लद्दाखस्य पूर्वी क्षेत्रे चिनी भूमिकायाम् भारतम् तीक्ष्ण आपत्तिम् अस्ति ! चिनम् काले काले बचनम् परिवर्तित करोति ! तम् क्रमे भारतम् सम्प्रति चिन शत्रु न अपितु मित्रम् अबदत् !
लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में चीनी भूमिका पर भारत को कड़ा ऐतराज है ! चीन समय समय पर बयान बदलता रहता है ! उसी कड़ी में भारत को अब चीन ने दुश्मन नहीं बल्कि दोस्त बताया है !
किं चिनम् भारतम् परस्परस्य मित्रम् भव शक्नोति ! किं भारतम् प्रति चिनम् पूर्ण प्रकारेण उदारम् अस्ति ! इदम् द्वयो प्रश्नम् अद्यस्य संदर्भे अनिवार्यम् स्तः ! चिनम् भारतेन सह सह चलनस्य वार्ताम् तर्हि करोति ! तु भूमौ यस्य प्रकारेण तत् असाधु भावनेन सह समक्षम् आगच्छति, तस्य कारणेन चिने विश्वासम् कृतं सम्भवम् न भवति !
क्या चीन और भारत एक दूसरे के दोस्त हो सकते हैं ! क्या भारत के प्रति चीन पूरी तरह से ईमानदार है ! यह दोनों सवाल आज के संदर्भ में वाजिब हैं ! चीन भारत के साथ साथ चलने की बात तो करता है ! लेकिन जमीन पर जिस तरह से वो बुरी नीयत के साथ पेश आता है, उसकी वजह से चीन पर भरोसा करना मुश्किल होता है !
अभिनवे सीडीएस बिपिन रावतः अकथयत् स्म तत वर्तमान कलहम् समापन कृते यदि कुटनीतिकम् राजनीतिकम् च् प्रयत्नम् असफलम् रहति तर्हि सैन्य विकल्पम् अस्ति ! तस्य उपरांत चिने द्वंदम् अस्ति !
हाल ही में सीडीएस बिपिन रावत ने कहा था कि मौजूदा तनाव को खत्म करने में अगर कूटनीतिक और राजनीतिक कोशिश नाकाम रहती है तो सैन्य विकल्प है ! उसके बाद चीन में हड़कंप है !
भारतम् चिनस्य मध्य वार्तेव मार्गम् – सुन विडोंग: !
भारत चीन के बीच बातचीत ही रास्ता – सुन विडोंग !
इंडिया यूथ चित्रपट द्रुतम् सम्मेलने बदितम् चिनस्य राजदूतम् सुन विडोंग: कथनम् अस्ति तत भारतम् चिनम् प्रतिद्वंदीम् न मित्रम् मान्यति, ललकारस्य स्थाने अवसरम् मान्यति ! मया आशाम् अस्ति तत उचित स्थाने द्वयो देशौ मध्य सिमा सम्बन्धितम् कलहम् निष्पादिष्यते !
इंडिया यूथ वेबिनार में बोलते हुए चीन के एंबेस्डर सुन विडोंग का कहना है कि भारत को चीन प्रतिद्वंदी नहीं दोस्त मानता है, चुनौती की जगह अवसर मानता है ! हमें उम्मीद है कि उचित जगह पर दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित विवाद सुलझा लिए जाएंगे !
इदम् वार्ता सतास्ति तत अभिनवस्य दिवसेषु यत् वृत्तांतम् अघटत् तस्य कारणेन अविश्वासस्य परिवेशम् अनिर्मयत् ! तु यदि भवान् द्वयो देशयो आर्थिक सम्बन्धौ अपश्यत् तर्हि विश्वे सर्वात् अधिकम् वणिज्यम् भवति ! आगतम् काले आर्थिक सम्बन्धानां महत्ता सततं बर्धिष्यति ! इति सत्यम् प्रत्येकम् स्वीकारम् करिष्यते !
यह बात सच है कि हाल के दिनों में जो घटना घटी है उसकी वजह से अविश्वास का माहौल बना है ! लेकिन अगर आप दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को देखें तो विश्व में सबसे ज्यादा व्यापार हो रहा है ! आने वाला समय में आर्थिक रिश्तों की महत्ता और बढ़ती जाएगी ! इस सच्चाई को हर एक को स्वीकार करना होगा !
अविश्वासस्य इदानीं वातावरणस्य समापने द्वयो देशौ सम्मुखम् आगतेव भविष्यति ! सः वेत्ति तत उचित प्रकारेण वार्तेन कलहयुक्त मुद्दानि निष्पादयस्य दिशायाम् अग्रम् बर्धनीय ! द्विपक्षीयम् सम्बन्धौ दृढ़ कृतस्य अवश्यक्ताम् अस्ति !
अविश्वास के इस वातावरण के छंटने में दोनों देशों को सामने आना ही होगा ! वो समझते हैं कि उचित तरह से बातचीत के जरिए विवादित मुद्दों को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ! द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की जरूरत है !
यदि भवान् पूर्वस्य इतिहासम् अपश्यत् तर्हि प्रापिष्यति तत कलहस्य मध्यापि द्वयो देशम् अग्रम् बर्धयते ! येन सहैव सः अकथयत् तत यत् तथ्यम् अस्ति, तस्मिन् वार्ताम् कृतं सरलम् भवति ! यदि प्रकरणम् कश्चित धारणे सम्बन्धितम् असि तर्हि तस्य निराकरणे कालम् लगति !
अगर आप पीछे के इतिहास को देखें तो पाएंगे कि विवाद के बीच भी दोनों देश आगे बढ़ते रहे हैं ! इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो तथ्य हैं, उस पर बातचीत करना आसान होता है ! अगर मामला किसी धारणा से संबंधित हो तो उसके निराकरण में समय लगता है !