परंपरागत तौर पर जुलाई के अंतिम रविवार को रूस , नौसेना दिवस के रूप में मनाता हैं ।। वर्ष 1980 में इस परंपरा को खत्म कर दिया गया था , किंतु रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे पुनः बहाल कर दिया।। बहाल के पश्चात पुतिन हर वर्ष नौसेना दिवस को में बहुत ही वृहद स्तर पर मनाते हैं ।। नौसेना दिवस मनाने के पीछे का मुख्य कारण रूस की बढ़ती नौसेना का शक्ति प्रदर्शन दुनिया के समक्ष करना है।।
हाल ही में 27 जुलाई को नौसेना दिवस पर सेंट पीटर्सबर्ग में परेड का आयोजन किया गया।। इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुनिया को रूसी नौसैनिक की बढ़ती ताकत से परिचय कराया।। इस वर्ष परेड का मुख्य केंद्र नई पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइल रहा।। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले वर्ष ही दिसंबर में घोषणा की थी कि रूस दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है जिसके पास हाइपरसोनिक मिसाइल होगी ।। वह इस क्षेत्र में काफी निकल चुके हैं।। रूस के हाइपरसोनिक मिसाइल का नाम अवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल है।।
क्रूज मिसाइल मुख्यतः तीन प्रकार की होती है।। पहली – सबसोनिक क्रूज मिसाइल जिसकी रेंज लगभग 0.8 मैक होती है (मैक से आशय ध्वनि की गति से है अर्थात 1मैक= 332मी/सेकेंड)
दूसरी – सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल जिसकी रेंज 2 से 3 मैक तक होती है ।। इस मिसाइल का उदाहरण देखें तो भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल है , परंतु भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 500 किलोमीटर ही है जो कुछ विशेष नहीं है किंतु अगर सुपर सोनिक श्रेणी की रूस के पास मिसाइले देखें तो उनकी रेंज 9000 किलोमीटर तक की है जिसका प्रमुख उदाहरण 9M730 ब्योरवेस्तेनिक है ।।
तीसरी- हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल इसकी रेंज 5 मैक या इससे अधिक होती है ।। इसीलिए दावा किया जाता है कि हाइपरसोनिक मिसाइल को रोकना असंभव सा है ।।
रूस दुनिया का पहला देश है जिसने हाइपरसोनिक मिसाइल को विकसित कर लिया है वहीं अमेरिका इस मिसाइल को अभी तक विकसित कर पाने में सफल नहीं रहा है ।।चीन ने इस मिसाइल का परीक्षण 2025-27 के आसपास होने के आसार बताये है ।।
रूस ने यह दावा भी किया है कि अवनगार्ड हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज 5 मैक से कहीं ज्यादा 20-27 मैक की है ।।
पुतिन ने वादा किया था कि, दिसंबर 2018 में अवनगार्ड के हुए परीक्षण में वह 6000 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को भेदने में सफल रहा था।। अगर पुतिन का यह दावा सही है तो , हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को किसी भी मिसाइल डिफेंस शील्ड द्वारा न रोकें जा पाने की बात सच साबित होगी ।।
हाल ही में हुए जनमत संग्रम में जीत सुनिश्चित करने के बाद अति उत्साह से परिपूर्ण रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं उनके रक्षा मंत्री ने परेड की सलामी ली।।
सेंट पीटर्सबर्ग के अलावा सुदूर पूर्व में स्थित व्लादिवोस्तोक और पेट्रापोवस्क तथा क्रीमिया के सेवास्त़ोपोल शहर तथा शहर के टार्टस शहर में भी नौसेना दिवस मनाया गया ।। इस मौके पर ब्लैडमिर पुतिन ने कहा 200 युद्धपोत हाइपरसोनिक हथियार और चार हजार नौसैनिक हमारी नौसेना की बढ़ती ताकत का परिचय है।।
हाइपरसोनिक मिसाइल की सबसे प्रमुख विशेषता है उसकी गति , साथ ही साथ यह मिसाइल हमले के पूर्व के अंतिम क्षणों में तेजी से अपना मार्ग बदलने में भी सक्षम है जिस कारण इसके लक्ष्य का पूर्वानुमान लगाना और इसको निष्क्रिय करना बेहद मुश्किल अर्थात लगभग असंभव ही है।। 6000 किलोमीटर पर स्थित लक्ष्य को नष्ट करने के साथ-साथ यहां 2000 किलोग्राम भार के परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है।।
वर्ष 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस का पश्चिमी देशों के साथ विवाद काफी गहरा गया ।। पश्चिमी देशों के साथ दिन प्रतिदिन बढ़ते तनाव के कारण पुतिन की सर्वोच्च प्राथमिकता सेना का आधुनिकरण करना हो गया है।।
इतिहास पर नजर डालें तो वर्ष 1954 में सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता निकिता ख्रुश्चेव ने क्रीमिया को यूक्रेन-रूस मैत्री और सहयोग के तौर पर यूक्रेन को सौंप दिया था उस वक्त यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था लेकिन यूक्रेन के सोवियत संघ से अलग होने के बाद क्रीमिया रूस और यूक्रेन के बीच झगड़े की वजह बन गया।। वर्ष 2014 में रूस ने क्रीमिया प्रदीप को पूरा विलय कर लिया था जिससे यूक्रेन और रूस के बीच विवाद बढ़ गया।।
आज पूरी दुनिया के तमाम विकसित एवं विकासशील देश नए नए हथियारों को विकसित करने की होड़ में लगे हुए हैं जबकि वैश्विक स्तर पर परमाणु निशस्त्रीकरण की दिशा में कदम उठाने के प्रयास होने चाहिए विकसित एवं विकासशील दोनों को सशक्तिकरण की हूर की वजह आपसी समन्वय से मुद्दों को सुलझाने एवं विकासात्मक रणनीतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
Author – अभिनव दीक्षित
Nice article