कोरोना काल के दौरान कई प्रवासी मजदूरों, कामगारों की रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था और चूँकि ये सभी किराए से रहते है तो इनके पास पैसे भी नहीं थे | जिसके कारण उन सभी को मजबूरन पलायन करना पड़ा था कई ऐसे लोग भी थे जो रोजगार की तलाश में बड़े शहर आये थे और जब उन सबकी नौकरी चली गई कोरोना के दौरान तो उनके पास भी इसी तरह की समस्या खड़ी हो गई थी लेकिन श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने इसका भी रास्ता निकाल लिया | गांवों से शहर आए प्रवासी मजदूरों, कामगारों के रहने का इंतजाम करने के लिए सरकार रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स स्कीम लेकर आई | इस स्कीम का ऐलान तो पहले ही हो चुका था, अब सरकार ने बुधवार को Rental housing complexes scheme के लिए एक डेडिकेटेड पोर्टल http://arhc.mohua.gov.in/ भी लॉन्च किया है साथ ही दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं | कोरोना संकट काल में लाखों गरीब और प्रवासी मजदूरों को किराया नहीं दे पाने की वजह से बेघर होना पड़ा था, और वो पैदल ही शहर छोड़कर अपने गांवों की ओर लौटने लगे थे |
इस स्कीम के जरिए सरकार की कोशिश है कि उन्हें सस्ते किराए वाले अच्छे घर रहने को दिए जाएं, ताकि फिर कभी उन्हें ऐसे संकट के वक्त अपना घर छोड़कर न जाना पड़े | अब सरकार ने इस स्कीम के तहत कई तरह की सुविधाओं और छूट का ऐलान किया है |अफोर्डेबल हाउसिंग एंड प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत कम दरों पर प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग की सुविधा मिलेगी | शहरी प्रवासियों और गरीबों के लिए बनने वाले रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स को इनकम टैक्स और GST में भी छूट मिलेगी | सरकार के इस कदम से जो श्रमिक, गरीब और प्रवासी मजदूर झुग्गी झोपड़ियों, अन-ऑथराइज्ड कॉलोनियों में रहते हैं, उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में रहने के लिए बेहतर आवासीय सुविधा सस्ते किराए पर और आसानी से मिल सकेगी | ये स्कीम प्रधानमंत्री आवास योजना-अर्बन (PMAY-U) के तहत ही आएगी | केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को ये जानकारी दी | उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिए आकर्षक और बेहतर कारोबारी मौका बनाने के लिए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं |
ये स्कीम पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए डेवलप की जाएगी, इस स्कीम में सरकारी खाली घरों को भी शामिल किया जाएगा |कंपनियां ऐसे कॉम्प्लेक्स का निर्माण अपनी खाली पड़ी जमीन पर करेंगी और उसका ऑपरेशन और मेनटेनेंस भी खुद देखेंगी | इस स्कीम से अबतक 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़ चुके हैं | Affordable Rental Housing Complexes पोर्टल पर स्कीम के बारे में सभी जानकारियां मौजूद हैं | अब म्यूनिसिपल संस्थाएं निजी कंपनियों से EoI यानी आवेदन मंगवा सकते हैं | जो सरकार के साथ मिलकर ये घर बनाएंगे और बाद में उन्हें किराए पर देंगे | किराया कितना होगा ये वहां कि अथॉरिटीज तय करेंगी | हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि तीन कंपनियों ने पहले इस योजना में शामिल होने की पहल कर दी है, ये कंपनियां जयपुर, बड़ौदा, बहादुरगढ़ और बैंगलुरू में 2800 घर बनाएंगी |