31.1 C
New Delhi

भारतस्य राजनितेव न अपितु नयपालस्य राजनितेपि अस्ति पप्पू – धृष्टता क्षम्य ! भारत की राजनीति में ही नहीं अपितु नेपाल की राजनीति में भी हैं पप्पू – गुस्ताखी माफ !

Date:

Share post:

शताब्देन राम मंदिर अयोध्यास्य विवाद भारते भवति स्म, सम्प्रति राम मन्दिरस्य निर्माणम् भवति ! सम्पूर्णानि विश्वानि मान्यतु ज्ञाययतु वा, राम चरित्र मानसस्य कवि तुलसी दास: स्व पूज्यनीय ग्रन्थे उल्लिखति सन्ति! “जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि। उत्तर दिसि बह सरजू पावनि।।” अथौ मम जन्मभूमि बहु एव सुन्दरम् अस्ति तत्र उत्तर दिशि प्रति सरयू प्रवहति ! अस्य छंदेन स्पष्टम् भवत्येव यत्र राम: जन्मम् अलभत, यः अयोध्याम् अस्ति ! अयोध्याम् यः अस्ति यत्र सरयू उत्तर दिशि प्रति प्रवहति !

सदियों से राम मंदिर अयोध्या का विवाद भारत में हो रहा था,अब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है ! पूरे विश्व ने इसे माना व जाना, रामचरित्र मानस के कवि तुलसी दास ने अपने पूजनीय ग्रन्थ में लिखा है ! जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि। उत्तर दिसि बह सरजू पावनि।। अर्थात मेरी जन्मभूमि बहुत ही सुंदर है जहाँ उत्तर दिशा की ओर पावन सरयू बहती है ! इसी छंद से स्पष्ट हो जाता है कि जहां राम ने जन्म लिया, वह अयोध्या है ! अयोध्या वह है जहां सरयू उत्तर दिशा की ओर बहती है !

राममंदिर का प्रतीक चित्र

विद्वान जनैः अस्य भान भवनीय,येन अस्य वस्तविक्तस्य भान न भव तेन एकम् चक्रम् पुनः रामचरित्र मानसस्य अध्ययनम् करणीय, तेन तत्र स्थानस्य अनुसन्धानम् करणीय यत्र उत्तर दिशि प्रति सरयू प्रवहति,अनर्गल प्रलाप मा करणीय, नैव ज्ञानीजन तेन अवधी भाषेषु पप्पू इति कथ्यते !

विद्वान लोगों को इसकी जानकारी होनी चाहिए, जिन्हें इस वास्तविकता की जानकारी न हो उन्हें एक बार पुनः रामचरित्र मानस का अध्ययन करना चाहिए, उन्हें उस जगह की तलाश करना चाहिए जहां उत्तर दिशा की ओर सरयू बह रही हो, अनर्गल प्रलाप नहीं करना चाहिए,नहीं तो ज्ञानीजन उसे अवधी भाषा में पप्पू कहते है !

चित्रपटम् पश्य !

वीडियो देखें !

नयपालस्य ज्ञानी प्रधानमंत्री खड्ग प्रसाद ओली: (नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी) चिनस्य इंगिते नयपाल प्रत्येन नव राजनीतिक स्थल चित्र संचारते भारतस्य कति क्षेत्रै: एते सम्मिलतस्य च्गृहीत्वा प्रथमैव भारतस्य अलोचनास्य केन्द्रबिंदुम् अरचता: ! सम्प्रति अयोध्याम् भारते न मानित्वा सः नयपाले मान्यन्ति !

नेपाल के ज्ञानी प्रधानमंत्री खड्ग प्रसाद ओली (नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी) चीन के इशारे पर नेपाल की ओर से नया राजनीतिक नक्‍शा जारी करने और भारत के कुछ हिस्‍सों को इसमें शामिल करने को लेकर पहले ही भारत की आलोचना के केंद्रबिंदु बने हुए हैं ! अब अयोध्या को भारत में न मानकर वह नेपाल में मान रहे हैं !

