21.1 C
New Delhi

कः चिनस्य प्ररिप्रेक्षात सर्कारस्य ध्यानभंगम् कृतेच्छति कांग्रेसः ? क्या चीन के मुद्दे से सरकार का ध्यान भटकाना चाहती है कांग्रेस ?

Date:

Share post:

चिनात् द्वेषपूर्ण सम्बन्धस्य परिप्रेक्षात डीजल पेट्रोल कृत्रिम तैले कांग्रेसेन सर्कारस्य उपेक्षा उचितम् ?

चीन से बिगड़ते सम्बन्ध के मद्देनजर डीजल पैट्रोल पर कांग्रेस द्वारा सरकार को घेरना सही ?

एकाभिमुख चिन,नयपाल,पकिस्तान,सह भारतस्य सम्बंधम् दिन प्रतिदिनम् अरुचिकरं जातः।गलवानघट्यः मध्ये घटित घटनस्य अवलोकयुतुम इदम प्रतीतम् भवेत,यथा युध्स्य स्थिति सर्कारस्य सम्मुख वर्तते।ततैव अकस्मात भारते डीजल पेट्रोल कृत्रिम तैलस्य शुल्के वृद्धिम् भवति।एते शुल्क वृद्धिस्य विरोधे कांग्रेस अन्यतमः दल: च आंदोलनम् कुर्वन्ति,कांग्रेस दल स्व कालस्य अपि वार्ताम् ददाति।

एक तरफ चीन,नेपाल,पाकिस्तान के साथ भारत के सम्बंध दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं,गलवान घाटी में हुई घटना को देखते हुए लगता है कि युद्ध की स्थित सरकार के सामने खड़ी है वहीं अचानक भारत में डीजल पैट्रोल के मूल्य में वृद्धि हुई है,इस मूल्य वृद्धि के विरोध में कांग्रेस और अन्य पार्टियां धरना प्रदर्शन कर रहीं हैं,कांग्रेस पार्टी अपने समय का भी हवाला दे रही है।

आगतः ज्ञायति किं कथयति कांग्रेसः ?

आइए जानतें हैं क्या कहती है कांग्रेस ?

कांग्रेस स्व वार्तास्य आरम्भम् करोति,1989 वर्षेण,यत तः काले अंतरराष्ट्रीय आपणे नवकृत्रिम तैलस्य शुल्क आसीत् केवलं 19 डॉलर एकः बैरल भारते च पेट्रोल शुल्क तेन समये अष्टार्ध डीजल शुल्क त्रिअर्ध रूप्यकाणि व एकः लिटरस्य प्राप्नोति स्म।1990 यत 2014 देशे कति सारकार्या: निर्मिताः! एते भाजपा दलस्य नेतृत्वेण NDA सर्कारस्यापि सम्मिलित: सन्ति!वरन पेट्रोलियम पदार्थस्य शुल्कस्य कारणेन इति वर्ष: 2010-12 बहु बीभत्स:आसन! इति कालेन सम्पूर्ण विश्व: आर्थिक शुल्कक्षयस्य आक्रांतित भवेत स्म!नवकृत्रिम तैलस्य शुल्क अनुमानतः110 डॉलर एकः बैरल स्थायति स्म !एकार्द्ध त्रैमासे अयम् शुल्क 140 डॉलर एकः बैरल आगतः स्म!भरतापि एते द्रुते मा गतः!भारते पेट्रोल 65-70 डीजल 42-45 रूप्यकाणि एकः लीटर वा प्रपिष्यति स्म!पेट्रोलियम पदार्थस्य इदानीं वृद्धेन भाजपा दल सम्पूर्ण देशे आन्दोलनम् कृतवान!भारतबन्द इत्यस्य आयोजनम् कृतवान !अस्य आयोजने सम्मिलिताः अधिकांशतः नेतृ अद्य केंद्रीय मंत्रणागृहे अमात्य: सन्ति!तदा देशस्य तत्कालीन प्रधानामात्य मनमोहन सिंह: देशस्य सम्मुख आगत्वा च बहु सरल शब्देषु इदम कथित: वयं इदृषि किं अकर्तव्य:!तेन अकथयत मुद्रा वृक्षेषु न उत्पादितवन्तः!वयं स्वजनानाम् सेवाकार्यम् रक्ष्यन्तु!तयोः सेवाशुल्कम् दात्वयम्!निर्धनानाम् क्रयशुल्क बचतम् ददाय मह्यं धनम् प्राप्नीय!अपिच् बहु वार्ता विगर्णवति यत एकः प्रधानामात्यस्य करणीय!इदानीं कांग्रेस नेतृत्वेण UPA सरकारः  वर्षे 2008 कृषकानाम् षष्टि: सहस्र कोटि शुल्कस्य ऋण मुक्त कृतवान !

