13.1 C
New Delhi

भारत सरकार की महत्त्वपूर्ण परियोजना “नमामि गंगे” – जानिए चर्चा में क्यूं

Date:

Share post:

हिमालय के ग्लेशियर गोमुख को गंगा नदी का उद्गम कहा जाता है। मैदानी भागों में सर्वप्रथम यह उत्तराखण्ड के हरिद्वार में पहुंचती है। हरिद्वार से लेकर बंगाल की खाड़ी तक लगभग 120 शहर गंगा के तट पर बसते हैं। यही कारण रहा कि इन शहरों से निकलने वाले गंदे नाले गंगा की अविरलता, स्वच्छता को दूषित करते रहे हैं। इन शहरों में सबसे ज्यादा गंगा प्रदूषित उन शहरों से होती है, जिन शहरों में आद्योगिक इकाइयां गंगा के किनारे स्थित है, जिनसे निकलने वाले खतरनाक रसायन, दूषित जल कई वर्षों से सीधे गंगा नदी में प्रवाहित हो रहे हैं उदाहरण के तौर पर गंगा नदी के तट पर बसा कानपुर शहर को देख लीजिए। शहरो से निकलने वाले गंदे नालो को गंगा से जोड़ने का कार्य तो लगभग 85 वर्ष पूर्व ही प्रारम्भ हो गया था। वर्ष 1932 में बनारस के एक नाले को गंगा नदी से जोड़ने का कार्य तत्तकालीन कमिश्नर हाकिंग्स ने किया था। यह शुरुआत होते ही उन तमाम शहरों में में जो गंगा के तट पर बसे थे उनके नालों को गंगा से जोड़ दिया गया, जिसके फलस्वरूप गंगा दिन प्रतिदिन दूषित होती गई। आजादी के बाद कई सरकारों ने गंगा को स्वच्छ बनाने पर कार्य किये किन्तु सुखद परिणाम ना मिल सके।किन्तु वर्ष 2014 में पूर्ण बहुमत की आई मोदी सरकार ने गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के लिए “नमामिगंगे” परियोजना को अपनी महत्त्वपूर्ण परियोजना में शामिल किया और उसकी स्वच्छता के लक्ष्य निर्धारित किये।प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वच्छ भारत अभियान की तरह, नमामि गंगे परियोजना को अपनी  महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल किया यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी समय समय पर गंगा नदी से जुड़ी परियोजनाओं की स्वयं समीक्षा करते रहते हैं।

हाल ही में अभी यह योजना काफी चर्चा में है जिसका कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना से जुड़ी  छः बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का लोकार्पण हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ समेत अलग अलग शहरों में किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा को समर्पित हरिद्वार के चण्डीघाट में निर्मित म्यूजियम “गंगा अवलोकन” का भी उद्घाटन किया, साथ ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एवं भारतीय वन्य जीव संरक्षण की ओर से प्रकाशित “रोइंग डाउन द गंगा” नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में हरिद्वार से लेकर बंगाल की खाड़ी तक बदलती गंगा के बारे में प्रदर्शित किया गया है। इस मेगा परियोजना के अन्तर्गत 68 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले एक नये अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र का निर्माण किया गया है। हरिद्वार के जगजीतपुर में स्थित 27MLD क्षमता वाले अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र का अपग्रेडेशन और हरिद्वार के स्थाई में 18 MLD क्षमता वाले अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र का निर्माण शामिल हैं। जगजीतपुर का 68 MLD  क्षमता वाला अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) माडल पर आधारित है। इसी क्रम में ऋषिकेश के लक्कड़घाट पर 26 मिलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले एक अपशिष्ट जल संशोधन का भी उद्घाटन किया गया है। हरिद्वार के चन्द्रेश्वर नगर, मुनिके रेती शहर में 7.5 MLD क्षमता वाले अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र है जो चार मंजिला है। यह पहला अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र है जो चार मंजिला है। चार मंजिला संशोधन संयत्र का मकसद भूमि की उपलब्धता का कम होना है। अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र को 900वर्गकिलोमीटर से भी कम इलाके में बनाया गया है।आपको ज्ञात हो कि उत्तराखंड में 80 फीसदी अपशिष्ट जल बहाया जाता है। इन परियोजनाओं में सम्मलित ये अपशिष्ट जल संशोधन संयत्र गंगा को स्वच्छ बनाने में सहायक साबित होंगे।

इस अवसर पर एक लोगो को भी लांच किया गया, साथ ही ग्राम पंचायतों के लिए मार्गदर्शिका एवं पानी समिति का भी उद्घाटन किया गया। इन तमाम परियाजनाओ का मकसद गंगा को स्वच्छ, निर्मल एवं अविरल बनाकर गंगा को पुर्नजीवित करना है, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प मंत्रालय को दे रखी है। जुलाई 2020 में विश्व बैंक ने 300 करोड़ रुपए की नमामि गंगे परियोजना को 45 अरब रुपए अनुदान को मंजूरी दी थी।यह 45अरब रुपये विश्व बैंक ने 5 वर्ष़ो के लिए ब्याज के तौर प्रदान की है। साथ ही इस मिशन के तहत विश्व बैंक ने 25000 करोड़ रुपए की 313 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन तमाम परियोजनाओं के साथ साथ जीवनदायिनी नदी गंगा की स्वच्छता, निर्मलता, अविरलता को पुर्नजीवित करने के लिए जनभागीदारी की अत्यंत आवश्यकता है इसे भारतवासी जितना शीघ्र अतिशीघ्र समझ लेंगे लाभप्रद साबित होगा। उदाहरण के तौर पर लंदन की टेम्स नदी की स्वच्छ बनने की यात्रा को समझ सकते हैं।

अभिनव दीक्षित

बांगरमऊ उन्नाव

Reference –

https://zeenews.india.com/hindi/india/states/pm-narendra-modi-to-inaugurate-six-mega-projects-in-uttarakhand-under-namami-gange-on-tuesday/756411

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Salwan Momika, who burnt Quran in 2023, shot dead in Sweden

A man who burnt the Quran in Sweden in 2023 and drew criticism from Muslim countries has been...

Donald Trump begins crackdown on ‘illegal immigrant Criminals’; 538 arrested, hundreds deported

Delivering on the promise to apprehend and deport “illegal criminals” from the United States, the Donald Trump-led administration...

US Supreme Court clears Mumbai terror attack convict Tahawwur Rana’s extradition to India

US Supreme Court on Saturday cleared 2008 Mumbai terror attack convict Tahawwur Rana's extradition to India, PTI reported....

Devbhoomi Bet Dwarka is completely encroachment free, 36 illegal Islamic structures removed from 7 islands, Minister of State for Home shared the information

Seven islands in the Devbhoomi Dwarka district have been completely freed from illegal encroachments. These uninhabited islands are...