देश के प्रधानमंत्री ने समस्त देशवासियों से ये अपील की थी कि कोरोना महामारी की इस आपदा को अवसर में बदलने का कोई भी अवसर ना चूके, शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए सूबे की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश बीसी सखी योजना को लांच किया। यह योजना मुख्य रुप से, महामारी के कारण प्रदेश में लागू लाकडाउन में भी ग्रामीणांचल क्षेत्रो में बैकिंग सुविधाओ को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए प्रारम्भ की गई थी। किन्तु यह योजना अगर अपने उद्देश्य की सफलता प्राप्त कर लेती है तो यह योजना कई क्षेत्रो में लाभदायक साबित होगी। इसको समझने के लिए इस योजना से जूड़े मुख्य बिंदुओं को समझने का प्रयास करते हैं।
इस योजना का पूरा नाम उत्तर प्रदेश बैकिंग कोरेस्पांड सखी योजना है, जिससे नाम में ही समझ आ रहा है कि यह योजना आमजनमानस तक विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बैकिंग लेन-देन को बढ़ावा देना है, यह लेन-देन डिजिटल होगा जिससे कि केन्द्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे डिजिटल भारत अभियान को भी बल प्रदान होगा। 22 मई 2020 को प्रारम्भ की गई सखी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं उन्हें रोजगार प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ है। सरकार ने एक मोबाइल ऐप जारी किया जिसमें महिलाओं ने आवेदन किया, इसके तहत लगभग 58,000 महिलाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत शुरुआती छ: माह में महिलाओं को 4000 रु सैलरी भी प्रदान की जाएगी साथ ही ट्रांजेक्शन्स के आधार पर कमीशन भी मिलेगा। महिलाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर जाकर लोगों को बैंकिंग लेनदेन के विषय में जागरुक करने के साथ साथ डिजिटल लेन-देन भी करायेंगी। डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने के महिलाओं को डिजिटल डिवाइस भी उपलब्ध हो सके इसके लिए सरकार ने 50,000 रुपये की आर्थिक मदद की भी घोषणा की है।इसी के साथ सरकार ने 35968 स्वयं सहायता समूहों को 218.49 करोड़ रूपए का फंड भी जारी किया है यह पैसा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दिया गया है। इस फण्ड से मास्क समेत सिलाई, कढ़ाई पत्तल, मसालों का उत्पाद कर रही महिलाओं को मदद मिलेगी ।
इस योजना की आवेदन प्रक्रिया 11 जून 2020 को प्रारम्भ की गई थी। आवेदन हेतु कुछ पात्रताओ को आधार बनाया गया था जैसे – उम्मीदवार महिलाएं उत्तर प्रदेश की मूल निवासी हो, दसवीं पास हो, बैकिंग सेवाओं को समझ सके, बैकिंग लेन-देन करने में सक्षम हो, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चलाने की समझ हो आदि है। बीसी सखी का मुख्य कार्य बैंक खाते से घर घर जाकर जमा व निकासी कराना तो है ही साथ ही उन्हें बैंक से जुड़े कुछ और मुख्य बिंदुओं पर कार्य करने होंगे जैसे – जनधन सेवाएं, लोगों को लोन मुहैया कराना, लोन रिकवरी कराने में मदद करना, लोगों को बैंकिंग सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना, डिजिटल लेन-देन के प्रति लोगों को जागरूक करना आदि। प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई बीसी सखी योजना एक तरफ जहां ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनायेंगी, वहीं बेरोजगारी दर को भी कम करेंगी, आर्थिक रुप से भी महिलाएं मजबूत होंगी, डिजिटल अभियान को गति प्रदान करेंगी, ग्रामीण क्षेत्रों में बैकिंग सेवाओं का प्रसार करेंगी आदि यह सभी कार्य इस योजना के बहुआयामी लाभ को प्रमाणित करते हैं।
अभिनव दीक्षित
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