भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से तनातनी जारी है। इस बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा बनाए गए 44 पुलों का उद्घाटन किया। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा LAC के पास 44 महत्वपूर्ण पुलों के उद्घाटन के एक दिन बाद ही चीन की बौखलाहट सामने आई है। चीन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत ने लद्दाख को गैरकानूनी रूप से संघशासित प्रदेश घोषित किया है। साथ ही चीन द्वारा लद्दाख में इन 44 स्ट्रैटजिक रूप से महत्वपूर्ण पुलों को लेकर विरोध भी दर्ज कराया गया है।
चीन की खिसियाहट का प्रमुख कारण यह है कि भारत ने ऐसे पुल तैयार कर लिए हैं, जिससे सीमा पर चीन को धूल चटाने के लिए पुख्ता इंतजाम और आसानी से किए जा सकेंगे। 44 पुलों में से ये 10 पुल जम्मू-कश्मीर, 7 लद्दाख, 2 हिमाचल प्रदेश, 4 पंजाब, 8 उत्तराखंड, 8 अरुणाचल प्रदेश और 4 सिक्किम में है।
खबरों के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है कि दोनों ही पक्षों को ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए जिससे स्थितियां गंभीर बनें। चीन के सरकारी अखबार में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक झाओ ने कहा कि चीन गैरकानूनी रूप से बनाए गए संघशासित प्रदेश लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता। हम विवादित क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रचर बनाने का भी विरोध करते हैं।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा निर्मित 44 पुलों का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। ये 44 पुल बीआरओ द्वारा बनाए जा रहे 102 पुलों में से हैं। ये पुल भारत के सबसे भारी युद्धक टैंकों की आवाजाही का सामना करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये क्लास 70 के पुल हैं। ऐसे पुलों के लिए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिसके बाद वह 70 टन वाहनों के वजन को सहन कर सकते हैं।