24.1 C
New Delhi

राम मंदिर और सनातन सभ्यता

Date:

Share post:

जैसा कि शीर्षक है, उससे भावनात्मक लगाव को समझने का एक प्रयास मात्र मैं करना चाहता हूं। इस शीर्षक को मैं स्वयं समझने तथा आत्मसात करने की कोशिश करता रहता हूं कि इस विषय पर क्या और कैसा विचार विमर्श किया जा सकता है और इसमें किसी की भावनाओं को बीना ठेंस पहुंचाए एक विराट आदर्श छवि के साथ न्याय किया जा सकता है, तमाम संघर्षों में बीना द्वेष “सबके और सबमें” को यथार्थ के हीं निमित्त रखा जा सकता है।

“राम” इस विषय पर कोई क्या लिख,बोल,समझ सकता है, क्या यह एक शब्दकोश प्रयोग में लाई गई एक भाषा मात्र है या संपूर्ण जीवनसार है। इसमें क्या जोड़ा जा सकता है या घटाया जा सकता है, तो जवाब बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि जो स्वयं में पूर्ण हो उसमें जोड़ने या घटाने का सामर्थ्य ब्रह्मांड की किसी भी रचना में नहीं है, जो स्वयं चलायमान हो, जो स्वयं प्रदिप्तिमान हो उसमें गति या प्रकाश भरने का सामर्थ्य किसी में नहीं है। किसके और कैसे हैं राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र, निषादराज के मित्र, विश्वामित्र के शिष्य,जनक के जमाई अथवा भरत के भाई, लक्ष्मन के संघर्षों का ज्येष्ठ या सबरी की जीवनपर्यंत आश, सुग्रीव के सहयोग अथवा हनुमान के प्रभु योग, रावण का अहंकार अथवा विभिषण का संस्कार क्या और किसके हैं अथवा “सबके और सबमें” हैं, हमारे भी आपके संपूर्ण ब्रह्माण्ड के आदर्श प्रभु “श्रीराम”।माता सीता और लव-कुश, महर्षि वाल्मीकि और महाकवि तुलसीदास के रामायण हैं प्रभु “श्रीराम”! मानवता के कल्याण के आधार, श्रृजन के मुल में, विशालकाय असंभावनाओं में संभावना का घ्येय, निराशा में आशा का प्रकाशपुंज हैं। हमारे भी आपके भी “हममें, हमसब” में “घट घट” में “रोम रोम” में बसे हैं “प्रभु श्रीराम!”

विषयांतर “मंदिर” आस्था का वह केन्द्र जहां प्रभु भक्ति की सम्पूर्णता को प्राप्त करने हेतु संकल्पित होते हैं सनातन धर्मावलंबी।

अब विषय “राम मंदिर!” सांस्कृतिक आतंकवाद से पांच शताब्दियों तक अनावरत संघर्ष के पश्चात प्राप्त आजादी का कृतीस्तंभ को देशज और विदेशज सनातन धर्मावलंबी के लिए अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर विश्व की 21 वीं शताब्दी में बनने वाली सबसे भव्य और दिव्य, अलौकिक कृति हीं “राम मंदिर!” है।

विषय में महत्वपूर्ण तथ्य पांच शताब्दियों तक अनावरत संघर्ष का इतिहास है,वो प्रभु श्रीराम जी के जीवन चरित्र को हु-ब-हु चरितार्थ करता है,राजा बनने की प्रक्रिया में वनवासी होना और चौदह वर्षों तक बीना थके जीवात्मा तथा मानव-कल्याण का संदेश जग को कृतार्थ करना। ऐसे विगत पांच सौ वर्षों में वही संघर्ष गाथा को पुनः भारतवर्ष ने देखा, कैसे कोई क्रुर अक्रांत आपकी सांस्कृतिक धरोहर को रौंद डाला फिर लगातार शताब्दियों के संघर्षों का दौर शुरू होता है। मुगलों का क्रुर शासन हो चाहे अंग्रेजों की जंजीरें फिर भी सनातन की संघर्ष गाथा जारी रही, लोकतंत्र के 70 वर्षों के इतिहास में भी 30 वर्षों तक लगातार समर्पित संघर्ष के पश्चात शुभ घड़ी आई और आज जब भूमि पूजन खुद देश का प्रधान करते हैं और वो भी प्रभू श्रीराम के चरणों में साष्टांग दंडवत करते हैं तो सनातनियों के स्मृतियों में पुनः गौरवशाली परंपरा को हमेशा के लिए यादों में समाहित हो जाती है। इस मौके पर उन सभी का संघर्ष वंदनीय है, जिन्होंने अपना सर्वोच्च योगदान देकर इस दिन को संभव बनाने में अपना प्रयास किया।

तो विषय हमेशा से अपने अपने तरीके से स्पष्ट किए जा सकते हैं उसकी स्वतंत्रता में हीं मैंने “राम मंदिर” को लेकर रखा जिसमें संघर्ष और शौर्य की अद्भुत स्मृतियां हैं। किसी का कपट तो किसी का त्याग है, किसी का क्रुर शासन तो किसी का सुशासन है, किसी का समय से बदलना तो किसी का मुक्ति के लिए संघर्ष है।बस इन्हीं स्मृतियों में रचा बसा रोम रोम का इतिहास है,वो हमारे, आपके, हम सब मानवता के पुजारी का भाष है।

।।सियावर रामचन्द्र जी की जय 🙏 🚩।।
।।पवनसुत हनुमान जी की जय 🙏🚩।।

शुभम कुमार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

PM Modi warns about Congress’s EVIL ‘Wealth Redistribution to the Infiltrators’ idea, Why this idea will bring Doomsday for India?

A day after he triggered a political backlash by saying that a Congress government would distribute the nation’s...

PM Modi dropped a Political Bombshell, says ‘Congress will redistribute wealth to Muslim Infiltrators’

Prime Minister Narendra Modi, on April 21, dropped a Political bombshell, when he asserted that if the Congress...

Rohingya Terrorist groups holding over 1600 Hindus and 120 Buddhists hostage in Myanmar

In what seems to echo the 2017 massacre of Hindus by Rohingya terror groups in Myanmar's Rakhine state,...

Palghar Mob Lynching – ‘Hindu Hater’ Rahul Gandhi blocked the CBI probe proposed by Uddhav Thackeray Govt

Raking up the April 2020 Palghar mob lynching incident, in which two Sadhus and their driver were killed...