खालिस्तान का सपना देखने वाले को कनाडा सरकार ने जोरदार तमाचा मारा है, इसी वर्ष कनाडा में जनमत संग्रह कराया गया था जिसमे पंजाबी लोगो के लिए खालिस्तान देश की मांग की गयी थी। कनाडा के विदेश मंत्रालय से भारत सरकार को एक मेल किया गया जिसमे कनाडा सरकार ने कहा कि वो भारत के संविधान, एकता, अखंडता, सम्प्रभुता का सम्मान करता है और ऐसे किसी भी जनमत संग्रह को स्वीकार नहीं करता जिससे दोनों देशो के रिश्तो में कड़वाहट पैदा हो।
कनाडा सरकार के इस कदम से खालिस्तान का सपना देखने वालो को जबरदस्त झटका लगा है, कई सिख नेता और विशेषज्ञ इसको भारत की कूटनीतिक विजय बता रहे है। पंजाब पुलिस के रिटायर्ड डीजीपी शशि कांत जी ने बताया कि -“मै इसको जनमत संग्रह नहीं मानता क्योकि जनमत संग्रह किसी भी देश की भौगोलिक सीमा के अंदर कराया जाता है, ऐसा नहीं कि हम यहाँ से बैठे बैठे दूसरे देश का जनमत संग्रह करा दे “। उन्होंने आगे कहा कि यह सबसे बड़ी जीत है भारत सरकार की क्योकि इससे कोई भी हमारे देश के आतंरिक मामलो में दखल नहीं करेगा।
ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदर सिंह बिट्टा ने कहा कि यह कोई जनमत संग्रह नहीं बल्कि पाकिस्तान की ISI का काम है जिसके लिए वो इसकी फंडिंग करते है खालिस्तानियों को। उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में सिख समुदाय ने अपना नाम रोशन किया है और सिख धर्म को फैलाया है और अगर कुछ लोग खालिस्तान की मांग करते है तो जरुरी नहीं कि पूरा सिख समुदाय उनका समर्थन करता है।
Author – Raunak Nagar
Disclaimer – It’s an approx hindi translation of this article [ https://aninews.in/news/national/general-news/canada-snubs-so-called-punjab-2020-referendum-experts-call-it-indias-diplomatic-victory20200725172205/]