कांग्रेस अपनी बात की शुरुआत करती हैं वर्ष 1989 से,जब उस वक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत थी मात्र 19 डॉलर प्रति बैरल और भारत में पेट्रोल उस वक्त साढ़े आठ रूपये व डीजल साढ़े तीन रुपये प्रति लीटर की दर से मिला करता था!
1990 से लेकर 2014 तक देश में कई सरकारें बनीं! इसमें बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA सरकार का भी दौर शामिल है!लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों के दामों के लिहाज से साल 2010-12 वाला दौर सबसे भयानक रहा था! इस दौर में पूरा विश्व आर्थिक मंदी की चपेट में था! कच्चे तेल की कीमत औसतन 110 डॉलर प्रति बैरल रही थी! एकाध तिमाही में यह कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गयी थी!भारत भी इससे अछूता नहीं रहा था! भारत में पेट्रोल 65-70 व डीजल 42-45 रूपये प्रति लीटर मिलने लगा था!पेट्रोलियम पदार्थों की इस वृद्धि पर बीजेपी ने पूरे देश में धरना प्रदर्शन किया! भारत बन्द का आयोजन किया गया! इस आयोजन में शिरकत करने वाले अधिकांश नेता आज केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री हैं!तब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के सामने आये और बहुत ही सरल शब्दों में देश को ये समझाया कि हमें ऐसा क्यों करना पड़ा!
उन्होंने कहा कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते! हमे अपने लोगों की नौकरियां बचानी हैं! उन्हें सैलरी देनी है! गरीबों को सब्सिडी देने के लिए हमें पैसे चाहिए!और भी कई बातें गिनायीं जो एक प्रधानमंत्री को करना चाहिए!इसमें कांग्रेस नेतृत्व वाली UPA सरकार ने साल 2008 में किसानों का साठ हजार करोड़ मूल्य का कर्ज माफ़ किया था।

कांग्रेस दल कथयति तम् काले कृषकानाम् ऋण मुक्ति,प्रशासनिक कर्मिकाणाम् वेतनमानः सम्पूर्ण विश्वे विस्फारित आर्थिकहानि च एते सर्वेषाम् अग्रे गच्छतु कश्चितापि विकासशील देशाभिः मा सम्भवासीत्।वरन तत कालस्य प्रधानामात्य मनमोहन सिंहे कांग्रेस गटवंधनम पूर्ण विश्वास: असीत मनमोहन च इदृषि विश्वासस्य पूर्ण पालनम कृतः!कृषकानाम ऋण मुक्ति,षष्ट वेतनमान,वैश्विक आर्थिक हानिस्य भारते किंचिद प्रभाव न जातः! जनानाम सेवाकार्यम किंचिद क्षति न अभवत!सेवाशुल्क च DA न विच्छिन्नस्य कतिपय कारणम न असीत,अस्य कारणात 2009 तमे मतदाने देशस्य बागडोर पुनः वयं जनाः हस्ते आगतः।सरकार निर्माणात् मनमोहन सिंहे ईदम भारम आसीत, ते सप्तम वेतनमान कृष्कानां च ऋण मुक्तेन उत्पन्न वित्तीय आपदस्य कस्य प्रकारेण निवर्तव्यम,तर्हि नव कृत्रिम तैलस्य अंतराष्ट्रीय आपणं हाहाकारम उत्पन्न:!एकः बैरल शुल्क डलरस्य त्रि अंकस्य प्राप्तवंत:!देशे पेट्रोल डीजल कृत्रिम गैसस्य शुल्काणाम बहु विरधी अभवत तर्हि कारणेंन भाजपा अद्य सत्तासीने अस्ति इदम कथयति च मुश्किल क्षणे विपक्षस्य देशस्य प्रधानामात्यम् सह उदतिष्ठनीय, सः तेन काले भारत बंद कृत्वा उपविशति स्म।चौके अस्यैव नेतृ आगत दिनम कृत्रिम गैस गृहीत्वा उपविशति स्म।हिन्डीरः प्लांडूस्य माल अस्येव ग्रीवा दोलनम् कृत द्राक्षति स्म!मनमोहन सिहस्य प्रतिरूप जवलन्ति स्म।कति नेतृ नग्नावस्था प्राप्नोति!

