भारत में अगर आप किसी विशेष समुदाय, धर्म, जाति, किसी विशेष पार्टी की विचारधारा से आते है जिसका मुख्य काम देश विरोधी कार्यो में लगा रहता है तो आपको बचाने के लिए कई लोग मिल जाएंगे | ऐसा ही दिल्ली दंगो में हुआ है जहां दिल्ली पुलिस ने जैसे ही दोषियों को दबोचना शुरू किया उनके समर्थन में कई लोग कूद पड़े | जेएनयू के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल हुए दंगों के मामले में इन्हें गिरफ्तार किया गया है। उमर खालिद की गिरफ्तारी पर कई तरह की राजनीतिक टिप्पणिया भी आ रही है। जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि मुस्लिम होने के चलते खालिद की गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने कहा कि कपिल मिश्रा और कोमल शर्मा बाहर खुले घूम रहे हैं जबकि उमर और सफूरा जेल में हैं।
मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा कि भारत में किसी को जेल होगी या नहीं, यह अपराध नहीं बल्कि धर्म तय करता है। इसके अलावा वकील प्रशांत भूषण ने भी कहा कि यह शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश है। मुफ्ती ने सोमवार दोपहर को ट्वीट किया, ”यह कोई संजोग नहीं है कि उमर और सफूरा जेल में हैं लेकिन कपिल और कोमल बाहर घूम रहे हैं।” मुफ्ती के ट्वीट पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जवाब दिया है उन्होंने कहा, ‘महबूबा मुफ्ती जैसे लोग सिर्फ प्रासंगिक बने रहने की कोशिश कर रहे हैं। तथ्य ये है कि दिल्ली में दंगे पूरी तरह प्लान करके किए गए।”
प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर लिखा, “सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम लेने के बाद अब उमर खालिद की गिरफ्तारी से दिल्ली दंगे की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के कुकृत्य नजरिए को समझने में कोई संदेह नहीं बचा है। यह पुलिस की ओर से जांच की आड़ में शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश है।” योगेंद्र यादव ने लिखा, “हैरानी की बात है आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए का उपयोग उमर खालिद जैसे आदर्शवादी सोच के युवा को गिरफ्तार करने के लिए किया गया है जिन्होंने हमेशा किसी भी रूप में हिंसा और सांप्रदायिकता का विरोध किया है। वह निस्संदेह उन नेताओं में से हैं जो भारत के हकदार हैं। दिल्ली पुलिस भारत के भविष्य को लंबे समय तक हिरासत में नहीं रख सकती।” महबूबा मुफ़्ती खुद मुख्यमंत्री के पद पर रही और उनके शासनकाल में हिन्दुओ की क्या दशा हुई यह सब जानते है लेकिन उन्होंने कभी हिन्दुओ के प्रति एक शब्द नहीं कहा लेकिन जैसे ही देशद्रोही उमर खालिद को पकड़ा गया सीधा उसके बचाव में कूद पड़ी और मुस्लिम कार्ड खेलने लग गई |
महबूबा मुफ़्ती जैसे लोग केवल नाम के भारतीय है लेकिन असल में यह लोग पाक समर्थक है, इनके अंदर भारत देश और हिन्दुओ के प्रति एक घृणा भरी हुई है | ये कभी भी भारत देश का भला नहीं चाहते है और हिन्दुओ का विनाश इनके अजेंडे में शुरू से रहा है | जब से मोदी सरकार ने इनको नजरबंद किया था और जैसे तत्काल प्रभाव से धारा 370 हटाई थी तब से इनके अंदर बैचनी बढ़ गई है | इनको अब कोई पूछता नहीं है तो खबरों में बने रहने के लिए ये ऐसे फालतू के बयान देते रहते है |