13.1 C
New Delhi

भारत की सुपारी

Date:

Share post:

भारतीय घरों में, पान के शौकीनों के लिए सुपारी एक खाने की वस्तु के रूप में जानी जाती है लेकिन मुंबई के अंडरवर्ल्ड जगत में ‘सुपारी’ का मतलब कुछ और ही है। फिल्मों के माध्यम से सुपारी का ये रूप आज हर जनमानस तक पहुँच चुका है।

किसी भी व्यक्ति की हत्या कराने के लिए दिये गए कॉन्ट्रैक्ट को सुपारी कहा जाता है। इसके लिए व्यक्ति के पद और कद को देखते हुए कीमत तय होती है। कुछ राशि का भुगतान बतौर एडवांस किया जाता है और बाकी का भुगतान ‘काम होने’ के बाद दिया जाता है।
भारत पर लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी जब 2014 में पूरी तरह से सत्ता से बेदखल हुई और नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर देश की बागडोर संभाली तबसे लेकर आजतक कांग्रेस राज में किये गए ऐसे ऐसे राज सामने आ रहे हैं जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी।

अपनी सत्ता से बेदखली से हैरान परेशान कांग्रेस ने 2014 से 2019 के मोदी सरकार के कालखंड में कई प्रकार से इस सरकार को बदनाम करने की कोशिशें की जो कि 2019 से शुरू हुए दूसरे कालखंड में भी जारी है। बल्कि इस दौर में कांग्रेस अब अपने घिनौने रूप में सामने है तो भी अतिश्योक्ति नहीं होगी।
आये दिन फेक न्यूज़, सरकार पर बिना सबूत आरोप, हिंदुओं की हत्या पर चुप्पी, वर्ग विशेष के लिए दिन रात रुदन आज सभी को दिखाई दे रहा है।
2004 से 2014 के यूपीए सरकार के 10 वर्षों के कालखंड को देखा जाए तो सबसे ज़्यादा घोटाले और आतंकी हमले इसी समय देश में हुए। बड़े बड़े उद्योपतियों को फोन पर अरबों रुपयों के लोन बाँटने के लिए बैंकों को विवश किया गया। खबरें तो यहाँ तक यहाँ कि इसके लिए बाकायदा वित्त मंत्रालय से फोन जाते थे।
देश में सबसे बड़ा आतंकी हमला 26/11 मुंबई भी इसी दौरान सन 2008 में हुआ था। इतनी बड़ी आतंकी घटना के बावजूद कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने पाकिस्तान का सीधे तौर पर हाथ होने के बावजूद कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। कड़ी कार्रवाई के नाम पर क्रिकेट बंद करना, कड़ी निंदा करना और  डोज़ियर पे डोज़ियर भेजकर पाकिस्तान सरकार और वहाँ की न्याय व्यवस्था से ये उम्मीद करना कि वो इन आतंकियों को गिरफ्तार करके सज़ा दे। जबकि 26/11 की घटना में शामिल तमाम आतंकी आज भी पाकिस्तान में बेखौफ घूम रहे हैं।
कराची से चले आठ आतंकी समुद्र के रास्ते हथियारों समेत बेखौफ भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में प्रवेश करते हैं और बेखौफ होकर भारत की सड़कों पर मौत का तांडव रचते हैं। हज़ारों निर्दोष भारतीय और विदेशी नागरिक इस घटना में मारे जाते हैं, घायल होते हैं। ये सब तब होता है जब केंद्र और राज्य दोनों ही जगह कांग्रेस की सरकारें थीं।
अमेरिका के 9/11 घटना जैसी ही ये एक घटना थी। लेकिन इतनी बड़ी घटना के बावजूद देश में अगले ही वर्ष यानी 2009 में कांग्रेस केंद्र और राज्य दोनों ही जगह दुबारा पहले से ज़्यादा सीटों के साथ सत्ता पर काबिज़ हो जाती है। इसका मुख्य कारण ये रहा कि सत्ता में रहते हुए तमाम न्यूज़ चैनल, बड़े पत्रकार कांग्रेस के लिए एक तरह से एजेंट या साफ साफ कहें तो दलालों का काम करते थे, कुछ तो आज भी कर रहे हैं।
