11.1 C
New Delhi

सम्प्रति प्रारम्भयते सोशल मीडिये भर्तस्कस्य क्रम: – राममन्दिरम् अब शुरू हुआ सोशल मीडिया पर धमकाने का सिलसिला – राममंदिर

Date:

Share post:

केवलं भगवा ब्रिगेडस्य अनुसारम्

केवल भगवा ब्रिगेड के अनुसार!

इस लिंक से भगवा ब्रिगेड की पोस्ट देखें !

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=979598612478072&id=542485442856060

श्व एका मुस्लिम बालिका जैनब उम्मे कुलसुमायाः फेसबुक लेखम् अपश्यत्, एते अलिखत् स्म तत् निर्मयेत अद्यापि राममन्दिरम् केचन काल उपरांत अस्य परिस्थितमपि हागिया सोफिया आया सोफिया वा मस्जिद यथा भविष्यति !

कल एक मुस्लिम लड़की जैनब उम्मे कुलसुम की फेसबुक पोस्ट देखी , जिसमें लिखा था कि बना लो अभी राममंदिर, कुछ समय बाद इसका हाल भी हागिया सोफिया या आयासोफ़िया मस्जिद जैसा होगा !

भगवा ब्रिगेड के पोस्ट द्वारा प्राप्त
फ़ेसबुक से प्राप्त

सम्प्रति मम् मस्तिष्क विचलितम् तत् अयम् हागिया सोफिया किं शक्तिम् अस्ति ? अंतर्जालम् अउत्पाटयत्, अपश्यत् तर्हि मस्तिष्क भर्मिष्यति !

अब मेरा दिमाग ठनका कि यह हागिया सोफिया क्या बला है ? इंटरनेट खोला, देखा तो दिमाग घूम गया !

हागिया सोफिया,तुर्किस्य इस्तानबुल नगरे स्थित षष्ठ शताब्दये निर्मित एकम् पूजस्थलम् अस्ति, यत् मूलतः एकम् पूर्वी आर्थोडॉक्स चर्च आसीत् ! उपरांते इयम् रोमन कैथलिक कैथेड्रल, पुनः संग्रहालय पुनः च् मस्जिदे अपरिवर्तितः !

हागिया सोफिया, तुर्की के इस्तानबुल नगर में स्थित छठी शताब्दी में निर्मित एक पूजास्थल है, जो मूलतः एक पूर्वी ऑर्थोडॉक्स चर्च था ! बाद में यह रोमन कैथलिक कैथेड्रल, फिर मस्जिद, फिर संग्रहालय और पुनः मस्जिद में बदल दिया गया !

अस्य निर्माणम् रोमन सम्राट जस्तीनियन प्रथमस्य काले ५३७ ख्रीष्टाबदे करोतु स्म, जस्तीनियन: बीजंतिनो सम्राज्यस्य स्थापनाम् अकरोत् स्म, यत् दक्षिण यूरोपात् गृहीत्वा, खाड़ी देशेभ्यः गमितुम् उत्तरी अफ्रीकैवे अप्रस्सरत् स्म ! अस्य सम्राज्यस्य राजधान्य: कांस्टेण्टिनोपोलस्य ( आधुनिक इंस्ताबुल, ट्रके) अरचयत् !

इसका निर्माण रोमन सम्राट जस्टीनियन प्रथम के काल मे सन् 537 ई० में करवाया था, जस्टीनियन ने बीजंतिनो साम्राज्य की स्थापना की थी, जो दक्षिणी यूरोप से लेकर, खाड़ी देशों से होते हुए उत्तरी अफ्रीका तक मे फैला था ! इस साम्राज्य की राजधानी कांस्टेण्टिनोपोल (आधुनिक इस्तांबुल, टर्की में) को बनाया गया !

आरम्भे अयम् चर्च काष्ठ अनिर्मित् स्म, येन कारणम् अक्सर कलहे भनक्ति निर्मयति ! पुनः जस्तीनियनस्य उत्तराधिकारिण: अस्य भव्यम् अनिर्मीत् पुनः च् अयम् न अभनक्त: !

शुरुआत में यह चर्च लकड़ी का बना था, जिस कारण अक्सर लड़ाई झगड़ों में टूटता बनता रहा ! फिर जस्टीनियन के उत्तराधिकारियों ने इस भव्य बना दिया और फिर यह नही टूटा !