कांग्रेस पार्टी कहती है उस समय किसानों की कर्जमाफी, सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान और पूरे विश्व में फैला आर्थिक संकट इन सब पर एक साथ पार पाना किसी भी विकासशील देश के लिए संभव नहीं था।लेकिन उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कांग्रेस गठबंधन को पूरा भरोसा था और मनमोहन जी ने इस भरोसे को कायम रखा।किसानों का कर्ज माफ़ हुआ!छठा वेतनमान भी लागू हुआ!वैश्विक आर्थिक संकट का भारत पर जरा भी असर नहीं हुआ!लोगों की नौकरियां बच गयी थीं!सैलरी और DA कटने का तो कोई सवाल ही नहीं था!नतीजा ये हुआ कि 2009 के आम चुनावों में देश की कमान पुनः हमलोगों के हाथों में आयी।सरकार बनते ही मनमोहन सिंह पर ये दबाव था कि वे सातवें वेतनमान और किसानों की कर्जमाफी से उत्पन्न हुए वित्तीय घाटे को कैसे भी पाटें!तभी कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हाहाकार मच गया! एक बैरल की कीमत डॉलर के तीन अंकों को पार कर गयी! देश में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के दामों में भारी वृद्धि की गयी!जो बीजेपी आज सत्ता में है और ये कह रही है कि मुश्किल घड़ी में विपक्ष को देश के प्रधानमंत्री के साथ खड़े होना चाहिए,वह उस वक्त “भारत बन्द” कर के बैठी थी! चौराहों पर इनके नेता आये दिन एलपीजी सिलिंडर लेकर बैठ जाते थे! प्याज और टमाटर की मालाएं इनके गले में ही लटकी मिलती थीं! मनमोहन सिंह के पुतले फूंक रही थी! कुछ नेता तो नंगे भी हो गये थे!

हार्वर्डस्य मिथ्या संभाषण कर्तुम् हार्डवर्क कर्तुम्  समर्थ: अयम सर्कारस्य अद्य नवकृत्रिम तैल 1989 शुल्के प्राप्नोति, एक मास पूर्व इदम शुल्कम 1947 प्राप्नोति! मूल्य शून्य श्रेणी गतवान!वरनापि कोटि जनाः बेरोजगारी प्राप्तवंत:।जी डी पी गर्त गत:!मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र सह बहु क्षेत्रे सेवाकार्यम समाप्त कृतवंत:,पत्रकार आदि सेवाकार्यम विच्छिन्नम कुर्वन्ति,सेवाकार्य कर्मचारिणाम DA एक दिवसस्य वेतन विच्छिन्न: कृतः!समस्त सेवाकार्य योजनानां शुल्क प्रतिपूर्ति स्थगित कृत:,सांसद निधि धनराशि न्यूनम कृतवन्तः।प्रधानामात्य केयर फण्ड निर्मिताः।देशवासिनाम 2011-12 वर्षस्य मूल्य पेट्रोल डीजल च अद्य मिलति।

हार्वर्ड को गाली देने वाली और हार्डवर्क करने वाली इस सरकार को आज कच्चा तेल उसी 1989 के रेट में मिल रहा है! एक महीने पहले तो यह रेट 1947 वाला हो गया था! कीमत माइनस में चली गयी थी! फिर भी करोड़ों लोग बेरोजगार हुए घूम रहे हैं!जीडीपी धराशायी हुई पड़ी है!मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर समेत तमाम सेक्टरों में नौकरियां जा रही हैं!पत्रकारों तक की नौकरियां छीनी जा रही हैं!सरकारी कर्मचारियों का DA और एक दिन की तनख्वाह काट ली गयी है!सारी सरकारी योजनाओं के मदों को रोक दिया गया है!सांसद निधि की राशि कम कर दी गयी है!प्रधानमंत्री केअर फण्ड खोले बैठे है!और देशवासियों को 2011-12 वाले पेट्रोल के रेट में आज डीजल मिल रहा है!

आगतः अद्यस्य परिस्थितिस्य वार्ता करोति !

आइये आज की परिस्थिति की बात करते है !

