30.1 C
New Delhi

रक्षामंत्री: राजनाथ सिंहस्य सन्देशम्,देशस्य सुरक्षाय कश्चितापि मूल्य व्याय तत्परम् ! रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संदेश,देश की सुरक्षा के लिए कोई भी कीमत अदा करने के लिए तैयार !

Date:

Share post:

चुशूले शुक्रवासरम् भारत चिनस्य मध्य कोर कमांडर इतानां अष्टानि उच्च स्तरीय वार्ता भवेयम् ! तस्मात् सटीक पूर्व एकम् कार्यक्रमे रक्षामंत्री: राजनाथ सिंह: अकश्चितस्य नामाय अकथयत् तत कश्चितापि देशम् भारतस्य सीमाया आनन्दक्रीड़ायाः आज्ञाम् न दाशक्नोति !

चुशूल में शुक्रवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडरों की 8वीं उच्च स्तरीय वार्ता होने वाली है ! उससे ठीक पहले एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि किसी भी देश को भारत की सीमा के साथ खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती है !

सीमायाम् अतिक्रमणस्य तर्हि प्रश्नैव न उत्पादयति ! अस्य सहैव सः अकथ्यत् तत यदि कश्चित इति प्रकारस्य इच्छाम् धृति तर्हि सः विस्मरयते ! येन सह इयमपि अकथयत् तत भारतीय सीमायाः रक्षणाय यतपि मूल्यम् व्ययष्यते तस्मै वयं सर्वम् सदैव तत्पमस्ति !

सीमा पर अतिक्रमण का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है ! इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई इस तरह की हसरत रखता हो तो वो भूल जाए ! इसके साथ यह भी कहा कि भारतीय सीमा की हिफाजत के लिए जो भी कीमत अदा करनी होगी उसके लिए हम सब हमेशा तैयार हैं !

रक्षामंत्री: अकथयत् तत १९६५,७१ च् तमे भारत पकिस्तानस्य च् मध्य द्वय युद्धम् अभवत् यस्मिन् पकिस्तानस्य पराजयते ! इति द्वयो युद्धयो पराजय स्व स्वे इति वार्तास्य साक्ष्य तम् जनेभ्यः अस्ति यत् पकिस्तानम् सलाहयते तत सः केवलं भारतात् साम्नां कृते सक्षमम् नास्ति !

रक्षा मंत्री ने कहा कि 1965 और 71 में भारत और पाकिस्तान के बीच दो युद्ध हुए जिसमें पाकिस्तान की हार हुई ! इन दोनों लड़ाइयों में पराजय अपने आपमें इस बात का सबूत उन लोगों के लिए है जो पाकिस्तान को समझाए कि वो अकेले भारत से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है !

येन सहैव मालाबार अभ्यासस्य प्रति अकथयत् तत इंडो पैसिफिक रीजन इत्ये इति प्रकारस्य एक्सरसाइज इत्येन सम्पूर्ण प्रान्तरे सुरक्षायाः भावम् उत्पादयति ! राजनाथ सिंह: अकथयत् तत भारतस्य कदापि कश्चितस्य भूमे न रहति !

इसके साथ ही मालाबार अभ्यास के बारे में कहा कि इंडो पैसिफिक रीजन में इस तरह की एक्सरसाइज से पूरे इलाके में सुरक्षा का भाव पैदा होता है ! राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की नजर कभी भी किसी की जमीन पर नहीं रही है !

वयं सहअस्तित्वे विश्वास कृतं जनाः सन्ति ! तु यदि इतिहास अपश्यते तर्हि भारतस्य उपरि युद्धम् स्थाप्यते तम् प्रकारस्य च् परिस्थितियाम् भारतं पूर्णरूपेण साम्नां कृतवान प्रमाणितं कृतवान च् तत वयं केवलं कश्चितापि युद्धस्य स्थितिम् परिवर्तयते !


हम सहअस्तित्व में विश्वास करने वाले लोग हैं ! लेकिन अगर इतिहास देखा जाए तो भारत के ऊपर युद्ध थोपा गया और उस तरह की परिस्थिति में भारत ने पुरजोर मुकाबला किया और साबित कर दिया कि हम अकेले किसी भी लड़ाई के रुख को बदल सकते हैं !

यत्रैव सहवासिन् देशभिः सह सम्बन्धस्य प्रश्नमस्ति तत अस्माकं प्रयत्नमस्ति तत सर्वात् मेलित्वा विकासस्य पथे समूहम् अग्रम् बर्ध्यते ! तु यदि कश्चित प्रयत्नम् करिष्यति तर्हि तेन उचितम् उत्तरम् अवश्यम् प्राप्यिष्यति !

जहां तक पड़ोसी देशों के साथ संंबंध का सवाल है तो हमारी कोशिश है कि सबसे मिलजुलकर विकास के पथ पर कारवां को आगे बढ़ाया जाए ! लेकिन अगर कोई हिमाकत करेगा तो उसे उचित जवाब जरूर मिलेगा !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Surrender is a Sign of Strength

Zelensky's surrender would be a sign of commonsense.

PM Modi warns about Congress’s EVIL ‘Wealth Redistribution to the Infiltrators’ idea, Why this idea will bring Doomsday for India?

A day after he triggered a political backlash by saying that a Congress government would distribute the nation’s...

PM Modi dropped a Political Bombshell, says ‘Congress will redistribute wealth to Muslim Infiltrators’

Prime Minister Narendra Modi, on April 21, dropped a Political bombshell, when he asserted that if the Congress...

Rohingya Terrorist groups holding over 1600 Hindus and 120 Buddhists hostage in Myanmar

In what seems to echo the 2017 massacre of Hindus by Rohingya terror groups in Myanmar's Rakhine state,...