सरकारी आदेशों की किस तरह धज्जियाँ उड़ाई जाती है यह हम सब जानते है, ऐसे ही निक्कमे, कामचोर सरकारी कर्मचारियों के कारण सरकरी मदद आम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाती और वो इसके लिए सरकार को दोष देता रहता है और ऐसा कई सालो से चला आ रहा है | ऐसा ही कुछ नए कृषि बिल को लेकर हो रहा है, किसानो को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और वो बिचोलियो की बातो में आकर सरकार के खिलाफ धरना दे रहे है, कृषि बिल की सही जानकारी पहुँचाना मंडी कर्मचारियों का काम है और किसान को उसकी फसल का उचित भुगतान मिले यही उनका काम है | लेकिन मंडी कर्मचारी यह भी नहीं करते है उनको लगता है कि कोई उनका कुछ नहीं कर पाएगा लेकिन पिछले दिनों एक घटना घटी जिसने इन निक्कमे मंडी कर्मचारियों के होश उड़ा दिए थे, पीलीभीत के डीएम पुलकित खरे ने अचानक मंडी का निरिक्षण करने पहुंच गए और उनको वहां देख कर सभी लोगो के होश उड़ गए | मंडी समिति में औने पौने दामों पर धान खरीद की शिकायतों पर औचक मंडी पहुंचे डीएम ने एक-एक करके मंडी के सभी अफसरों को जमकर फटकार लगाई। लापरवाही में चार सेंटर प्रभारी निलंबित कर दिए साथ ही धान खरीद की व्यवस्था को मॉनीटर करने के लिए एक अतिरिक्त एसडीएम को लगा दिया।
डीएम ने सार्वजनिक रूप से डिप्टी आरएमओ व अन्य मंडी अफसरों को जमकर फटकार लगाई तो किसानों ने डीएम की कार्यशैली को ताली बजा कर समर्थन दिया। पीलीभीत में मंडी समिति में 11 सौ रुपये में धान खरीदे जाने पर किसानों में सुबह के वक्त रोष पनप उठा। जबकि सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 तय किया था लेकिन बिचोलिये और मंडी कर्मचारियों की मिलीभगत से किसानो को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा था | कुछ किसानों ने मंडी के गेट बंद कर सांकेतिक रूप से बरेली टनकपुर हाइवे पर जाम लगाने का प्रयास भी किया। आनन फानन में जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने हालांकि किसानों को समझा लिया। इसके बाद यह जानकारी डीएम को पता लगी। वे अपनी कुछ प्रस्तावित बैठकें बीच में छोड़कर मंडी पहुंचे और किसानों से फीडबैक लिया। डीएम ने देखा कि सरकारी केंद्रों के बजाए अन्य स्थानों पर धान कम दामों में क्रय किया जा रहा है। इस बारे में मंडी में किसानों से जानकारी लेने के बाद डीएम ने डिप्टी आरएमओ अविनाश झा समेत मंडी समिति के अन्य अफसरों को किसानों के सामने ही बुला लिया। अधिकारियो ने डीएम साहब के सामने बहाने भी बना लिए जैसे नमी है धान में, किसान का पंजीकरण नहीं हुआ है आदि आदि लेकिन डीएम साहब ने नमी की जांच कराई तो वो सही निकली और पंजीकरण की बात पर भी फटकार लगाई अधिकारियो को | किसानो के लिए यह तो बहुत ही आश्चर्य की बात थी कि पहली बार इतना बड़ा अफसर मंडी में आया और उनके हक की बात कर रहा था,कई किसानो ने अपने साथियो को फ़ोन करके मंडी बुलाया, कई किसानो ने तो यह तक कह दिया कि भगवान आए है |
इसके बाद सार्वजनिक रूप से अफसरों को खरी खरी कहीं। यही नहीं चेतावनी भी दे दी कि अब दोबारा अव्यवस्था मिली या किसानों के उत्पीड़न की शिकायत मिली तो कागजों पर बात होगी। डीएम के सख्त और नाराजगी भरे लहजे से मंडी में सन्नाटा पसर गया। हालांकि डीएम की कार्यशैली को किसानों ने ताली बजा कर समर्थन दिया। इस पर भी डीएम ने कहा कि अभी पूरा लाभ आप सबको मिल जाए तब कहिएगा। डीएम पुलकित खरे ने हिदायतें जारी करते हुए कहा जो मूल्य तय हुआ है उसी के आधार किसानों से धान क्रय किया जाए। इसके अलावा अपने तरह से काम करेंगे तो लिखा पढ़ी में बात होगी। इस वीडियों को देखने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जमीनी हालात की पहले जानकारी ली और इसके बाद जिलाधिकारी पुलकित खरे को फोन करके उनका हौसला बढ़ाया। रक्षा मंत्री ने किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील जिलाधिकारी के प्रयासों की सराहना भी की। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह किसानों के मुद्दे को लेकर हमेशा संवेदनशील रहे हैं। किसानों के यूपीए सरकार के समय में किसानों से जुड़े मुद्दे को रक्षा मंत्री ने काफी प्रमुखता से उठाया था। हाल में केंद्र सरकार के लाए गए कृषि कानून पर भी देश के किसानों के बीच में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने में लगे हैं। इसके लिए रक्षा मंत्री देश के तमाम राज्यों के किसानों, किसान नेताओं के संपर्क में हैं।