30.1 C
New Delhi

७० वर्ष पूर्व अद्यैवस्य दिवसं अभवत् स्म, सरदार पटेलस्य निधनम् ! 70 साल पहले आज ही के दिन हुआ था,सरदार पटेल का निधन !

Date:

Share post:

देशस्य प्रथम उपप्रधानमंत्री गृहमंत्री च् सरदार वल्लभ भाई पटेलस्य निधनम् १९५० तमे अद्यैवस्य दिवसं अभवत् स्म ! ३१ अक्टूबर १८७५ तमम् गुजरातस्य खेड़ा जनपदे एके कृषक कुटुंबें उत्पन्नमभवत् सरदार पटेलम् तस्य कूटनीतिक क्षमताभिः सदैव स्मरयेत् !

देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का निधन 1950 में आज ही के दिन हुआ था। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में एक किसान परिवार में पैदा हुए सरदार पटेल को उनकी कूटनीतिक क्षमताओं के लिए हमेशा याद किया जाता है।

पटेल: स्वतंत्रताया: अनन्तरं देशस्य मानचित्रम् उपस्थितम् स्वरूपम् दत्ते अमूल्य योगदानं दत्त: ! देशम् एकसूत्रम् कृतस्य दिशायाम् पटेलस्य राजनीतिक कूटनीतिक च् क्षमतां अहम् भूमिकाम् अनिर्वहत् ! भारत रत्नेण सम्मानित: सरदार पटेल: १५ दिसंबर १९५० तमम् अंतिम स्वांसम् ग्रहणते !

पटेल ने आजादी के बाद देश के नक्शे को मौजूदा स्वरूप देने में अमूल्य योगदान दिया। देश को एकजुट करने की दिशा में पटेल की राजनीतिक और कूटनीतिक क्षमता ने अहम भूमिका निभाई। भारत रत्न से सम्मानित सरदार पटेल ने 15 दिसंबर 1950 को अंतिम सांस ली।

देशस्य एकता अखंडतायाम् सरदार पटेल: महत्वपूर्ण योगदानं दत्तवान ! स्वतंत्रताया पूर्व तस्य तत्क्षण अनन्तरस्य च् अनिश्चयेण परिपूर्ण वातावरणे सरदार पटेल: देशस्य ५६२ राज्यानि भारते सम्मिलितं कृतस्य जिम्मेवारिम् उत्थायेत् !

देश की एकता और अखंडता में सरदार पटेल ने अहम योगदान दिया। आजादी से पहले और उसके तत्काल बाद के अनिश्चय से भरे माहौल में सरदार पटेल ने देश की 562 रियासतों को भारत में शामिल करने का जिम्मा उठाया !

सः एकस्य राष्ट्रस्य रूपे संलग्ने सफलं अभवत् ! सः देशस्य प्रशासनिक तंत्रम् तीक्ष्ण कृतेन सहैव सहकारितायाम् बलम् दत्तवान देशम् च् प्रत्येक स्थितियां विकासे अग्रम् बर्धनाय प्रेरितवंत: !

उन्हें एक राष्ट्र के रूप में जोड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने देश के प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने के साथ ही सहकारिता पर जोर दिया और देश को हर हाल में विकास पर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया।

सरदार पटेलस्य नितिया: अग्रम् बहवः राज्यानि स्वयमम् भारतीय संघे विलयम् कृतवान ! तु हैदराबादस्य,जम्मू-कश्मीरस्य कठियावाड़स्य च् राज्यानि भारत मातु: शरीरे कंटकायाः भांति उदाकृति स्म !

सरदार पटेल की नीति के आगे ज्यादातर रियासतों ने खुद को भारतीय संघ में विलय कर दिया। लेकिन हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर और काठियावाड़ की रियासतें भारत माता की शरीर में कांटों की तरह चुभ रही थीं।

तु सरदार पटेलस्य नीतिया: अग्रम् स्वतंत्रताया: स्वप्नम् पश्यति हैदराबादस्य नृपं कठियावाड़स्य शासकं व नमयतु ! तस्य प्रयासै: भारतस्य वर्तमान मानचित्रम् वयं सम्मुखमस्ति त्रिवर्णम् शौर्येण आरोहयाम: च् !

लेकिन सरदार पटेल की नीति के आगे स्वतंत्रता का सपना देख रहे हैदराबाद के निजाम और काठियावाड़ के शासक को झुकना पड़ा। उनके प्रयासों से भारत का मौजूदा नक्शा हम सबके सामने है और तिरंगा शान से लहरा रहा है।

पटेलस्य कुशल रणनीति तीक्ष्ण इच्छाशक्तियाः च् प्रत्येकं प्रशंसकमासीत् ! महिला: तेन प्रेमात् सरदार इति आहूत प्रारम्भयते ! भारतस्य एकीकरणे तस्य महत् योगदानाय तेन भारतस्य लौहपुरुष इत्यस्य रूपे ज्ञायते !

पटेल की कुशल रणनीति और फौलादी इरादों का हर कोई कायल था। महिलाओं ने उन्हें प्यार से सरदार बुलाना शुरू कर दिया। भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिये उन्हे भारत का लौह पुरूष के रूप में जाना जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Radical Jihadi Changur Baba held in Rs 100 crore conversion racket, UP ATS cracks foreign-funded syndicate

The Yogi Adityanath-led government in Uttar Pradesh has dealt a significant blow to illegal religious conversion networks with...

Why Opposition Parties in Bihar Are Against the Election Commission

As Bihar gears up for its Assembly elections in October-November 2025, a political storm has erupted over the...

Kerala Government faces scrutiny over YouTuber Jyoti Malhotra’s tourism invite amid Espionage Charges

Jyoti Malhotra, a Haryana-based YouTuber known for her travel content, has recently been arrested on charges of espionage...

From Conscience to Consciousness

A Unified World Family