Trunicle.com इति २ अक्टूबर इत्यस्य एकम् वार्तास्य माध्यमेन सन्देहम् व्यक्तयते स्म,
(का योगी सर्कारम् गर्हितस्य षड्यंत्रम् तर्हि न चलति उत्तर प्रदेशे ?) सम्प्रति सन्देहम् सते परिवर्तितः प्रतीतं भवति कुत्रचित योगी: हाथरस प्रकरणे सीबीआई इति अन्वेषणस्य आदेशम् अददाते, तु प्राप्तम् सूचनास्य अनुरूपम् कश्चितापि दलानि कुटुम्बस्य जनाः वा सीबीआई अन्वेषणम् न इच्छन्ति ! अस्य का अर्थम् निस्सरयते ?
Trunicle.com ने 2 अक्टूबर की एक खबर के माध्यम से आशंका जताई थी, (क्या योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं चल रही उत्तर प्रदेश में ?) अब आशंका सच में बदलती हुई प्रतीत हो रही है क्योंकि योगी ने हाथरस प्रकरण में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन प्राप्त सूचना के अनुसार कोई भी दल व परिवार के लोग सीबीआई जांच नही चाहते हैं ! इसका क्या अर्थ निकाला जाए ?
उत्तर प्रदेशस्य हाथरसे कथितः सामूहिक बलात्कार हननस्य वा घटनाया: विरुद्धम् तत्र सम्पूर्ण देशे विरोध प्रदर्शनम् निरन्तरते तत्रैव इति प्रकरणे राजनीतिमपि बहु तीव्रेण भवति ! विगत दिवसेषु कश्चित विपक्षीम् दलानां नेतारः हाथरसस्य भ्रमणम् अकरोत् तत्र पीड़ित कुटुंबेन मेलनम् अकरोत् !
उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप व हत्या की घटना के खिलाफ जहां पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है वहीं इस मामले में राजनीति भी जोर शोर से हो रही है ! बीते दिनों कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने हाथरस का दौरा किया और वहां पीड़ित परिवार से मुलाकात की !
इति प्रकरणे सम्प्रति प्रदेशस्य सीएम योगी आदित्यनाथस्य वृहद बचनं आगतवान ! सीएम योगी: विपक्षीम् दलेषु सरल रूपे लक्ष्यम् लक्ष्यत: अकथयत् तत तेन प्रदेशे विकासम् न रोचते तर्हि सम्प्रति ते जातीय कलहम् संक्षोभयन् इच्छन्ति !
इस मामले में अब प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान आया है ! सीएम योगी ने विपक्षी पार्टियों पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें प्रदेश में विकास अच्छा नहीं लग रहा तो अब वे जातीय दंगे भड़काना चाहते हैं !
सः अकथयत् तत विपक्ष हाथरस प्रकरणम् गृहित्वा जातीय उत्तेजनां उत्पन्न कृतस्य प्रयत्नम् करोति ! तेन इयम् विकासम् न रोचते अतएव ते जातीय सांप्रदायिकम् वा कलहम् संक्षोभयन् इच्छन्ति ! इति कलहस्य ओटे तेन स्व राजनीतिक रोट्टिका पच्यतस्य अवसरम् प्राप्यिष्यति ! तु तस्य इति षड्यंत्रै: चेत् भवतः वयं विकासस्य इति प्रक्रियाम् तीव्रतेन सह अग्रम् बर्द्धिष्यते !
उन्होंने कहा कि विपक्ष हाथरस मामले को लेकर जातीय तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है ! उन्हें ये विकास अच्छा नहीं लग रहा है इसलिए वे जातीय व सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं ! इस दंगे की आड़ में उन्हें अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा ! लेकिन उनके इन षड़यंत्रों से आगाह होते हुए हमें विकास की इस प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाना होगा !
भवान् अज्ञापयत् तत सोशल मीडिया इते सामाजिक वैमनस्यता प्रसारयस्य षड्यंत्रम् गृहित्वा आरक्षकम् लक्ष्मणनगरस्य हजरतगंज पातकीस्थाने आरक्षकम् अभियोगम् पंजीकृतं अकरोत् ! द्वितीयम्प्रति, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री: हाथरस घटनायामपि षड्यंत्रस्य आरोपम् आरोप्यते ! अकथयत् विपक्षम् न इच्छति सत् सम्मुखम् आगते !
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर सामाजिक वैमनस्यता फैलाने की साजिश को लेकर पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में पुलिस ने दर्ज कराया मुकदमा ! दूसरी तरफ, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने हाथरस कांड में भी साजिश के आरोप लगाए ! कहा विपक्ष नहीं चाहता सच सामने आए !
अस्य अतिरिक्तम् कांग्रेस नेता राहुल गांधी: प्रियंका गांधी वाड्राया: शानिवासरम् हाथरस गतस्य कालम् अत्र डीएनडी फ़्लाईओवर इते दलम् कार्यकर्तानां कथित रूपे उत्पात कृतं गृहित्वा लगभगम् ५०० जनानां विरुद्धम् अभियोगम् पंजीकृतं कृतवान !
इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के शनिवार को हाथरस जाने के दौरान यहां डीएनडी फ्लाईओवर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के कथित तौर पर हंगामा करने को लेकर करीब 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है !
एकम् वरिष्ट आरक्षक अधिकारिम् रविवासरम् इयम् ज्ञानम् अददात् ! कांग्रेस कार्यकर्तेषू कथित रूपे धारा १४४ इतम् उल्लंघनम् कृतं महामारी अधिनियमस्य अनुरूपम् च् इयम् अभियोगम् शानिवासरम् बहु रात्रि पातकीस्थानम् सेक्टर-२० इते पंजीकृतं कृतवान !
एक वरिष्ट पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी ! कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर धारा 144 का उल्लंघन करने और महामारी अधिनियम के तहत यह मामला शनिवार देर रात थाना सेक्टर-20 में दर्ज किया गया !
सरकारी सूत्राणि अकथयत् तत सुरक्षा विभागानि एकम् इदृशं बेबसाइट इत्यस्य ज्ञातम् अज्ञायत् यस्मिन् हाथरसम् गृहित्वा बहु ज्ञानानि अददाते स्म !
सरकारी सूत्रों ने कहा कि एजेंसियों ने एक ऐसी वेबसाइट का पता लगाया है जिसमें हाथरस को लेकर कई जानकारियां दी गई थी !
justiceforhathrasvictim.carrd.co नामेन अकस्मात निर्मयतः इति बेबसाइट इते अज्ञापयत् स्म तत कीदृशं सुरक्षितम् रूपेण विरोधम् अक्रियते आरक्षकस्य च् बन्धनेन निविर्तयते ! तत्रैव अस्मिन् कलहानां कालम् सुरक्षितम् न्यवसय अश्रु गैसस्य गोलकम् ध्वंसनम् बन्दीम् भवे च् उत्थायतम् पगानां उल्लेखम् कृतवान !
justiceforhathrasvictim.carrd.co नाम से अचानक बनी इस वेबसाइट में बताया गया था कि कैसे सुरक्षित रूप से विरोध किया जाए और पुलिस के चंगुल से बचा जाए ! वहीं इसमें दंगों के दौरान सुरक्षित रहने और आंसू गैस के गोले दागने और गिरफ्तारी होने पर उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र किया गया है !
इति बेबसाइट इते सम्पूर्ण देशेन हस्तिनापुरम्, कलिकाता, अहमदाबाद यथा स्थानेषु विरोध प्रदर्शनम् जनयात्रा आयोजित कृते शक्तिम् अददाते स्म ! अधिकृत आईडी इत्यस्य प्रयोगम् कृत्वा केचनैव घटकेषु सहस्राणि जनाः सोशल मीडिया मार्गे हाथरसस्य घटनादा अनृत सूचनां अनृत वार्ताम् प्रसृतः अप्राप्तये !
इस वेबसाइट में देश भर से दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद जैसी जगहों पर विरोध प्रदर्शन और मार्च आयोजित करने पर जोर दिया गया था ! फर्जी आईडी का इस्तेमाल करके कुछ ही घंटों में हजारों लोग इस वेबसाइट से जुड़ गए ! इसके यूजर्स को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हाथरस की घटना के बारे में गलत सूचना और अफवाह फैलाते हुए पाया गया है !
सुरक्षा विभागानां सक्रिय भवतैव बेबसाइट स्व परिचालनम् स्थगितयते बेबसाइट च् स्थगितयते ! वस्तुतः तेषु अपलोड इति अक्रियते ज्ञानम् विभागानां पार्श्व सुरक्षितमस्ति ! बेबसाइट इत्येन बहु फोटोशॉप्ड चित्रम्, अनृत वार्ताम् एडिटेट विजुअल अपिच् अप्राप्तये !
सुरक्षा एजेंसियों के सक्रिय होते ही वेबसाइट ने अपना परिचालन बंद कर दिया और वेबसाइट बंद कर दी है ! हालांकि, उन पर अपलोड की गई जानकारी एजेंसियों के पास सुरक्षित है ! वेबसाइट से कई फोटोशॉप्ड चित्र, फेक न्यूज और एडिटेट विजुअल भी बरामद किए गए हैं !
यूपी सर्कारस्य सूत्राणि अनुरूपम्, बेबसाइट इतम् इस्लामिक देशै: बहु धनम् प्राप्तयति स्म एमनेस्टी इंटरनेशनल इत्येन सह तस्य लिंक इतस्यपि अन्वेषणम् क्रियते ! इयमपि सन्देहयते तत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) इति च्, यत् नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) इत्यस्य विरोध प्रदर्शनस्य कालम् कलहेषु सम्मिलितम् अप्राप्तये स्म, ततपि यस्मिन् सम्मिलितमासन् !
यूपी सरकार के सूत्रों के मुताबिक, वेबसाइट को इस्लामिक देशों से भारी फंडिंग मिल रही थी और एमनेस्टी इंटरनेशनल के साथ उनके लिंक की भी जांच की जा रही है ! यह भी संदेह किया जा रहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई), जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान दंगों में शामिल पाए गए थे, वो भी इसमें शामिल थे !