उत्तर प्रदेश भाजपास्य प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी: ओवैसीस्य एकम् ट्वितस्य उत्तरम् दातुम् ट्वितरे अलिखत्,१२४ भयंकरम् गुनाहगारेषु ४७ शांतिदूतानाम् गणनाम् पश्यमेव ओवैसी श्रीमानस्य उदरे तीव्र शूलम् उदतिष्ठत्, योगी: पुनः मुस्लिम विरोधिन् पश्यते, वस्तुतः राजनीतिस्य अस्य पूर्ण विपणि एव चलति गुनाहगाराणि आतंकीनाम् पैरवीकारस्य नामम् !
उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने ओवैसी के एक ट्वीट का जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा, 124 खूंखार अपराधियों में 47 शांतिदूतों का आँकड़ा देखते ही ओवैसी साहब के पेट में तगड़ा दर्द उठा, योगी जी फिर मुस्लिम विरोधी दिखने लगे, दरअसल सियासत की इनकी पूरी दुकान ही चल रही है गुनाहगारों और आतंकियों की पैरोकारी के नाम !
ओवैसीस्य का कथनम् अस्ति ?
ओवैसी का क्या कहना है ?
आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (ए आई एम आई एम) प्रमुखम् असद्दुदीन ओवैसी: यू पी आरक्षकस्य समाघातम् नियमे प्रश्न कर्तुम् ओवैसी: अकथयत् तत उत्तर प्रदेशस्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथः समाघातेन सह नियम् नियत प्रक्रियाम् च् परिवर्तिते !
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (ए आई एम आई एम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यू पी पुलिस के एनकाउंटर पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुठभेड़ों के साथ नियम और नियत प्रक्रिया को बदल दिया है !
इदम् केवलं औपचारिक्ताम् न अस्ति ! इदम् क्रूर सरकारात् अस्माकं रक्षाम् कृतस्य बहु मुख्य आधारम् अस्ति ! आरक्षकस्य पार्श्व कश्चितम् दंडित कृतस्य शक्तिम् न अस्ति ! उत्तर प्रदेशम् मुक्तवा, कुत्र अकश्चित् साक्ष्यस्य समाघातम् भवति !
यह केवल औपचारिकता नहीं है ! यह अत्याचारी सरकार से हमारी रक्षा करने का बहुत बुनियादी आधार है ! पुलिस के पास किसी को दंडित करने की शक्ति नहीं है ! यू पी को छोड़कर, कहां बिना किसी सबूत के मुठभेड़ होती है !
बहु उदाहरणेषु समाघात प्रताड़ितानां परिवारमपि आरक्षकस्य भयेन प्रकरणम् ललकारम् दत्तेन भयन्ति ! केचन उदाहरणेषु यूपी आरक्षकानि कथित कारणे प्रताड़ितानि परिवाराणि विरुद्धमेव कार्यवाहीम् अकरोत् ! येषु प्रताड़ितानां गृहानि पतनस्य कार्यवाहीम् सम्मिलतम् अस्ति !
कई उदाहरणों में एनकाउंटर पीड़ितों के परिवार भी पुलिस के डर से घटना को चुनौती देने से डरते हैं ! कुछ उदाहरणों में यूपी पुलिस ने कथित तौर पर पीड़ितों के परिवारों के खिलाफ ही कार्रवाई की, जिसमें पीड़ितों के घरों को गिराने की कार्रवाई शामिल है !
यूपी आरक्षकानि प्रदर्शयत् तत कस्मात् तानि साम्प्रदायिकम् जातिवादिम् च् संस्थाम् अनिर्मयते ! हिन्दुत्वस्य स्व वैचारिकम् कार्यानुक्रमणिकाम् अग्रम् वर्धनाय यू पी आरक्षकानि योगी सरकारेन हस्ताभ्याम् पुत्तलिका अनिर्मयते !
यूपी पुलिस ने दिखाया है कि कैसे वह सांप्रदायिक और जातिवादी संस्था बन गई है ! हिंदुत्व के अपने वैचारिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए यूपी पुलिस, योगी सरकार के हाथों की कठपुतली बन गई है !
सूत्रानुसारम् !
सूत्रानुसार !
वस्तुतः, एक प्रतिवेदनस्य अनुसारम् मार्च 2017 तमे प्रदेशे योगी आदित्यनाथस्य नेतृत्वे भाजपा सरकार निर्माणस्य उपरांत गुनहगारानाम् प्रग्रहणाय अभियानम् अचलयते स्म ! अस्य क्रमे प्रदेशे सम्प्रतेव गुनहगाराणि आरक्षकानाम् मध्य च् ६२०० त: अधिकम् समाघातम् अभवन् ! येषु १४ सहस्रतः अधिकम् गुनहगारानि बन्दीम् अभवत् !
दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी सरकार बनने के बाद अपराधियों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया गया था ! इस क्रम में प्रदेश में अब तक अपराधियों और पुलिस के बीच 6,200 से अधिक मुठभेड़ हो चुकी है जिनमें 14 हजार से अधिक अपराधी गिरफ्तार हुए हैं !
अस्य समाघाते सम्प्रतेव २३०० तः अधिकम् अभियुक्तम् ९०० तः अधिकम् आरक्षकानि आहत: अभवत् ! गुनाहगारै: समाघातुम् १३ आरक्षकानि शहीदम् अभवत् यद्यपि सम्प्रतेव १२४ गुनहगारम् आरक्षक समाघाते अहन्यते ! जातिवारम् एतानि गुनहगारानाम् विवरणम् अपश्यते तर्हि ४७ अल्पसंख्यकम्, ११ ब्राह्मणं, ८ यादवं, शेष ५८ च् गुनहगारेषु क्षत्रियं, पिछड़ीम् अनुसूचित जातिस्य/जनजातिस्य च् गुनहगारम् सम्मिलितम् सन्ति !
इन मुठभेड़ में अब तक 2,300 से अधिक अभियुक्त और 900 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं ! अपराधियों से मोर्चा लेते हुए 13 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं जबकि अब तक 124 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं ! जातिवार इन अपराधियों का ब्योरा देखा जाए तो 47 अल्पसंख्यक, 11 ब्राह्मण, 8 यादव और शेष 58 अपराधियों में ठाकुर, पिछड़ी और अनसूचित जाति/जनजाति के अपराधी शामिल हैं !