सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ एक जंग सी छेड़ रखी है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध में आरोपितों को सजा दिलाने वाले राज्यों की सूची में शीर्ष स्थान पर है। एनसीआरबी (NCRB) द्वारा प्रकाशित क्राइम इन इंडिया के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध अपराध में सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है और जहां पर इनके खिलाफ अपराध हुए भी हैं तो आरोपितों की तेजी से धरपकड़ कर कड़ी कार्रवाई की गई है।
एनसीआरबी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बलात्कार के मामलों में पांच अपराधियों को फांसी के तख्ते पर पहुंचाया जा चुका है और 193 मामलों में आजीवन कारावास की सजा दी गई है। जानकारी के मुताबिक यूपी में वर्ष 2017 में योगी सरकार आने के बाद से महिलाओं पर अत्याचार व दुराचार के अपराधियों पर मौजूदा सरकार लगाम लगाने में कारगर साबित हुई है। प्रदेश में 2016 के मुकाबले 2020 में बलात्कार के मामलों में 42.24 फीसदी कमी आई है। वहीं महिलाओं के अपहरण के मामलों में करीब 39 फीसदी कमी आई है।
जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 में बलात्कार की घटनाओं में 27.32 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के साथ घटित घटनाओं पर कार्रवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट के अभियुक्तों के खिलाफ सरकार ने न्यायालयों में साक्ष्यों के आधार पर पैरवी करते हुए सजा दिलाने का काम किया है। फिलहाल, अभी भी प्रदेश की विभिन्न कोर्ट में दुष्कर्म के 20 हजार से भी अधिक मामले लम्बित हैं। साथ ही आपको बता दें कि, सीएम योगी के निर्देश पर महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी को लाने के लिए प्रदेश में 17 से 25 अक्टूबर तक महिला सुरक्षा पर विशेष अभियान भी चलाया जाएगा।