रक्षा मंत्रालय ने 10 साल से कम सेवा देने वाले सैनिकों के लिए बुधवार को दिव्यांगता पेंशन की अनुमति दे दी है। अभी तक यह पेंशन सशस्त्र बलों के सिर्फ उन जवानों को दी जाती थी, जिन्होंने 10 साल से अधिक की सेवा दी है और उन कारणों से दिव्यांग हुए हैं जो सैन्य सेवा से संबद्ध नहीं हैं।
दरअसल, अभी तक दिव्यांग होने के समय यदि किसी सैनिक की सेवा 10 साल से कम की होती थी, तो उसे सिर्फ दिव्यांगता ग्रेच्युटी का ही भुगतान किया जाता था। मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सशस्त्र बलों का कोई भी कर्मी, जिसकी सेवा 10 साल से कम है और काम करने में असमर्थ होने के कारण उसे स्थायी रूप से हटा दिया गया है, वह भी इस फैसले से लाभान्वित होगा। इस आशय के प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंजूरी प्रदान दे दी है। नया नियम चार जनवरी 2019 से प्रभावी होगा।
मोदी सरकार ने जिस तरह यह निर्णय लिया है उससे एक सकारात्मक सन्देश गया है सेना में, जहाँ कई सैनिक सेवा के दौरान दिव्यांगता की वजह से अपनी सेवा नहीं दे पाते है उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती इलाज के खर्चे और दवाई की रहती है।
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब ऐसे सैनिको की चिंता दूर हो जाएगी, सरकार ने इसके लिए अलग बजट में प्रावधान किया है।
मोदी सरकार सैनिकों और उनके परिवार के सदस्योंके लिए कई कदम उठा रही है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को हेल्थ केयर देने के लिए बनी स्कीम एक्स सर्विसमैन काट्रिब्यूट्री हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) के तहत पूर्व सैनिकों के 25 साल और उससे अधिक आयु के अविवाहित और दिव्यांग बेटों को लाभार्थी बनाने का फैसला लिया।
इस योजना के तहत परिवार के एक कोरोना पीडि़त मरीज को ऑक्सीजन देने का खर्च उठाने का भी एलान किया गया है।
-रौनक नागर