आगतः विदित्यति किं मान्यन्ति ओली !

आइये जानते हैं क्या मानते हैं ओली !

नयपालस्य प्रधानमंत्री स्व निवासे आयोजित कार्यक्रमे अकथयत् अयोध्या नयपाले अस्ति, भारतम् एकः कृत्रिम अयोध्याम् विश्वस्य पटले धृत्वा सांस्कृतिक अतिक्रमणम् अकरोत् ! तेन अकथयत् भगवतः श्रीरामस्य नगरी अयोध्या, भारतस्य उत्तर प्रदेशे न वस्तुतः नयपालस्य बाल्मीकि आश्रमस्य समीपम् अस्ति ! नयपाली विदेश मंत्रालय: स्व स्पष्टीकरणम् दत्वा अस्य पुष्ट्यपि कारयतु !

नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपने निवास पर आयोजित कार्यक्रम में कहा ‘अयोध्‍या’ नेपाल में है, भारत ने एक नक़ली अयोध्या को दुनिया के सामने रखकर सांस्कृतिक अतिक्रमण किया है ! उन्होंने कहा भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या, भारत के उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि नेपाल के बाल्मीकि आश्रम के पास है ! नेपाली विदेश मंत्रालय ने अपना स्पष्टीकरण देकर इसकी पुष्टि भी कर दी !

नयपालस्य विदेश मंत्रालयः स्व बचने त्रय मुद्देषु स्पष्टीकरणम् अददात् सर्वेण प्रथमे कथयतु “इदम् टिप्पणिका: कश्चित राजनीतिक मुद्देन न सम्मिलत: आसीत् कश्चितस्य च् भावनानि क्षति कृतस्य यत्नम् मासीत्” अग्रे कथित्यति ” श्रीराम : तेन सबंधित स्थलानाम् च् गृहीत्वा बहु मतम् सन्दर्भम् चास्ति, प्रधानमंत्री श्रीराम:,अयोध्या तेन च् सम्बंधित स्थलानाम् गृहीत्वा तथ्यानाम् ज्ञानाय केवलं तम विस्तृत सांस्कृतिक भूज्ञानस्य अध्ययनम् शोधस्य च् महत्त्वस्य उल्लेख इति करोति स्म येन रामायणम् प्रदर्शित करोति” !

नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में तीन मुद्दों पर स्पष्टीकरण दिया है सबसे पहले कहा गया है, “ये टिप्पणियाँ किसी राजनीतिक मुद्दे से जुड़ी नहीं थीं और किसी की भावनाएँ आहत करने का इरादा नहीं था.” आगे कहा गया है, “श्री राम और उनसे संबंधित स्थानों को लेकर कई मत और संदर्भ हैं, प्रधानमंत्री श्री राम, अयोध्या और इनसे जुड़े विभिन्न स्थानों को लेकर तथ्यों की जानकारी के लिए केवल उस विशाल सांस्कृतिक भूगोल के अध्ययन और शोध के महत्व का उल्लेख कर रहे थे जिसे रामायण प्रदर्शित करती है” !

ओलिस्य राजनैतिक विरोधिनः किं कथयन्ति ?

ओली के राजनैतिक विरोधी क्या कहतें हैं ?

राष्ट्रीय प्रजातंत्र दलस्य (आर पी पी) मुख्याधिकारी नयपालस्य निवर्तमान उप प्रधानमंत्री च् कमल थापा: पी एम ओलिस्य बचनस्य सख्त आलोचना कृतासीत्,तेन अलिखत्, “कश्चितापि प्रधानमंत्रै:अस्य प्रकारस्य आधारहीनम् अप्रमाणितम् च् वार्ता दात्तुम् उचितम् न अस्ति,इदृशीम् प्रतीतास्ति पी एम ओली भारतम्के नयपालस्य च् सम्बंधम् क्षतिग्रस्त कृतेच्छति, वरन तेन तीक्ष्ण महौलम् न्यूनम करणाय कार्यम् करणीय” !

राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आर पी पी) के चेयरमैन और नेपाल के पूर्व उप-प्रधानमंत्री कमल थापा ने पी एम ओली के बयान की कड़ी आलोचना की थी,उन्होंने लिखा, “किसी भी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह का आधारहीन और अप्रामाणित बयान देना उचित नहीं है, ऐसा लगता है पी एम ओली भारत और नेपाल के रिश्ते और बिगाड़ना चाहते हैं जबकि उन्हें तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए.” !

नयपालस्य निवर्तमान प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई विदेश मंत्रालयस्य स्पष्टीकरण वार्ता उपरांते ट्वीट अकरोत् “छिद्र लघु भवेत तर्हि सुचिकर्मन् कृतपि तेन ढक्क शक्नोति,यतताम वृहद छिद्रम् केन प्रकारेण बन्दम् भविष्यति,वस्तुतः के पी ओली निज हैसियतेन बदतु तर्हि कश्चितस्य केनोपि प्रभावः न जातेव तेन किं अबदत्, अपितु देशस्य प्रधानमंत्रिणः वार्ता राजनीतिक नास्ति, अयम् कः विश्वासम् करिष्यति,प्रधानमंत्रिणः पूर्वादेव असंगत राष्ट्रहितस्य वा विपरीत आचरणस्य मा ढक्कनीय, तेन विदेव करणीय” !

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई ने विदेश मंत्रालय के स्पष्टीकरण वाले बयान के बाद ट्वीट किया, “सुराख़ छोटा होता तो रफ़ु कर भी उसे ढका जा सकता है, इतना बडा सुराख़ कैसे बंद होगा ,अगर के पी ओली निजी हैसियत से बोले होते तो किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि उन्होंने क्या बोला है ,लेकिन देश के प्रधानमंत्री की बात राजनीतिक नहीं है, ये कौन विश्वास करेगा, प्रधानमंत्री के लगातार असंगत व राष्ट्रहित के विपरीत आचरण को ढंकना नहीं चाहिए, उनको विदा ही करना चाहिए” !

नयपालस्य लेखकः ख्यातिप्राप्त राजनीतिक विश्लेषकः च् कनक मणि दीक्षित: ट्वीट अकरोत् “भगवतः रामस्य जन्म कुत्र अभवत् अयोध्या कुत्र अस्ति,इदानीं पौराणिक वार्ते विरोध तिष्ठेयतु पी एम ओलिस्य मूर्खतापूर्ण प्रयत्नमस्ति, अपरपि केवलं भारत सर्कारस्य मने उपस्थित स्थितस्य कारणें कड़वाहटमस्ति,एतेशां कारणात् जनेषु अपि विद्रोह उत्पादयतु”

नेपाल के लेखक और जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक कनक मणि दीक्षित ने ट्वीट किया है, “भगवान राम का जन्म कहाँ हुआ और अयोध्या कहाँ है, ऐसी पौराणिक बातों पर विवाद खड़ा करना पी एम ओली की मूर्खतापूर्ण कोशिश है, अभी तो सिर्फ़ भारत सरकार के मन में मौजूदा स्थिति के कारण कड़वाहट है, इससे लोगों में भी फूट पैदा हो सकती है.” !

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Modi Govt summons German & US Diplomats for remarks on Kejriwal’s arrest, also warned of “unhealthy precedents and against “unwarranted aspersions”

The government has objected strongly to remarks by a US State Department spokesperson on Delhi Chief Minister Arvind...

Moscow concert hall attack: At least 143 killed, over 100 wounded, ISIS took responsibility

As Moscow saw one of its deadliest terror attacks in decades, with over 143 people killed as gunmen...

Alleged “Kattar Imaandaar” Delhi CM Arvind Kejriwal arrested by ED in Delhi Excise Scam Case

In an interesting turn of events, the so called "Kattar Imaandaar" Delhi CM Arvind Kejriwal has been arrested...

Illegal Rohingya migrants have no right to reside in India: Modi govt’s blunt response to the Supreme Court

The Modi government through the Ministry of Home Affairs has filed an affidavit before the Supreme Court of...