उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं, कोरोना काल में अगले महीने की 17 तारीख से दुर्गा पूजा उत्सव शुरू होने वाला है। लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रदेश में दुर्गा पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर रोक रहेगी। उन्होंने कहा कि कोई भी सार्वजनिक आयोजन सड़कों या पांडालों में नहीं होगा। कोरोना महामारी की वजह से मेले भी नहीं लगेंगे। कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा। लोग अपने घरों में दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित कर पूजन-अर्चन कर सकते हैं।
हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दशहरा में होने वाली रामलीलाओं के मंचन की परंपरा नहीं टूटने की बात कही है। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि प्रदेश में रामलीला मंचन की परंपरा रही है, ऐसे में वह इस परंपरा को तोड़ना नहीं चाहते। कोरोना काल में रामलीला का मंचन किया जा सकेगा, लेकिन शर्त रहेगी कि वहां 100 से ज्यादा दर्शक नहीं होंगे। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेनिटाइजेशन, मास्क और हाथ धोने के निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।
बता दें कि, भारत वर्ष में कई पर्व मनाये जाते हैं। इन्हीं में से एक है दुर्गा पूजा। इस उत्सव में शक्ति रुपा माँ भगवती की आराधना की जाती है। देश के अलग-अलग राज्यों में यह पर्व मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के दौरान उत्तर भारत में नवरात्र के साथ ही दशमी के दिन रावण पर भगवान श्री राम की विजय का उत्सव विजयदशमी मनाया जाता है। उत्तर भारत में इन दिनों में रामलीला के मंचन किये जाते हैं। मेले लगते हैं। लोग बड़ी धूमधाम इन पर्वों को मनाते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार इन पर्वों की चमक फिकी पड़ सकती है।