हाईवे पर गाड़ियां दौड़ाते समय ऐसा कितनी बार होता है कि कोई जानवर सड़क पार करते समय अपनी जान गवां बैठता है, क्यों ? क्योंकि जो जगह कभी उसकी थी आज वहां सड़कों की रेल है | कई बार इस पर बहस भी हो चुकी है सरकारों को वन्य जीवो के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है, वन्य प्रेमियों के मुताबिक सरकारों को केवल अपने निजी हितो और विकास के कार्यो की पड़ी रहती है, और अब तक की किसी भी सरकारों ने ऐसा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिससे वन्य जीवो के साथ साथ विकास कार्य भी सुचारु रूप से चलते रहे | यह मोदी सरकार की दूरदर्शिता और कुशल नेतृव्त क्षमता का परिणाम है कि आज असंभव से कार्य को भी संभव बना दिया | पहले जहां हमारे देश में किसी भी इतने बड़े स्तर के प्रोजेक्ट को पूरा करने में सबसे ज्यादा बाधा पर्यावरण प्रेमी किया करते थे क्योंकि उनके मुताबिक सरकारों के इस तरह से प्रोजेक्ट से वन्य जीवन को खतरा होता था | कई बार देखा गया है कि कई बार कितने जंगली जानवर मानव निर्मित वस्तुओ का शिकार हुए है, कभी कोई जानवर ट्रैन से टकरा गया, कभी कोई जानवर तेज गति से आती गाड़ी का शिकार बन गया | इसी चुनौती को देखते हुए श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने एनिमल कॉरिडोर का निर्माण शुरू किया है, जिससे वन्य जीवो को किसी भी तरह की हानि न पहुंचे और विकास कार्य जो सरकार चाहती है, उनमे भी किसी भी प्रकार की परेशानी न आए |
दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेसवे पर “एनिमल कॉरिडोर” निर्माण के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है | इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद जंगली जानवरो की रक्षा हो सकेगी और उन्हें कम खतरों का सामना करना पड़ सकेगा | एनिमल कॉरिडोर ऐसा पुल है जो जानवरों को मानव निर्मित बाधाओं को सुरक्षित रूप से पार करने की अनुमति देता है | ऐसे में दोनों मानव निर्मित चीज़ों और वन्य जीवों, उनके निवास-स्थान की सुरक्षा की जा सकती है | ये वाहनों और जानवरों के बीच टकराव होने से भी बचाते हैं | ऐसा ही एक एनिमल ब्रिज या ओवरपास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर बनने वाला है | खबरों के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे 2022 तक पूरी तरह बना जाएगा इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी ख़ूबी होगी इसके 5 एनिमल ब्रिज | 1,200 किमी लम्बे इस एक्सप्रेसवे पर भारत का पहला एनिमल ब्रिज बनेगा ताकि वन्यजीवों को कोई हानि न हो | ये ब्रिज यह सुनिश्चित करेगा की रणथंभौर वन्यजीव कॉरिडोर के जानवरों को कोई भी परेशानी न हो | यह कॉरिडोर राजस्थान में स्थित वन्यजीव अभयारण्यों रणथंभौर और मुकुंदरा (दर्रा) को जोड़ता है |
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के इस निर्णय से सबसे ज्यादा ख़ुशी राजस्थान के वन और पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई जी को हुई है, उन्होंने इसके लिए आभार माना केंद्र सरकार का कि उनके प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूर कर दिया है | यह बात गौर करने वाली है कि राजस्थान में सरकार कांग्रेस की है और केंद्र में बीजेपी की फिर भी श्री नरेंद्र मोदी जी ने किसी प्रकार की दुर्भावना का परिचय नहीं देते है, राजस्थान सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी | वरना इससे पहले की सरकारों के समय तो आधी लड़ाई इसी बात को लेकर होती थी कि किस तरह कार्य को देर तक अधर में लटकाया जाए, जिससे सामने वाली पार्टी पर आरोप लगाया जा सके कि उनके कारण विकास कार्य अवरुद्ध हो रहे है | कुल मिलाकर, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 5 ऐसे एनिमल ब्रिज होंगे जिनकी संयुक्त लंबाई 2.5 किमी से अधिक होगी | ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, जापान, कनाडा जैसे देशों में ये एनिमल ब्रिज बने हुए हैं और अब इस तरह के एनिमल ब्रिज जल्द ही भारत में भी बनते हुए दिखेंगे |