14.1 C
New Delhi

भारत को रक्षा क्षेत्र में एक और सफलता, एंटी-सबमरीन शस्त्र प्रणाली का किया सफल परीक्षण चीन पाक को हुई टेंशन

Date:

Share post:

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और सफलता हासिल की है। अपनी नौसेना की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाते हुए सोमवार 5 अक्टूबर 2020 को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एक एंटी-सबमरीन शस्त्र प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।ओडिशा के वीलर कोस्ट पर सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफल फ्लाइट टेस्ट हुआ। यह एक ऐसा सिस्टम है जिसमें टॉरपीडो के साथ मिसाइल भी होती है। एंटी-सबमरीन वारफेयर में यह तकनीक भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा सकती है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘डीआरडीओ ने मिसाइल असस्टिेड टॉरपीडो (एसएमएआरटी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह एंटी सबमरीन हथियार एक प्रमुख प्रौद्योगिकी सफलता है। मैं इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और अन्य एजेंसियों को बधाई देता हूं।”

डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि एसएमएआरटी (स्मार्ट) सबमरीन वारफेयर में एक गेम चेंजर तकनीक है। डीआरडीओ ने कहा कि, “टारपीडो (एसएमएआरटी) की सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज को ओडिशा के तट से 11:45 बजे सफलतापूर्वक फ्लाइट परीक्षण किया गया। मिसाइल के रेंज और ऊंचाई तक उड़ान सहित सभी मिशन उद्देश्य, पृथक्करण, टॉरपीडो की रिलीज और वेलोसिटी रिडक्शन मैकेनिज्म (वीआरएम) पूरी तरह से परफेक्ट थे। यह भी कहा गया है कि ट्रैकिंग स्टेशन – रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम के साथ और टेलीमेट्री स्टेशनों सहित डाउन रेंज के जहाजों तक सभी घटनाओं की पूरी निगरानी की गई। यह टॉरपीडो सिस्टम मिसाइल असिस्टेड फ्लाइट रिलीज है जो एंटी-सबमरीन युद्ध के दौरान क्षमता स्थापित करने में सहायक होगा। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीओ) के कई लैब ने मिलकर तैयार किया है, जिसमें हैदराबाद का अनुसंधान केंद्र, हवाई वितरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (आगरा), नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) विशाखापत्तनम सहित शामिल है। पूरी तरह डेवलप होने पर इस वेपन सिस्टम की रेंज 650 किलोमीटर होगी।

इतनी ज्यादा रेंज वाले सिस्टम की मौजूदगी भारतीय नौसेना को दुनिया की सबसे खतरनाक नौसेनाओं की लिस्ट में और ऊपर पहुंचा देगी। एक्सपर्ट्स तो यहां तक कहते हैं कि यह तकनीक एंटी-सबमरीन वारफेयर का चेहरा बदलने की काबिलियत रखती है। अब कई लोगो के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि इसकी जरुरत क्यों पड़ गई | जिस तरह चीन अपनी दादागिरी दिखा रहा है हर मोर्चे पर उसको देखते हुए भारतीय सेना को भी कड़े कदम उठाने पड़ेंगे, जिस तरह LAC पर चीनी सैनिको ने कायराना हरकत की है, जिसका बाद में उनको भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब भी दे दिया उसी प्रकार भारतीय नौसेना भी खुद को युद्ध के उद्देश्य से तैयार कर रही है | चीन समुद्री क्षेत्रों में भी अपनी दादागिरी दिखा रहा है, जिसका विरोध कई देश कर रहे है इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना ने खुद को हर तरह से मजबूत कर रही है , जिससे चीन तो क्या और कोई भी भारत की सीमा की तरफ आँख उठा कर न देख सके |

Reference –

https://www.hindustantimes.com/india-news/drdo-successfully-flight-tests-supersonic-missile-assisted-release-of-torpedo/story-W9pJlC9KtQiXslItHoRt9K.html

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Indian Govt trashes Canada report on Nijjar murder plot, calls it ‘ludicrous’

The government on Wednesday rubbished a Canadian newspaper report that alleged that Prime Minister Narendra Modi was aware...

Adani Group issues statement on ‘US Bribery Allegations’ on Gautam Adani, Scraps $600 Million Bond Deal

Adani Group founder and chairman, Gautam Adani, alongside seven other executives, has been indicted in the United States...

India ships first Akash Air Defence Missile system battery to Armenia

India marks another milestone in its defence export as it shipped the first Akash weapon system battery to...

Smartphone PLI revenue rings louder; 19x revenue boost for government in four years

The smartphone production-linked incentive (PLI) scheme has proven to be a significant revenue generator for the Indian government,...