राज्यसभा में जोरदार हंगामा, सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन, और विपक्ष की तेज राजनीति के बीच संसद से पास हुए तीन कृषि बिलों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद से ही ये तीनों कृषि बिल अब एक्ट यानि कानून बन गए हैं। दोनों सदनों से पास किये जाने के बाद इन विधेयकों को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। मोदी सरकार जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी कर सकती है। नए कृषि कानूनों को लेकर पीएम मोदी का कहना है कि इससे किसानों को फायदा और एक बंधन से आजादी मिलेगी।
गौरतलब है कि रविवार को पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इन कानूनों का जिक्र करते हुए कहा था कि,
“संसद से खेती सुधार बिलों के पारित होने के बाद किसानों को अब उनकी इच्छा के अनुसार, जहां ज्यादा दाम मिले, वहां बेचने की आजादी मिल गई है। देश का किसान और गांव ही आत्मनिर्भर भारत के आधार हैं। ये मजबूत होंगे, तभी आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।”
पीएम मोदी ने इससे पहले भी ट्वीट कर भारतीय कृषि इतिहास में हो रहे इस बदलाव को एतिहासिक बताया था।
उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि, “दशकों तक बिचौलियों द्वारा किसानों को विवश रखा गया और तंग किया जाता रहा, लेकिन संसद द्वारा पारित विधेयक उन्हें मुक्ति दिलाएगा। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को गति मिलेगी और उनकी ज्यादा समृद्धि सुनिश्चित होगी।”
वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी समेत विपक्ष के तमाम नेता इसे काला कानून बता रहे हैं, तो कईयों ने कोर्ट जाने की भी बात कही है। महाराष्ट्र सरकार ने नए कृषि कानूनों को अपने राज्य में लागू करने से इंकार कर दिया है। कानूनों को लेकर विपक्ष का आरोप है कि इससे मंडी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और किसानों को फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) नहीं मिल पायेगी। किसानों के खेतों और मंडियों में बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों का कब्जा हो जायेगा। हालांकि सरकार का कहना है कि एमएसपी की सुविधा पहले जैसी रहेगी।
जानिए क्या हैं तीनों नए कृषि कानून:-
1- कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून, 2020:- इस कानून में प्रावधान किया गया है कि किसान अपने उत्पाद मंडी से बाहर बेचने के लिए आजाद होगा। साथ ही इस कानून में राज्य के अंदर और दो राज्यों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की बात कही गई है।
2- कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020:- इस कानून के तहत किसानों को उनके होने वाले कृषि उत्पादों को पहले से तय दाम पर बेचने के लिये कृषि व्यवसायी फर्मों, प्रोसेसर, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों या बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ अनुबंध करने का अधिकार मिलेगा। साथ ही अनुबंधित किसानों को गुणवत्ता वाले बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना, तकनीकी सहायता और फसल स्वास्थ्य की निगरानी, ऋण की सुविधा और फसल बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
3- आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020:- इस कानून में अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का प्रावधान है साथ ही इस तरह की वस्तुओं पर लागू भंडार की सीमा भी समाप्त हो जायेगी।