प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आवाह्न किया था। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम उठाया है, हाल ही में उन्होंने भारतीय सेना के 101 रक्षा उपकरणों की लिस्ट जारी कर उनके आयात पर रोक लगा दी। यह रोक धीरे – धीरे 2020 से लेकर 2024 तक लगेगी। ये वो उपकरण है, जिन्हें भारत आने वाले कुछ समय में आयात करने वाला था | इस लिस्ट में सामान्य उपकरणों के साथ साथ आर्टिलरी गन, असाल्ट रायफल, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, रडार आदि जैसे ज़रुरी उपकरण भी शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक आने वाले समय में यह संख्या 101 से बढ़ भी सकती है। इन 101 उपकरणों को भारत में ही तैयार करने से भारतीय डिफेंस उद्योग को बहुत बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा। शुरुआती दौर में भारतीय कम्पनियों को लगभग 52000 करोड़ रुपए तक के आर्डर मिल सकते हैं, जो आने वाले समय में बढ़कर 4 लाख करोड़ तक पहुंच सकते है। भारतीय डिफेंस उद्योग की प्रमुख सरकारी कम्पनियां जैसे भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स, गोवा शिपयार्ड, हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक लिमिटेड, आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड, कोचीन शिपयार्ड आदि कम्पनियों को इन उपकरणों को बनाने के आर्डर मिल सकते हैं। बेशक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी द्वारा यह घोषणा करना कि 101 रक्षा उपकरण बाहर से नहीं मंगाये जायेंगे, आत्मनिर्भर भारत की ओर एक सशक्त कदम होगा किन्तु यह वास्तविकता में तभी देश के लिए लाभप्रद साबित होगा, जब भारतीय कम्पनियां नई तकनीकि पर काम करने को जारी रखने की भी जिम्मेदारी को बखूबी निभायेंगी।
स्टाॅकहोम इण्टरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक भारत उन देशों की सूची में शामिल हैं, जो अपने देश का बहुत बड़ा बजट रक्षा उपकरणों को आयात करने में खर्च करती है। जब हम किसी देश से कोई रक्षा उपकरण को आयात करते हैं तो उस देश को सिर्फ पैसे ही नहीं देते बल्कि उस देश की विश्वसनीयता बढ़ाते हैं पूरे विश्व में, कि भारत जैसा शक्तिशाली देश हमारे रक्षा उपकरणों का उपयोग करता हैं साथ ही उस देश के रोजगार को भी बढ़ावा देते हैं। रक्षा मंत्रालय की इस आत्मनिर्भर पहल से काफी हद तक हम अपने विदेशी मुद्रा भण्डार को बचा पायेंगे और रोजगार को भी बढ़ावा दे सकेंगे।
भारत ने आजादी के बाद के सात दशकों में विभिन्न क्षेत्रों में विकास को गति दी है किन्तु रक्षा उपकरणों के निर्मित करने के मामले में काफी हद तक हम आज भी रूस, अमेरिका, इजरायल, फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर है जो कि उचित नहीं है। यही कारण है कि इस बार की स्टाॅकहोम इण्टरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत दूसरा दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बन गया है।रक्षा मंत्रालय द्वारा भारत की रक्षा उपकरण निर्मित करने वाली कम्पनियों को यह एक स्वर्णिम अवसर प्रदान किया गया है, अब इस अवसर को भुनाने में वह सफल होंगी या नहीं, ये आने वाले समय में ही ज्ञात हो पायेगा।
अभिनव दीक्षित
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