कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे, जिसे पुलिस पिछले कई दिनों से तलाश रही थी, वो कल ही उज्जैन से पकड़ा गया था, आज कानपुर लौटते हुए उसने पुलिस के हथियार छीन भागने कि कोशिश की और एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। इस घटना ने हमारे समाज में व्याप्त अपराधियों और राजनेताओ के नेक्सस को उजागर कर दिया है।
कानपुर की घटना के दिन से ही सभी विपक्षी पार्टियों ने इस घटना पर बयान देने शुरू कर दिए, पहले तो सरकार को ही कोसने लगे, फिर सरकार ने एक्शन लिया, विकास दुबे के कुछ करीबियों को ढेर किया, तो विपक्षी नेता सरकार को उलाहना देने लगे की विकास दुबे का एनकाउंटर क्यों नहीं किया, कल उसे गिरफ्तार किया गया तो विपक्ष शुरू हो गया कि अब सरकार उसे संरक्षण देगी, वो अब नेता बन जाएगा और ना जाने क्या क्या। और आज जैसे ही एनकाउंटर कि खबर आयी, तो विपक्ष के नेताओ के सुर फिर से बदल गए, वे अब भी योगी सरकार को ही कोस रहे हैं, खैर रोने वालो को रोने का बहाना चाहिए ।
आज हम बात करते हैं दोहरे चरित्र वाले कुछ नेताओ कि, जो हमेशा ही सरकार पर ही दोषारोपण करते हैं, और अपराधियों कि तरफदारी करने का कोई भी मौका छोड़ने में हिचकते नहीं।
सबसे पहले बात करते हैं, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह की, इन्हे विकास दुबे के पकडे जाने से, एनकाउंटर किये जाने से दिक्कत है। ये बात हम नहीं कह रहे, इनके ट्वीट्स देखिए और समझ जाइये
कुल मिलाकर इन्हे हर अपराधी के खिलाफ कोई भी कदम उठाने से बड़ी दिक्कत है, और हो भी क्यों नहीं, आखिर इनके अपराधियों से प्यार मोहब्बत के किस्से तो मशहूर हैं। ये उमर अब्दुल्लाह ही हैं जिन्हे कुख्यात आतंकवादी बुरहान वानी एक ‘साहब’ लगता था। क्या? आपको विश्वास नहीं है?
लीजिये ये लिंक देखिये – https://www.republicworld.com/india-news/general-news/controversial-nc-leader-omar-abdullah-calls-terrorist-burhan-wani-sahab.html
अब बात करते हैं समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की। इनके पेट में पिछले चार पांच दिन से भयानक दर्द है, विकास दुबे फरार हैं, तब से ही इन्हे दिक्कत है, आज एनकाउंटर हुआ तो दिक्कत और ज्यादा बढ़ गयी है। यहाँ ख़ास बात यह है की विकास दुबे समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ था, और ये बाद स्वयं विकास दुबे की माँ ने कही है ।
बाकी अखिलेश जी, निश्चिन्त रहिये, राज तो अभी बहुत से खुलेंगे और अभी तो ऐसे कई और गैंगस्टर्स और राजनेताओ के गुर्गो का अंत होगा।
अब बात करते हैं, इंदिरा गाँधी की ‘नाक’ की वजह से अस्तित्व में रहने वाली प्रियंका गाँधी वाड्रा की। मोहतरमा ने बड़ा सही सवाल पूछा है, ‘अपराधी का अंत हो गया लेकिन उसको संरक्षण देने वालो का क्या’ , प्रियंका जी इसका एक ही जवाब है, संरक्षण देने वाले इस समय जमानत पर बाहर हैं।
बाकी ये किसी से नहीं छुपा है की पिछले 5 दिन से कांग्रेस समर्थित लोग कैसे विकास दुबे के खिलाफ हो रहे एक्शन को ‘ब्राह्मणो’ के खिलाफ एक्शन बता कर ब्राह्मणो को भड़का रहे हैं ।
अब बात करते हैं शिवसेना की उभरती हुई नेता, प्रियंका चतुर्वेदी जी की। इन्हे समस्या है की एक अपराधी को मार दिया गया। ये शायद भूल गयी हैं कि कैसे इन्ही कि पार्टी की सरकारों के दौरान मुंबई में अंडरवर्ल्ड का सफाया किया गया था। अपराधी को संरक्षण देने में शिवसेना का भी कोई कम हाथ नहीं है, लेकिन मैडम को निंदा का आनंद लेना है आखिर
अब कांग्रेस के ही IT सेल हेड को देखिये। एनकाउंटर नहीं हुआ तो इनके विचार क्या थे, ये तो इसमें हिन्दू मुस्लिम भी ले आये
एनकाउंटर होने के बाद इनके विचार देखिये कैसे बदल गए, इन्हे दोनों ही हालात में विधवा विलाप ही करना है
यहाँ कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि हमारे राजनेताओ ने ये दिखा दिया है कि कैसे अपने गुर्गो का संरक्षण करना है, और अगर कोई उनके खिलाफ एक्शन ले तो उसे नीचे दिखाया जाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की तो पहले ही दिन से ये पालिसी रही है की अपराध और अपराधियों का समूल नाश करना है, इस वजह से पहले भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी विरोध दर्ज करवा चुकी हैं, आखिर विरोध करे भी क्यों नहीं, इन्ही अपराधियों के कंधो पर चढ़ कर ये लोग सत्ता के सिंहासन पर चढ़ते हैं, अगर अपराधी ही ख़त्म हो जायँगे तो इन्हे सत्ता कैसे मिलेगी?