केवल प्रतीक चित्र
पाणिग्रहणाय बलात् धर्मान्तरणस्य विरुद्धम् अध्यादेश नीयस्य उपरांत उत्तर प्रदेश सरकार: सम्प्रति लगभगम् ४ दशक पुरातन तम् योजनां समाप्त कृते विचार्यति,यस्मिन् अंतरधार्मिक पाणिग्रहणाय प्रोत्साहन धनस्य प्रवधानमस्ति !
शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश लाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अब करीब चार दशक पुरानी उस योजना को खत्म करने पर विचार कर रही है, जिसमें अंतरधार्मिक विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है।
अंतरजातीयम् अंतरधार्मिकम् च् पाणिग्रहण प्रोत्साहन योजना १९७६ तमे तत्कालीन उत्तर प्रदेशस्य सर्कारस्य राष्ट्रीय एकीकरण विभागेन आरम्भयते स्म ! दशकानि उपरांत यदा उत्तराखंडम् उत्तर प्रदेशात् बाह्य कृतवान,तर्हि प्रोत्साहन योजनां अचल अधार्यते ! सम्प्रति उत्तराखंडमापि इति योजनाया पश्च स्खलयति !
अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना 1976 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार के राष्ट्रीय एकीकरण विभाग द्वारा लागू की गई थी। दशकों बाद जब उत्तराखंड को यूपी से बाहर किया गया, तो प्रोत्साहन योजना को बरकरार रखा गया। अब उत्तराखंड भी इस योजना से पीछे हट रहा है।
इति योजनायाः लाभम् उत्थाय अंतरधार्मिक पाणिग्रहण कृतं दम्पतिम् पाणिग्रहणस्य द्वय वर्षस्य अभ्यांतरम् जनपदाधिकारीयाः पार्श्व आवेदनं कृतं भवति स्म ! यस्मिन् सत्यापनस्य उपरांत दम्पतिम् एकेनसह धनम् प्रदत्तयते स्म !
इस योजना का लाभ उठाने के लिए अंतरधार्मिक शादी करने वाले दंपति को शादी के दो साल के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन करना होता था ! जिसमें सत्यापन के बाद दंपति को एक मुश्त धनराशि प्रदान की जाती थी !
२०१७ तमे उत्तर प्रदेश सरकारः निश्चित कृतवान तत अंतरधार्मिक पाणिग्रहण कृतं दम्पति पाणिग्रहणस्य उपरांत धर्मान्तरणम् क्रियते तर्हि सः प्रोत्साहन धनम् न प्राप्यष्यति !
2017 में यूपी सरकार ने तय किया गया कि अगर अंतरधार्मिक शादी करने वाले कपल शादी के बाद धर्म परिवर्तन कर लेते हैं तो उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिलेगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया इत्यस्य एकम् सूचनायाः अनुरूपम्,पूर्व वर्ष इति योजनायाः लाभार्थीनां संख्या ११ आसीत्,येन ५०-५० सहस्र रूप्यकानि अददाते ! वस्तुतः २०२० तमे सम्प्रत्येव कश्चितं इति योजनायाः लाभम् न प्राप्नोति,अपितु इत्याय ४ आवेदनं आगतवान, यत् अद्यापि लम्बितमस्ति !
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार,पिछले साल इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 11 थी, जिन्हें 50-50 हजार रुपये दिए गए। हालांकि 2020 में अब तक किसी को इस योजना का लाभ नहीं मिला है, बल्कि इसके लिए चार आवेदन आए हैं, जो अभी लंबित हैं !
अत्र उल्लेखनीयमस्ति तत उत्तरप्रदेश कैबिनेट इति २४ नवंबर इतम् लव जिहाद इति अध्यादेशम् स्वीकृतिम् दत्तम्,यस्य अनुरूपम् विधिविरुद्धेन धर्मांतरणे अवरोधस्य प्रावधानं अक्रियते ! उपरांते राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इति अध्यादेशम् स्वीकृतिम् दत्तवान !
यहां उल्लेखनीय है कि यूपी कैबिनेट ने 24 नवंबर को लव जिहाद अध्यादेश को मंजूरी दी, जिसके तहत गैरकानूनी रूप से धर्मांतरण पर रोक का प्रावधान किया गया है।बाद में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी।
नव विधेयकस्य अनुरूपम्,यदि कश्चित जनः पाणिग्रहणाय बलात् धर्मांतरणस्य दोषिम् प्राप्यते तर्हि तेन एकात् पंच वर्ष एवस्य बन्दीम् भवशक्नोति ! अस्य अनुरूपम् पातकम् अमुक्ति पत्रम् भविष्यति !
नए कानून के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति शादी के लिए जबरन धर्मांतरण का दोषी पाया जाता है तो उसे एक से पांच साल तक की कैद हो सकती है। इसके तहत अपराध गैर-जमानती होगा।