एकाभिमुख कोरोना रूपी महामारीत विच्छिन्नाय भारते चत्वारिभिमुख सर्वे कार्य:स्थागित:,येन कारणेंन बेरोजगारी,भुखमरीस्य समस्या भारत सम्मुखे!
द्वितीयाभिमुख चिन,पकिस्तान,नयपाल इत्यस्य देशे: युध्दस्य स्थिति!
येन परिस्थिते अपि भारत सरकार: स्व धैर्यम गृहीत्वा जनाभि: कोरोनस्य चिकित्सा,भोजन,प्रवसिनाम आदाय तथैव श्रमिक:,मज़दूरणाम,शुल्क प्रतिपूर्ति इत्यादि व्यवस्था कृतः,केनोअपि खाद्य सामग्री शुल्क वृद्धि न कृतः येन कारणेंन सर्कारस्य उपरि बहु आर्थिक भारं अभवत।द्वितियाभिमुख चिन,पकिस्तान,नयपाल देशभिः युद्ध स्थित दृष्ट्वा सरकार अन्य देशभिः बहु टैंक जेटविमान आयात कृतः,येन कारणेंन अपि सरकारे आर्थिक भार बर्धति।अस्य आर्थिक भार वहन कृते सरकार पार्श्वे केवलं डीजल पेट्रोल शुल्क वृद्धि साधनम पी एम केयर फण्ड वा स्तः।यस्येन् प्राप्त धनम् सरकार द्वे परिस्थितेभ्यं पारम पायत:।

एक तरफ कोरोना रूपी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत में सब तरफ बन्दी का दौर जिसके कारण बेरोजगारी,भुखमरी की समस्या देश के सामने !
दूसरी तरफ चीन,पाकिस्तान,नेपाल जैसे देशों से युध्द की स्थिति !
इन परिस्थितियों में भी भारत सरकार ने अपना धैर्य बनाकर लोगों के लिए कोरोना का इलाज,भोजन,प्रवासियों को लाने के लिए तथा श्रमिकों,मजदूरों को भत्ता आदि की व्यवस्था की,किसी भी खाद्य सामग्री के मूल्य में कोई भी बृद्धि नहीं हुई जिसके कारण सरकार के ऊपर आर्थिक बोझ पड़ा।दूसरी तरफ चीन,नेपाल,पाकिस्तान देशों से युद्ध जैसी स्थित से निपटने के लिए सरकार दूसरे देशों से टैंक,जेटविमान आदि खरीद रही है,इससे भी सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।इस आर्थिक बोझ से निपटने का जरिया सरकार के पास केवल डीजल पैट्रोल की मूल्य वृद्धि या फिर पी एम केयर फंड ही है जिससे संचित धन से सरकार दोनों परिस्थितियों से भलीभांति निपट रही है।

इदानीं समये कांग्रसेन कृत विरोध प्रदर्शनम् केवलं सर्कारस्य ध्यानम् वर्तमान संकटेन भ्रमितस्य मात्र प्रतीतं भवति,कांग्रेसस्य समये मूल्य वृद्धि केवलं सत्तास्य मात्र आसीत,ऋण मुक्ति इत्यादयः,वस्तुतःअद्द्येव परिस्थिते वास्तविक संकट कालम् अस्ति,कोरोना,चिन,पकिस्तान,नयपाल सह सम्बन्ध च।

इस समय कांग्रेस द्वारा किया जा रहा विरोध प्रदर्शन केवल सरकार के ध्यान को वर्तमान संकटों से भटकाने का मात्र प्रतीत हो रहा है,कांग्रेस के समय मूल्य वृद्धि केवल सत्ता की लोलुपता मात्र थी कर्ज माफी इत्यादि,मगर आज की परिस्थिति में वास्तविक संकट का दौर है कोरोना और चीन,नेपाल,पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Mark Carney to become Canada’s new Prime Minister, vows to improve relationship with India

Former central banker Mark Carney on Sunday (March 9) won the leadership election for Canada’s Liberal Party, with...

UP CM Yogi Adityanath backs Sambhal DSP who asked Muslims to stay indoors on Holi

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath Saturday backed the senior Sambhal police officer who had controversially “advised” Muslims...

The BAPS Shri Swaminarayan Mandir in California vandalized, Indian Govt condemns this ‘Despicable’ act

The BAPS Shri Swaminarayan Mandir, one of the largest Hindu temples in Southern California, was vandalized with anti-India...

Sanatan Economics – Mahakumbh to Boost India’s Q4 GDP Growth and will Transform Uttar Pradesh’s Fortunes

The Mahakumbh is expected to boost India’s economic growth in the fourth quarter, Chief Economic Adviser V Anantha...