अटलजी के ‘इंडिया शाइनिंग’ की बुरी तरह से छीछालेदर करने और जनमानस में अटल सरकार के लिए नकारात्मक माहौल बनाने वाले मीडिया ने इतनी बड़ी घटना को भी कोई मुद्दा न तो बनाया और न बनने दिया।
कठपुतली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक बार फिर देश की बागडोर या कहें कि प्रधानमंत्री पद की नौकरी का पदभार संभाल चुके थे। 
सत्ता संभालने के बाद से मोदी सरकार ने ऐसे हज़ारों एनजीओ बंद कर दिए जो देश में रहकर विदेशों से चंदा प्राप्त करके उसी पैसे से देश विरोधी और हिंदुत्व विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
इस वर्ष आए कोरोना महामारी के संकट से जूझते हुए देश में दो महीनों के लॉक डाउन लागू किया गया और ये देश में पहला अवसर था जब पूरा देश ठप्प कर दोय गया। व्यापार, नौकरी, हवाई अड्डे, रेलगाड़ी सब बंद कर दिया गया। लेकिन इन सबका फायदा उठाते हुए पड़ोसी देश चीन ने भारत के साथ सीमा पर तनाव की स्थिति पैदा करना शुरू कर दी।
एक तरफ संपूर्ण विश्व को कोरोना जैसी महामारी देनेवाला चीन अब अपनी विस्तारवादी नीति कोरके बार फिर से भारत में अंजाम देने की फ़िराक़ में लग गया। डोकलाम में मुँह की खाने के बाद चीन कैसे भी इस अवसर को भुनाने की ताक में बैठा था।
इसे प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता ही कही जाएगी कि सत्ता संभालने के बाद से ही उन्होंने चीन की सीमा से लगते वर्षों से उपेक्षित उत्तरपूर्व भारत में निर्माण कार्यों और विकास की झड़ी लगा दी।
बड़ी संख्या में सड़कों, पुलों, रेलमार्गों, हवाई अड्डों, हवाई पट्टियों का निर्माण किया गया। इनमें वो इलाके भी शामिल हैं जिनमें कांग्रेस सरकारों के रहते कभी कोई निर्माण कार्य चीन की आपत्तियों के कारण नहीं किया गया था।
मोदी की इसी नीति से चीन बौखला उठा और उसने पहले डोकलाम में विवाद किया और अब गवलान घाटी में तनाव की स्थिति उत्पन्न की। इसी दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा कई बार चीनी अधिकारियों से मुलाकात की खबरें भी सामने आईं।
वर्षों तक कांग्रेस द्वारा पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और चीन को भी हमेशा ‘खुश’ रखने का प्रयास किया गया। बल्कि इन देशों के परमाणु संपन्न और चीन का हमसे कहीं अधिक ताकतवर होने का भ्रम कांग्रेस और वामपंथियों द्वारा फैलाया गया। 2013 में चीन द्वारा भारत की 640 वर्ग किलोमीटर ज़मीन हथिया लेने जैसी घटना को भी दबा दिया गया।
जबकि इसी मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, डोकलाम और गवलान घाटी में पाकिस्तान, चीन के दावों की हवा निकाल दी। पाकिस्तान को दो बार घर में घुसकर मारा, चीन को डोकलाम में पीछे हटने पर मजबूर किया और अभी हाल ही में हमारे वीर जवानों ने एक बार फिर अदम्य साहस का परिचय देते हुए गवलान घाटी में भी चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
लेकिन पहले सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े करने, मोदी विरोध करते करते देश विरोध करने वाली कांग्रेस ने एक बार भी पाकिस्तान और चीन की आलोचना नहीं की। बल्कि इन कदमों के लिए भारत सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए।
पूर्व रक्षामंत्री ए के एंटोनी खुद ये स्वीकार कर चुके थे कि देश में पर्याप्त गोला बारूद, हथियार नहीं है बल्कि ये कहें कि कांग्रेस ने इस ओर ध्यान न देकर जानबूझकर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का अपराध किया था।
