महाराष्ट्र में जब से महाविकास अघाड़ी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनायी है , तब से राज्य में कानून प्रणाली बर्बाद हो चुकी है। खासकर हिन्दुओ और दलितों के खिलाफ एकदम से अपराधों की झड़ी लग गयी है, और ‘सेक्युलर’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार ने ऐसे मामलो का संज्ञान लेना तो दूर, अब सरकार और पुलिस ऐसे मामलो पर लीपा पोती करती नज़र आती है, ताकि उनका सेक्युलर स्वरुप बचा रहे और उनका वोट बैंक बना रहे।
ताज़ा घटना है अमरावती के धारणी इलाके के टेम्भली गाँव की, जहां २ मुस्लिमो शेख सादिक और शेख खुदूस ने एक हिन्दू दलित महिला का गैंग रेप किया। ये महिला एक विधवा है , और कुछ ही दिनों पहले इसके बेटे का देहांत भी हुआ । महिला को खंडवा जाना था , वो बस स्टैंड पर इंतज़ार कर रही थी , तभी ये दोनों अपराधी वहां आये और महिला को खंडवा छोड़ने का वायदा किया । महिला उनके साथ जाने को तैयार हो गयी, दोनों ने महिलाओ को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा लिया।
दोनों अपराधी महिला को धरनी से टेम्भली रोड की ओर जाने को निकल गए । वहीं एक निर्जन स्थान पर उन्होंने मोटरसाइकिल रोक कर पहले महिला की बुरी तरीके से पिटाई की, उसके बाद दोनों ने उसके साथ गैंग रेप भी किया ओर उसे घायल अवस्था में वहीं छोड़ कर भाग गए।
महिला जैसे तैसे घटना की जानकारी देने पुलिस स्टेशन पहुंची, लेकिन वहां जा कर भी उसे न्याय नहीं मिला, पुलिस ने पहले तो कोई भी रिपोर्ट दर्ज करने से ही मना कर दिया , बाद में जब लोगो ने दबाव डाला तो पुलिस ने धारा 376 के तहत माला दर्ज किया । यहाँ ये बात ध्यान में रखने लायक है की पुलिस को इस मामले में 376(2) के अंतर्गत मामला दर्ज करना चाहिए था , लेकिन ऐसा लग रहा है कि पुलिस सेकुलरिज्म दिखाते हुए अपराधियों को कम सजा दिलाने में दिलचस्पी दिखा रही है । इसके अलावा पुलिस ने दलित महिला पर हुए इस अत्याचार के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST एट्रोसिटी एक्ट) के अंतर्गत भी मामला दर्ज नहीं किया है।
कुल मिलकर ये साफ़ है कि महाराष्ट्र पुलिस किसी दबाव कि वजह से इस मामले को रफा दफा करने में लगी हुई है। यहाँ ये बात भी गौर करने लायक है कि FIR दर्ज करने के बाद से ही पीढित महिला ओर उसकी १६ वर्षीय बेटी गायब है । इससे ये साफ़ हो गया है कि महाराष्ट्र सरकार कि तरफ से ही किसी को बचाने ओर इस मामले को दबाने को भरपूर कोशिश की जा रही है।
महाराष्ट्र में बड़ा ही खौफनाक माहौल बन गया है , जहां एक आम हिन्दू ओर दलित पर अत्याचार हो रहा है, और सरकार की छत्रछाया में ही ये अत्याचार किये जा रहे हैं, पालघर में तो पुलिस के सामने ही सैकड़ो लोगो ने २ हिन्दू साधुओ की पीट पीट कर हत्या कर दी। आज एक दलित महिला का भी जघन्य बलात्कार हुआ है और सरकार उसे न्याय देने के बजाय पूरे मामले को ही दबा रही है , महिला और उसके परिवार को ही गायब करवा दिया गया है , ऐसे में न्याय की क्या ही उम्मीद करें।
इस मामले सेक्युलर लिबरल और बड़ी बिंदी गैंग भी चुप है । अगर ये घटना किसी भाजपा शासित प्रदेश में होती, तो अब तक पूरे देश में बवाल हो चुका होता।