उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में हुई हर साजिश से अब पर्दा उठेगा। सीबीआई ने हाथरस केस की जांच अपने हाथ में ले ली है। अब तक हाथरस में दलित युवती के साथ हुई हैवानियत की जांच योगी सरकार की बनाई गई एसआईटी कर रही थी। हाथरस कांड में रविवार को सीबीआई की ग़ाज़ियाबाद शाखा ने हाथरस के चंदपा थाने में दर्ज एफआईआर को अपने यहां दर्ज कर लिया है। जल्द ही सीबीआई की एक टीम गाजियाबाद से हाथरस पहुंच रही है। बता दें कि, सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या और सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। जांच के लिए सीबीआई ने एक दल का गठन किया है।
CBI ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज की FIR
गौरतलब है कि हाथरस गैंगरेप मामले की जांच अब तक एसआईटी कर रही थी। केस की जांच का जिम्मा SIT को सौंपे जाने के बाद उसने गांव के 40 लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। इनमें से काफी लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जांच के अलावा यूपी सरकार ने सीबीआई से इस मामले में जातीय दंगे, हिंसा भड़काने और दुष्प्रचार की आपराधिक साजिश की जांच की भी मांग की है। बता दें कि, यूपी की योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 307, 376 डी, 302 और 303 धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
क्या है मामला?
हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप की घटना हुई थी। इस दौरान गंभीर रूप से घायल पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर उनकी सहमति के बिना आननफानन में 29 सितंबर की देर रात शव का अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया था। जबकि पुलिस का कहना है कि परिवार की इच्छा के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, मामले में यूपी सरकार ने गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। इसमें कथित बलात्कार और हमले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। सरकार ने पीड़िता का अंतिम संस्कार देर रात में किए जाने की वजह भी बताई थी।