाकर्मी इस काम में ज़रा सी भी लापरवाही नहीं बरतते हैं। इज़राइल में रहवासी इलाकों में बंकर बनाये गए हैं और सायरन बजते ही जो जिस अवस्था में है उसे उसी अवस्था में बंकर में घुसना अनिवार्य है।
अपने एक नागरिक के बदले इज़राइल शत्रु देश के 100-200 या इससे भी ज़्यादा नागरिक मार गिराने में ज़रा भी कोताही नहीं बरतता है और इसी कारण इज़राइल अपनी पूरी धमक और ठसक के साथ शत्रु देशों के बीच रहता है। इज़राइली नागरिक भी अपने देश के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। हर घर से एक व्यक्ति को सेना में जाना इज़राइल का कानून है और इसे हर कोई खुशी खुशी करता है।
इज़राइल के संदर्भ में ही देखा जाए तो भारत की बहुसंख्यक जनसंख्या भी अब सिमटती जा रही है और इज़राइल के उलट भारत की पूर्ववर्ती सरकारों ने वोट और सत्ता के लालच में अपने ही देश और विश्व के सबसे सहिष्णु, सबसे उन्नत, सबसे प्राचीन धर्म और संस्कृति को तोड़ने, बाँटने और उसे नुकसान पहुँचाने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी।
भारत पर लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने देश के हर सिस्टम को इस कदर सड़ाया गलाया कि देश की जनता भी जाने अनजाने उसका हिस्सा बनती चली गई और इसी सड़े गले सिस्टम ने अपने ही देश और धर्म के खिलाफ लिखने, बोलने और प्रदर्शन करने वालों को अभिव्यक्ति की तथाकथित स्वतंत्रता के नाम पर इसे मान्यता प्रदान कर दी, बल्कि अब तो ये अपने सबसे वीभत्स रूप में देश के सामने आ चुके हैं और यही सफेदपोश लोग आज देश में कई समस्याओं को जन्म देकर उसके पालनहार बने हुए हैं।
आतंकियों के जनाजे में यहाँ लाखों लोग जुटते हैं। आतंकियों, अपराधियों का उनके धर्म और जाति के आधार पर महिमामंडन और उनका समर्थन किया जाता है। जबकि ऐसे अपराधी और आतंकी देश और समाज के लिए खतरा ही साबित होते हैं।
अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मारा, उसकी लाश को समुद्र की गहराइयों में खूँखार समुद्री जानवरों का शिकार बनवा दिया लेकिन किसी अमेरिकी ने अपने देश के नेतृत्व और अपनी सेना पर सवाल खड़े नहीं किये।
इसके ठीक उलट भारत में आतंकियों के लिए देश के ही शीर्ष नेता आँसू बहाते हैं। भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने पर पाकिस्तान पर की गई स्ट्राइक्स के सबूत माँगते हैं। चीन जैसे धूर्त देश का समर्थन देश पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली पार्टी और उसकी पिठ्ठू दल करते हैं।
आठ पुलिसकर्मियों की निर्ममतापूर्वक हत्या करने वाले अपराधी को बचाने, फिर उसका एनकाउंटर होने पर यहाँ जमकर सियासत होती है। 
बुरी तरह से सड़ाई, गलाई गई भारत की न्यायिक व्यवस्था से देश के आम  नागरिक के बाद अब कार्यपालिका का भी विश्वास उठने लगा है। यही वजह है कि अपराधियों के एनकाउंटर पर देश की जनता जश्न मनाने लगी है। हैदराबाद के एक बलात्कार कांड के आरोपियों के समय भी देश की जनता ने जश्न मनाया था।
लेकिन ये सब देशहित में नहीं है और इसमें सुधार और तीव्र गति से फैसले लेने तथा अपराधियों को जल्द से जल्द उनके किये का दंड दिए जाने की आवश्यकता है। 
पुलिस विभाग भी न्यायपालिका और कार्यपालिका का एक महत्वपूर्ण अंग है और जिस मुस्तैदी के साथ पुलिस अपने विभाग के लोगों पर हुए अत्याचारों के बदला लेने के लिये किसी भी हद तक चली जाती है वही उसे देश के आम नागरिकों के लिए भी करना होगा।
हिन्दू अपनी जाति से खुश ना हों और ना ही आज 85 करोड़ के लगभग की अपनी आबादी पर गर्व करें , बहुत तेजी से सिमटते जा रहे हैं हिंदू और उसका कारण जातिवाद और निजी स्वार्थ है।
इज़राइल के जैसे सच्चा देशभक्त होना होगा, क्योंकि देश बचेगा, तभी धर्म और जातियाँ भी बची रहेंगी।
समय कम है और जाना अनजाना शत्रु भी अब सामने है, अब भी नहीं संभले तो बहुत देर हो जाएगी और आने वाली पीढ़ियाँ कभी माफ नहीं करेंगी।
सो विदित होवे, ताकि वक़्त ज़रूरत काम आवे..

8 COMMENTS

  1. बहोत ही सही बात की है आपने। मेरे खयाल से इस मे सकारात्मक और तुरंत बदलाव लाने के लिए ‘संघ , वीएचपी जैसी संस्थाओं को अपना व्याप विस्तृत करना चाहिए। यह मेरा निजी सुझाव है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Canadian Court steps in to protect Hindu Mandirs amid rising violent Khalistani Terrorism threats and Police inaction

In a landmark decision, the Superior Court of Ontario has issued an injunction to protect Toronto’s Lakshmi Narayan...

Radical Islamic Parties want to ban ISCKON, Dhaka High Court refused; What’s behind the growing tensions in Bangladesh?

The Dhaka high court on Thursday declined to issue a suo motu order “to ban ISKCON’s activities in...

What is the controversy around the Sambhal Mosque and Hari Har Mandir?

A petition was filed by Hari Shanker Jain and others in the court of the civil judge of...

Indian Govt trashes Canada report on Nijjar murder plot, calls it ‘ludicrous’

The government on Wednesday rubbished a Canadian newspaper report that alleged that Prime Minister Narendra Modi was aware...