लखनऊ शहर की हवा प्रदूषित होने लगी है। सड़कों पर उड़ती धूल और वाहनों के प्रदूषण के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार को राजधानी का एक्यूआइ 260 रिकॉर्ड किया गया। शहर में बढ़ते हुए वायु प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने आपात बैठक बुलाई। जिलाधिकारी ने नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, निर्माण एजेंसियों, औद्योगिक संगठनों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में बैठक की। इस बैठक में अधिकारियों समेत मौजूद सभी प्रतिनिधियों को धूल व अन्य प्रकार के वायु प्रदूषणों पर नियंत्रण पाने के के दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने निर्देश देते हुए कहा कि, विशेष रूप से सभी विभागों से संबंधित निर्माण इकाइयों द्वारा निर्माण स्थलों पर ग्रीन नेट, एंटी स्मोक गन, पीटीजेड कैमरा, सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट, पानी के छिड़काव की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। जिससे आने वाले समय में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके। साथ ही डीएम अभिषेक प्रकाश ने इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन प्रदूषण पर प्रभावी कार्रवाई के लिए रविवार से विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। साथ ही आने वाले समय में खेतों में जलने वाली पराली को लेकर अभी से जागरुकता अभियान चलाने की बात कही।
वहीं, बैठक में नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव एसटीपी से अवमुक्त ट्रीटेड वॉटर से किया जाना है। सभी निर्माण इकाइयां इसके लिए नगर निगम द्वारा संचालित कंट्रोल रूम से संपर्क कर शोधित जल प्राप्त करें। किसी भी दशा में छिड़काव के लिए भूगर्भ जल का उपयोग नहीं किया जाएगा।