दिल्ली का मुख्य मंत्री झूठ का पुलिंदा है । उसकी विज्ञापनो की सरकार, आजकल आप करोड़ों रुपये प्रतिदिन के विज्ञापन राष्ट्रीय TV चेनल व समाचार पत्रों में देखते होंगें, जिसमे दिल्ली को पराली जलाने से निजात पाने का दावा किया जाता है । दिल्ली में सिर्फ 5 – 10 हजार ही किसान हैं, और उनमें से शायद ही कोई धान उगाता है । धान की फसल ऊपर से कटती है, और उसके बचे हुए निचले भाग को पराली या पैडी कहतें हैं । जब दिल्ली में धान पैदा ही नही होता तो पराली कहाँ से आई?
पूसा के वैज्ञानिकों ने पराली को विशेष डिकम्पोज़र के घोल से 20 – 25 दिन में खाद में बदलने की नई तकनीक विकसित की है । केजरीवाल जी विज्ञापनों के इतने भूखें हैं, कि धान की फसल कटाई के बाद बिना 20 – 25 दिन दिए, खेत की सारी पराली खाद में बदल दी । आपको यह भी बता दूं कि यह तकनीक पूर्ण सफल नहीं है । पराली के विज्ञापन में जो किसान दिखाया है, वह भी नकली है । वह व्यक्ति पहाड़गंज मुल्तानी ढांडा में रहने वाला मंजीत पुत्र अनूप सिंह है, जिसका खेती से दूर – दूर तक कोई वास्ता नहीं है !
जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई जो टैक्स के जरिये दिल्ली को दी जाती है, उसे मफलर लाल क्यों बर्बाद कर रहे हैं?
क्या पापिये – आपिये इस पर कुछ बोलेंगे?
सोचिए यह केजरीवाल कितना बड़ा नीच है! सबसे पहली बात यह कि किसी भी स्वामी नारायण मंदिर में लक्ष्मीजी की कोई प्रतिमा नहीं होती । दूसरी बात यह कि इसने लगातार पांच दिनों तक पहले यह प्रचार किया कि, मैं फलाना फलाना तारीख को फलाना फलाना बजे दिल्ली के स्वामी नारायण मंदिर में लक्ष्मी पूजा करूंगा, आप सब सारे चैनल 7:30 pm बजे जरूर देखिएगा, और 7:30 pm बजे सभी चैनलों पर केजरीवाल के पूजा का लाइव टेलीकास्ट आ रहा था । लेकिन ऊपर कोने में जो लिखकर आ रहा था, यह देखकर मैं दंग रह गया कि आखिर इस दिल्ली के ठग ने अपनी पूजा को दिखाने के लिए, हिंदू वादी बनने के लिए कम से कम 600 करोड़ का खर्चा किया होगा । यह पूरा लाइव टेलीकास्ट एक इंपैक्ट फीचर था, यानी एक प्रायोजित कार्यक्रम था, जिसे सभी चैनलों को पैसा देकर कार्यक्रम करवाया गया था ।
क्या इस पर कुछ पापिये – आपिये बोलेंगे?
दिल्ली में लोग कोरोना से मर रहे हैं । सारे अस्पताल भर गए हैं और यह बंदा अपनी प्रचार और प्रसार की दुनिया में मस्त है, और जब दिल्ली में बुरी हालत होती है, तब यह भागकर अमित शाह के पास जाता है, और अमित शाह सारी सरकारी मशीनरी एक्टिवेट करके सारा कुछ इंतजाम करते हैं, और उसके बाद फिर यह 1 महीने तक टीवी चैनल पर प्रकट होकर यह कहता है, यह मैंने किया यह मैंने किया ।
क्या इस पर कुछ पापिये – आपिये बोलेंगे?
केजरीवाल जैसे व्यक्ति ना सिर्फ समाज के लिए बल्कि देश के लिए भी बेहद खतरनाक हैं । समाज के लिए बहुत बड़ी कलंक है । दरअसल केजरीवाल की पार्टी के भी राजनीतिक सलाहकार का काम प्रशांत किशोर देख रहे हैं । प्रशांत किशोर ने केजरीवाल से यह कहा कि आप मुस्लिम वोट के चक्कर में मत पड़िये, क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम वोट ले जा रहा है, और आपको कुछ मिलने वाला नहीं है और आप सिर्फ हिंदू वोट पर फोकस करिए । खुद को हिंदू वादी दिखाने के चक्कर में केजरीवाल ने हमारे और आपके टैक्स के पैसे का इस तरह से बर्बादी करना शुरू कर दिया है, वह भी मात्र इसलिए यह चुनाव जीत सके । तेजस्वी यादव ओवैसी से नाराज़ हैं । इधर ममता बनर्जी भी ओवैसी से डरी हुई हैं । कारण? कारण है मुस्लिम वोट । अब इस पर थोड़ी सी बात कर ली जाए । आरजेडी ने बिहार में मुसलमानों के लिए बहुत कुछ किया, इतना कि हिन्दू नाराज़ हैं । बंगाल में ममता बनर्जी तो मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए बदनाम ही हैं । फिर भी डर लग रहा है । मैं पूछना चाहता हूँ मुस्लिमों के लिए काम करने वाली आरजेडी के होते हुए हैदराबाद की एक पार्टी को जिसने अब तक कोई काम नहीं किया, बिहार के मुसलमानों ने वोट क्यों किया? केजरीवाल ने हिंदू वोट पर फोकस करना शुरू कर दिया है ।
क्या इस पर कुछ पापिये – आपिये बोलेंगे?
केजरीवाल सिर्फ 40 किलोमीटर के दायरे का राज्य संभालता है । जिसमें ना कृषि विभाग है । ना पशु पालन विभाग है । ना मछली पालन विभाग है । न ही समुद्र तट विकास विभाग है । न ही पुलिस या न्याय व्यवस्था विभाग है । ना ही वन विभाग है । और ना ही इसके राज्य की सीमा किसी दूसरे देश से लगती है । दिल्ली में एक मात्र नदी है, यमुना जो एक नाले से भी बदतर है, यानी इसे नदियों का विकास काम भी नहीं देखना है । साफ सफाई के लिए दिल्ली में कई सारे म्युनिसिपल बोर्ड बने हुए है । इनकी भी प्रशासनिक शक्ति दिल्ली सरकार से अलग है । केजरीवाल को सिर्फ डीटीसी बस चलाना है, और 12वीं तक का शिक्षा व्यवस्था देखना है । थोड़े बहूत हॉस्पिटल दिल्ली सरकार के अधीन आते है, और मात्र इन विभागों पर केजरीवाल आज पूरे भारत के सबसे ज्यादा प्रचार करने वाला मुख्यमंत्री बन गया है ।
क्या इस पर कुछ पापिये – आपिये बोलेंगे?