17.1 C
New Delhi

कृषकान्दोलने मध्यप्रदेशस्य कृषिमंत्री कमल पटेल: अबदत् ! किसान आंदोलन पर MP के कृषि मंत्री कमल पटेल बोले !

Date:

Share post:

फोटो साभार ट्वीटर

कृषकान्दोलनस्य उष्णताया देश: द्वय-चत्वारः इति भवति इंद्रप्रस्थ सीमाया च् गृहित्वा बहु स्थानेषु कृषका: कृषि विधेयकम् गृहित्वा पूर्ण शक्तिम् विरोधम् कुर्वन्ति !

किसान आंदोलन की तपिश से देश दो-चार हो रहा है और दिल्ली बार्डर से लेकर तमाम जगहों पर किसान कृषि कानून को लेकर पुरजोर विरोध कर रहे हैं !

इति मध्य मध्यप्रदेशस्य कृषिमंत्री कमल पटेल: आन्दोलनम् गृहित्वा कथनं अदादते सः अकथयत् तत अयम् कृषक संघम् मास्ति, विदेशी शक्तिभिः वित्त पोषितं सन्ति यत् न इच्छति तत देश: तीक्ष्णासि !

इस बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने आंदोलन को लेकर बयान दे डाला उन्होंने कहा कि ये किसान यूनियन नहीं हैं, विदेशी ताकतों द्वारा वित्त पोषित हैं जो नहीं चाहते कि देश मजबूत हो।

कमल पटेलस्य प्रेस कांफ्रेंस इत्यस्य एकम् चलचित्रम् सम्मुखम् आगतवान,यस्मिन् सः कथमस्ति तत ५०० कृषकसंघा: कुकुरमुत्ता इति इव सम्मुखम् आगतवान ! अयम् कृषक संघम् मास्ति,अयम् मध्यीनि देश-विरोधिन् संगठनै: च् संलग्नम् जनाः सन्ति ! ते विदेशी शक्तिभिः वित्तपोषितमस्ति यत् नैच्छति तत देश: तीक्ष्णासि !

कमल पटेल के प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 500 किसान यूनियनें कुकुरमुत्ता की तरह सामने आ गई हैं। ये किसान यूनियन नहीं हैं,ये बिचौलियों और देश-विरोधी संगठनों से जुड़े लोग हैं। वे विदेशी ताकतों द्वारा वित्त पोषित हैं जो नहीं चाहते कि देश मजबूत हो।

तत्रैव मंत्री कमल पटेल: अकथयत् तत कृषिया सम्बंधित ऐतिहासिक सुधारेभ्यः केंद्र सरकारेण अनिर्मयत् त्रय नव कृषि विधेयकानि गृहित्वा भारतीय जनता दलम् १५ दिसंबर तः सम्पूर्ण प्रदेशे व्यापक जनजागरण अभियानम् आरम्भयिष्यति कृषकानि च् विधेयकानां लाभेण अवगतं करिष्यते !

वहीं मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कृषि से संबंधित ऐतिहासिक सुधारों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी 15 दिसंबर से प्रदेश भर में व्यापक जनजागरण अभियान शुरू करेगी और किसानों को कानूनों के लाभ से अवगत कराया जाएगा।

दृष्टयास्ति तत कृषि विधेयकानां विरुद्धम् कृषकानां विरोध प्रदर्शनम् निरन्तरति,विधेयकेषु संशोधनस्य सर्कारस्य प्रस्तावम् निरस्तं कृतस्य अनन्तरं कृषक संगठन: सोमवासरं निराहारे अरहत् तत्रैव केंद्र सर्कारस्य कथनमस्ति तत वार्तायाः मार्गम् अनावृताभवत्,तु कृषकानां याचनामस्ति तत वार्ता तदा सम्भवमस्ति यदा कृषि विधेयकानि निरस्तं अक्रियते !

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, कानूनों में संशोधन के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद किसान संगठन सोमवार को अनशन पर रहे वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि बातचीत का रास्ता खुला हुआ है,लेकिन किसानों की मांग है कि बातचीत तभी मुमकिन है जब कृषि कानूनों को रद्द किया जाये।

कृषकानि धरना इति दत्त: १९ दिवसं अभव्यते केंद्र सरकारेण च् केचन कालस्य अभवत् वार्तायाः अद्यैव कश्चित परिणाम न अनिस्सरयते सरकार: विधेयकानि कृषकानां हिते बदयति, यद्यपि कृषक संगठन: येन पुनर्नियस्य याचनायाम् अडिगमस्ति इत्यात् न्यूने च् सहमतम् न परिलक्ष्यते !

किसानों को धरना देते हुए 19 दिन हो चुके हैं और केंद्र सरकार से कुछ दौर की हुई बातचीत का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है, सरकार कानूनों को किसानों के हित में बता रही है, जबकि किसान संगठन इसे वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं और इससे कम पर राजी नहीं दिख रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Salwan Momika, who burnt Quran in 2023, shot dead in Sweden

A man who burnt the Quran in Sweden in 2023 and drew criticism from Muslim countries has been...

Donald Trump begins crackdown on ‘illegal immigrant Criminals’; 538 arrested, hundreds deported

Delivering on the promise to apprehend and deport “illegal criminals” from the United States, the Donald Trump-led administration...

US Supreme Court clears Mumbai terror attack convict Tahawwur Rana’s extradition to India

US Supreme Court on Saturday cleared 2008 Mumbai terror attack convict Tahawwur Rana's extradition to India, PTI reported....

Devbhoomi Bet Dwarka is completely encroachment free, 36 illegal Islamic structures removed from 7 islands, Minister of State for Home shared the information

Seven islands in the Devbhoomi Dwarka district have been completely freed from illegal encroachments. These uninhabited islands are...