देश भर में CAA NRC के विरोध प्रदर्शनों, हिंसा, आगजनी की घटनाओं को किसी और ने नहीं बल्कि खुद कांग्रेस के कथित आलाकमान ने ही भड़काया था। जबकि CAA NRC का बिल खुद कांग्रेस ही कभी संसद में लेकर आई थी। लेकिन बिल पास होने पर सरकार के विरोध में देश को हिंसा की आग में झोंकने में भी कांग्रेस पीछे नहीं हटी थी।
चीन के साथ चल रहे विवाद और युद्ध जैसे हलतोंमें भी देश के साथ खड़े होने की बजाय सरकार द्वारा चीन के विरुद्ध की जा रही सैन्य योजनाओं की जानकारी सार्वजनिक किये जाने की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अजीबोगरीब माँग और राहुल गांधी द्वारा सरकार पर लगाये जा रहे अनर्गल आरोपों ने कांग्रेस द्वारा 2008 में चीनी राष्ट्रपति की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ किये गए एक कथित समझौते की खबरें बाहर आने के साथ ही देश की जनता को ये समझ आ  गया कि परदे के पीछे कोई बड़ा खेल खेला जा रहा है।
रॉफेल पर राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री पर लगातार बेबुनियाद, झूठे आरोप लगाना, रॉफेल की तकनीकी जानकारी सार्वजनिक करने की माँग के तार अब जुड़ते नज़र आ रहे हैं।
जब तक भारत के 20 जवानों के बलिदान की खबरें आई तब तक राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार पर हमले करती रही। चीन द्वारा भारतीय भूभाग कब्ज़ा लिये जाने का भ्रम फैलाया जाता रहा लेकिन जैसे ही चीन ने इस खबर की पुष्टि हुई कि भारत ने उसकी सीमा में जाकर चीनी सैनिकों को सबक सिखाया और चीन के 150 से भी ज़्यादा सैनिक हताहत हुए हैं।  तबसे राहुल गांधी, सारी कांग्रेस पार्टी और चीन के लिए दिल में फूलों की बगिया सजाए तमाम वामपंथी दलों और नेताओं को साँप सूँघ गया है।
इन तमाम घटनाओं और इनमें कांग्रेस पार्टी की भूमिका को देखकर लगता है कि कांग्रेस ने अंडरवर्ल्ड को भी मात दे दी है। अंडरवर्ल्ड में किसी व्यक्ति की ‘सुपारी’ दी जाती है लेकिन कांग्रेस ने तो जैसे पूरे देश की ही सुपारी ले ली हो इसे बर्बाद करने के लिए।
लेकिन अति का अंत होकर रहता है, कांग्रेस के इन पापों का भी अंत निश्चित है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Modi Govt grants Indian citizenship to 12 Hindus, who escaped Religious Persecution in Bangladesh, under CAA

The Indian government, under the leadership of Prime Minister Narendra Modi, has taken a significant step in providing...

Is the Pro-Palestine Movement the Exact Same Replica of Hitler’s Nazi Movement?

The comparison between the contemporary pro-Palestine movement and Adolf Hitler's Nazi movement is a charged and polarizing one,...

How the Indian Economy Withstood Trump’s Tariff War

The Trump administration’s trade policies, characterized by aggressive tariff impositions, sent ripples across the global economy. While the...

Assam Govt Passes Law to Ban Polygamy: A Significant Step Towards Gender Equality

In a landmark decision, the Assam government has passed a law banning polygamy, making it the first state...