पुनः बीजंतिनो सम्राज्यस्य पतनम् अभवत् ट्रके च् सुल्तान अल फतेहस्य उदयम् अभवत्, येन ओस्मान सम्राज्यस्य स्थापनाम् अकरोत्, सुल्तान अल फतेह: केवलम् २२ वर्षस्य अवस्थाये पूर्ण बीजंतिनो सम्राज्यम् ५९ दिवसेषु नष्टम् अकारयत् !

फिर बीजंतिनो साम्राज्य का पतन हुआ और टर्की में सुल्तान अल फतेह का उदय हुआ, जिसने ओस्मान साम्राज्य की स्थापना की, सुल्तान अल फतेह ने मात्र 22 वर्ष की आयु में पूरे बीजंतिनो साम्राज्य को 59 दिनों में तबाह कर दिया !

सुल्तान अल फतेहैव प्रथमाद हागिया सोफ़ियाम् मस्जिदे अपरिवर्तितः, मुस्लिमेभ्यः सुल्तान अल फतेह अल्लाहस्य दूतम् आसीत्, यतः पैगमम्बर मोहम्मद: अकथयत् स्म तत् अल्लाह तुर्के अत्याचारिनाम् विनाश करणाय एकम् दूतम् प्रेष्यष्यति, मुस्लिमानां परिलक्ष्यन्ति तत् सुल्तान अल फतेह तेनैव दूतम् आसीत् !

सुल्तान अल फतेह ने ही पहली बार हागिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील किया, मुस्लिमों के लिए सुल्तान अल फतेह अल्लाह का दूत था, क्योंकि पैगम्बर मोहम्मद ने कहा था कि अल्लाह तुर्क में अत्याचारियों का खात्मा करने के लिए एक दूत भेजेंगे, और मुस्लिमों को लगता है कि सुल्तान अल फतेह वही दूत था !

यस्य उपरांत सम्पूर्ण विश्वस्य मुस्लिमः भावनात्मक रूपेण ट्रकेन अयुजत् खलीफैव नाटकं अचलयत् !

जिसके बाद दुनिया भर के मुस्लिम भावनात्मक रूप से टर्की से जुड़ गए और खलीफा वाली नौटंकी चलती रही !

इयम् नाटकं १९३५ तमेव अचलयत्, १९३५ तमे आंग्लका: खलीफैव नाटकस्य स्माप्तम् कृत्वा ट्रके लोकतंत्रस्य स्थापनाम् अकरोत्, एकदा च् पुनः हागिया सोफ़ियाम् कमाल अता तुर्कस्य हस्ताभ्यां संग्रहालयम् अनिर्मितवान !

यह नौटंकी 1935 तक चलती रही, 1935 में अंग्रेजों ने खलीफा वाली नौटंकी को खत्म कर के टर्की में लोकतंत्र की स्थापना कर दी, और एक बार पुनः हागिया सोफिया को कमाल अतातुर्क के हाथों संग्रहालय बनवा दिया !

आंग्लकाम् अयम् ज्ञातम् आसीत् तत् यदि ते पुनः चर्च निर्मायन्ति तर्हि पुनः तेनैव मुस्लिमः-ईसाई कलहम् भविष्यन्ति तस्मात् तयोः कुशलबुद्धि दर्शितुम् हागिया सोफ़ियाम् संग्रहालये परिवर्तनम् अकरोत् !

अंग्रेजों को यह ज्ञात था कि यदि वे पुनः चर्च बनाते हैं तो फिर से वही मुस्लिम-ईसाई दंगे और मारकाट होगी इसलिए उन्होंने समझदारी दिखाते हुए हागिया सोफिया को संग्रहालय में तब्दील कर दिया !

संप्रते अनुमानतः ८५ वर्षणाम् उपरांत टर्किस्य रेसेप एर्दोगन सरकारः येन पुनः मस्जिद अनिर्मीत् नमाज पतनस्यापि च् अनुमोदनम् ददातु !

पर अब लगभग 85 वर्षों बाद टर्की की रेसेप एर्दोगन सरकार ने इसे पुनः मस्जिद बना दिया और नमाज पढ़ने की भी अनुमति दे दी !

इदानीं तस्मात् करणीय यतः ट्रके अन्तः परिस्थिति साधु न अस्ति, तस्मात् एर्दोगन: मुस्लिमाणि मूर्ख निर्माणाय अयम् कार्यम् अकरोत्, अस्य अतिरिक्त सम्पूर्ण विश्वस्य मुस्लिमानाम् ध्यान स्व प्रति आकर्षणाय तयोः रोहिंग्याम् भोजनम् आवश्यकतासि वस्तूणि प्रेषयत, इत्येन उदरं न पूरयत तर्हि ते कश्मीर मुद्दे पकिस्तानस्य प्रति बल्लेबाजी इति कर्तुम् अवतरितः !

ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि टर्की में आंतरिक हालात ठीक नही है, इसलिए एर्दोगन ने मुस्लिमों को बेवकूफ बनाने के लिए यह काम किया, इसके अलावा दुनिया भर के मुस्लिमों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उन्होंने रोहिंग्या को खाना और जरूरत की चीजें भेजी, इतने से पेट नही भरा तो वो कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की ओर से बैटिंग करने उतर आए !

पूर्ण मिलित्वा,अस्य हागिया सोफिया आया सोफ़िया च् परिज्ञायित्वा अयम् ज्ञानम् आगतः तत् अत्युअद्भूतम् कलाकृति इस्लामस्य प्रदत्तु न अस्ति, मुस्लिमानानि च् द्वितीयस्य कार्ये स्व नामस्य निशानम् आरोपयतु आगतः केवलम् !

कुल मिलाकर, इस हागिया सोफिया या आया सोफ़िया के बारे में जानकर यह समझ आ गया कि इतनी शानदार कलाकृति इस्लाम की देन नही हैं, और मुस्लिमों को दूसरों के काम पर अपने नाम की मुहर लगाना आता है बस !

ओस्मान सम्राज्यस्य काले अस्य चर्चम् परितः केवलं ४ मिनारम् अनिर्मीत् स्म, अस्य अतरिक्त सर्वम् पूर्वस्य आसीत् ! तर्हि येन कारणें भारतस्य मुस्लिमः बदन्ति तत् यथा आया सोफिया पुनर्लयतु , तथैव भारते इस्लामिक सरकारम् आगते बाबरी मस्जिदपि पुंर्लियष्यति !

ओस्मान साम्राज्य के दौरान इस चर्च के चारो ओर बस 4 मीनारें बनवाई गई थी, इसके अलावा सब पहले का था ! तो इस तर्ज पर भारत के मुस्लिम बोल रहे हैं कि जैसे आया सोफ़िया वापस लिया है, वैसे ही भारत मे इस्लामिक सरकार आने पर बाबरी मस्जिद भी वापस ले लेंगे !

हिंदुनाम् अत्र अयम् चिंत्यस्य आवष्टकतां सन्ति तत् भवान् मन्दिर निर्मिष्यति तु तेन सुरक्षितम् कदैव स्थाष्यन्ति ? यतः यदा सत्ता परिवर्तितः तत्र मंदिरे संकटम् बर्धष्यति मंदिर न खण्डनम् करिष्यति, अपितु तेन तवेदम् मस्जिदे परिवर्तित करिष्यति !

हिंदुओं को यहाँ ये समझने की आवश्यकता है कि आप मंदिर बना लेंगे, लेकिन उसे सुरक्षित कब तक रख पाएंगे ? क्योंकि जहाँ सत्ता पलटी वहां मंदिर पर खतरा बढ़ जाएगा और मंदिर तोड़ा नही जाएगा, बल्कि उसे वैसे ही मस्जिद में तब्दील कर दिया जाएगा !

अस्य वार्तासि गम्भीरतेन ग्रहणस्य अवश्यक्ताम् अस्ति, हिन्दूनि सहैव सर्कारपि स्व मन्दिरम् तथैव सुरक्षित कृत शक्नोति, यदैव भारते हिंदुत्ववादी सर्कार निर्मिष्यति, न तर्हि अपेक्षाम् केचन भविष्यति !

इस बात को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है हिंदुओं को, साथ ही सरकार भी अपने मंदिर को तब तक सुरक्षित कर सकते हैं जब तक भारत मे हिंदुत्ववादी सरकारें बनेंगी , नहीं तो शायद कुछ नहीं हो पायेगा !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Canadian Court steps in to protect Hindu Mandirs amid rising violent Khalistani Terrorism threats and Police inaction

In a landmark decision, the Superior Court of Ontario has issued an injunction to protect Toronto’s Lakshmi Narayan...

Radical Islamic Parties want to ban ISCKON, Dhaka High Court refused; What’s behind the growing tensions in Bangladesh?

The Dhaka high court on Thursday declined to issue a suo motu order “to ban ISKCON’s activities in...

What is the controversy around the Sambhal Mosque and Hari Har Mandir?

A petition was filed by Hari Shanker Jain and others in the court of the civil judge of...

Indian Govt trashes Canada report on Nijjar murder plot, calls it ‘ludicrous’

The government on Wednesday rubbished a Canadian newspaper report that alleged that Prime Minister Narendra Modi was aware...