ऐसा लगता है की अब भारत में हिन्दुओ का रहना ही मुश्किल होता जा रहा है। अब हिन्दुओ के लिए अपने धार्मिक काम करने ही मुश्किल होते जा रहे हैं , पिछले ही दिनों हमने काफी सारी ऐसी घटनाएं देखी हैं जिनमे हिन्दुओ के लिए शोभा यात्राएं निकालना, दुर्गा और गणपति विसर्जन करना ही मुहाल हो गया है। और तो और तिरंगा यात्रा निकालने पर भी हिन्दुओ पर हमले किये जाते हैं। उनके घरो को जलाया जाता है, उनकी सम्पत्तियो को तोडा फोड़ा जाता है , उनकी ह्त्या कर दी जाती है।
ताज़ा मामला है राजस्थान के उदयपुर जिले के सलूम्बर का, जहाँ 15 नवम्बर को कुछ ऐसा हुआ है, जो अब धीरे धीरे हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। सलूम्बर में कुछ हिन्दू बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे, वहीं सामने कुछ मुसलमान लड़के भी खेल रहे थे।
अचानक से बॉल हिन्दू बच्चो की तरफ चली गयी, बॉल वापस मांगने के बजाये मुसलमान लड़को ने हिन्दू बच्चो को गालियां देनी शुरू कर दी। मुसलमान लड़के उम्र में बड़े थे, बच्चो ने जब उन्हें तमीज से बात करने को कहा, तो वहीं की नजदीकी बस्ती से काफी संख्या में मुसलमान लड़के डंडे, हॉकी , क्रिकेट बैट, तलवार, लट्ठ आदि ले कर आ गए ।
मुस्लिम बस्ती से नदीम, परवेज, आदिल, इस्तेफ़ाक़, नवाज़, सम्मद खान और अन्य कई लड़के आये और उन्होंने बिना आव या ताव देखे इन हिन्दू बच्चो की जमकर पिटाई की। एक एक बच्चे को कई कई मुसलमान लड़कों ने पकड़ कर पीटा और बाद में स्टंप्स और हॉकी आदि से उनके सर फोड़ दिए।
2 बच्चे, जिनका नाम सोहन और गौतम है, उन्हें गंभीर चोटें लगी हैं, और दोनों ही अस्पताल में मौत से संघर्ष कर रहे हैं। ये मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की इन बच्चो और लड़को की आपस में कोई जान पहचान नहीं थी और ना ही कोई पुरानी रंजिश थी, और ऐसे में एकदम से इतना बुरी तरह से हमला करने के पीछे केवल धार्मिक कारण ही लगता है ।
सलूम्बर के भोई समाज के लोगो ने आज जबरदस्त प्रदर्शन किया और पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कहा , राजस्थान में कांग्रेस सरकार होने की वजह से मुसलमान आरोपियों पर कोई कार्यवाही वैसे ही मुश्किल लग रही है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से गंगा जमुनी तहजीब को उजागर कर दिया है , कि ये सिर्फ एक दिखावा है , असलियत में ‘काफिरो’ को तो जीने का भी अधिकार नहीं। और ये हर बार जताया जाता है ऐसी घटनाओ द्वारा ।
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संस्कृत वार्तां कुत्र?