एक ज़माना होता था, जब मैनस्ट्रीम मीडिया की तूती बोला करती थी । इनके खुफिया सूत्र और विश्वस्त सूत्रों का महत्त्व हुआ करता था। सरकार बनाने गिराने से ले कर सरकार ठेके, अंदरूनी खबरें, मंत्रालयों का बंटवारा आदि खबरें पहले इन्ही मीडिया के क्षत्रपों के पास आया करती थी, फिर आम जन को पता लगता था। लेकिन 2014 में मोदी सरकार आने के बाद तो ऐसा लगता है की जैसे तथाकथित मैनस्ट्रीम मीडिया का काम केवल फर्जी खबरें और नैरेटिव फैलाने का रह गया है। सोशल मीडिया को वजह से इनके झूठ की पोल में तुरंत ही खुल जाती है ।
ताज़ा मामला है कानपूर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी का।विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ मिल कर 8 पुलिस वालो को हत्या कर दी, उसके बाद से ही वो फरार चल रहा था। पिछले 2 दिन से उत्तर प्रदेश पुलिस को कई टीम विकास दुबे को पकड़ने के लिए अलग अलग प्रदेशो में भागदौड़ कर रही थी, दुबे के कई नजदीकी लोग या तो गिरफ्तार कर लिए गए थे, अन्य कई का एनकाउंटर भी कर दिया गया था। लेकिन हमारे मीडिया के एक्सपर्ट्स को तो जैसे एक मौका मिला गया था फर्जी खबर फैलाने का, तो देखिये कैसे उन्होंने झूठ फैलाया और बाद में एक्सपोज़ भी हो गए।
ये हैं 2 BHK पत्रकार के नाम से प्रसिद्द रोहिणी सिंह , इनके अनुसार विकास दुबे तो फरीदाबाद में बीकानेरवाला रेस्टॉरेंट पर आराम से खाना खा रहा है, जाहिर है कहाँ फरीदाबाद और कहाँ उज्जैन 🙂
ये हैं स्वाति चतुर्वेदी, 10 जनपथ की विश्वस्त पत्रकार हैं, और तथ्यों को गोलमोल करने में इनका कोई जोड़ नही। इनके अनुसार विकास दुबे तो नेपाल पहुंच चुका है, अब आप स्वयं भी नेपाल और उज्जैन के बीच की दूरी देखिये और समझिये की ये पत्रकार महोदया कितना बड़ा झूठ कितनी सफाई से बोल जाती हैं ।
ये हैं सोनिया गाँधी के अतिविश्वस्त और 2002 से ही सेकुलरिज्म एक्सपर्ट, मेडिसन स्क्वायर पर मुक्केबाजी करने वाले राजदीप सरदेसाई। इनके अनुसार इनकी किन्ही IPS अफसर से बात हुई है, और उनके अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस कभी भी विकास दुबे को गिरफ्तार नहीं करेगी, उसका एनकाउंटर करेगी, ताकि ‘किन्ही’ ख़ास लोगो को बचा सके, जिनके राज विकास दुबे के पास है। लेकिन हाय रे फूटी किस्मत, राजदीप एक बार फिर से झूठे साबित हो गए।
अब जब इतने निर्लज्ज पत्रकारों का झुण्ड बेइज्जती करवाने को तैयार हो, तो महान वकील प्रशांत भूषन कैसे पीछे रहते, ये भी कूद पड़े हमाम में, जहां सभी नंगे हैं 🙂
इन्होने तो सीधा उत्तर प्रदेश पुलिस पर ही एनकाउंटर करने का आरोप लगा दिया, खैर इनका दर्द भी समझा जा सकता है, इनके कई क्लाइंट मारे गए एनकाउंटर में, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा।
जब झूठ का दरिया बह रहा हो तो कांग्रेस IT सेल के हेड कैसे पीछे रहते, इन्होने भी झूठ फैला दिया कि विकास दुबे फरीदाबाद से घूमता हुआ उज्जैन चला गया।
खैर अब मीडिया का ये हाल है की कोई भी इनके रिएक्शंस के बारे में आराम से बता सकता है। अगर उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे का एनकाउंटर कर देती, तो ये योगी सरकार को कोसते कि उन्होंने एक मासूम को मार दिया । गिरफ्तार कर लेती तो कह रहे हैं कि मारा क्यों नहीं। कोई उसे नेपाल भेज रहा है, कोई फरीदाबाद में बता रहा है.
दरअसल इन पत्रकारों का पत्रकारिता से कोई सरोकार नहीं है, ये एक संगठित गिरोह चलते हैं, जो इन्हे पैसा देता है, उसकी जी हुजूरी बजाना और फर्जी खबरें फैलाना ही इनका एकमात्र काम है, और इसी वजह से इनकी विश्वसनीयता अब ख़त्म हो चुकी है। लेकिन शर्म है कि इन्हे आती ही नहीं ।