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सम्प्रति असाधु राजनीते अवतरित: कांग्रेसम्, तस्य मुख्यमंत्री: ददातु राज्यपालस्य भर्त्सकः ! अब गन्दी राजनीति पर उतरी कांग्रेस, उनके सी एम ने दे डाली राज्यपाल को धमकी !

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एकः उक्ति अस्ति :- नृत्य न आवतु, प्राँगण वक्र: अयम् उक्ति अद्यस्य परिस्थिति द्रष्टुम्, कांग्रेसाय वास्तविक उचितम् प्रतीतं भवति !

एक कहावत है :- नाच न आवै,आंगन टेढ़ा
यह उक्ति आज के हालात देखते हुए, कांग्रेस के लिए बिल्कुल उचित प्रतीत होती है !

कांग्रेसस्य अनुसारम् राजस्थानस्य मुख्यमंत्री गहलोत: राज्यपाल महोदयम् पत्र प्रेषयित्वा निवेदनम् अकरोत् स्म तत् विधानसभायाः सत्र आहूयन्तु तस्मिन् च् राजनैतिक परिस्थितिम्, कोरोनेषु चर्चाम् भवन्तु !

कांग्रेस के अनुसार राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल महोदय को पत्र भेजकर निवेदन किया था कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और उसमें राजनीतिक हालात, कोरोना पर चर्चा हो !

तु राज्यपाल प्रत्येन तम् पत्रस्य उत्तरम् आगते विलंबम् अभवत् तर्हि सी एम गहलोत: क्रुध्य्त:,भर्त्सकयुक्त अंदाजे मीडिया इत्यस्य सम्मुखे अकथयत् अस्माकं मान्यतु तत् उपरात् बन्धस्य कारणम् बलायाम् सः विधान सभा आहूसि निर्देशम् न ददाति, अस्य प्रत्युत्तरे कुत्रचित् जनाः राजभवनस्य परिधा अकरोत् तर्हि अस्माकं भारम् न भविष्यति !

लेकिन राज्यपाल के तरफ से उस पत्र का जवाब आने में देर हो गयी तो सी एम गहलोत विफर पड़े,और धमकी भरे अंदाज में मीडिया के सामने कहा हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण मजबूरी में वो विधानसभा बुलाने के निर्देश नहीं दे रहे हैं,इसके प्रत्युत्तर में कहीं जनता ने राजभवन का घेराव किया तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी !

प्रत्युत्तरे किं कथयति राजस्थानस्य राज्यपाल कलराज मिश्र: !

प्रत्युत्तर में क्या कहते हैं राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र !

राजस्थानस्य राज्यपाल कलराज मिश्र: पत्रम् लिखित्वा सी एम अशोक गहलोतेन अकथयत्, तेन पूर्वे तत् अहम् विधान सभा सत्रस्य संबंधे विशेषज्ञेभ्यः परिचर्चा अकरोत्, भवतः सार्वजनिक रूपेण अकथयत् तत् यदि: राजभवनस्य परिधा भवति,तर्हि भवतः भारं न अस्ति !

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पत्र लिखकर सी एम अशोक गहलोत से कहा, इससे पहले कि मैं विधान सभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करता, आपने सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि राजभवन का घेराव होता है तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है !

यदि: भवान् भवतः च् गृह मंत्रालय राज्यपालस्य रक्षणम् न कृत शक्नोति तर्हि राज्ये नियम – व्यवस्थायाः किं भविष्यति ? राज्यपालस्य रक्षणाय कस्य एजैंसेन संपर्क करणीय ? अहम् कदाचित कश्चित् मुख्यमंत्रीस्य इदानीं वार्ता न अशृणोत् ! किं अयम् एकः असाधु प्रवृत्तिस्य प्रारम्भम् न अस्ति, यत्र विधायक राजभवने विरोधम् प्रदर्शनम् कुर्वन्ति !

यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकता तो राज्य में कानून – व्यवस्था का क्या होगा ? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए ? मैंने कभी किसी सी एम का ऐसा बयान नहीं सुना ! क्या यह एक गलत प्रवृत्ति की शुरुआत नहीं है, जहां विधायक राजभवन में विरोध प्रदर्शन करते हैं ! 

राज्यपाल का पत्र


भवान् भवतः विधान सभा सत्र आहूसि अनुसंशाम् मह्यं दिनांक २३ जुलाई २०२० तमम् प्रेषयतु ! तथापि अहम् केचन् विशेषज्ञेभ्यः चर्चा कृत शक्नोति भवान् सार्वजनिक रूपेण मिडियास्य सम्मुखे अयम् अकथयत् तत् यदि: अद्य राजभवनस्य परिधा भवति तर्हि भवतः भारं न अस्ति !

आपने आपकी विधानसभा सत्र बुलाने की अनुशंसा मुझे दिनांक 23 जुलाई 2020 को प्रेषित की ! अभी मैं कुछ विशेषज्ञों से चर्चा कर पाऊं आपने सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने यह कह दिया कि यदि आज राजभवन का घेराव होता है तो आपकी जिम्मेदारी नहीं है !

मया भवतः इत्येव निवेदनम् अस्ति तत् भवान् भवतः च् गृह मंत्रालय किं राज्यपालस्य रक्षणमपि न कृत शक्नोति ! पत्रे राज्यपालः अकथयत् तत् भवतः प्रकर्णस्य राजनैतिक वर्णास्य कार्यम् अकरोत्, तस्मात् अहम् दुःखी अहतः अस्मि !

मेरा आप से इतना ही निवेदन है कि आप और आपका गृह मंत्रालय क्या राज्यपाल की रक्षा भी नहीं कर सकता है ! पत्र में राज्यपाल ने कहा कि आपने मामले को राजनीतिक रंग देने का कार्य किया है, इससे मैं दुखी और आहत हूं !

वार्तानुसार राजभवनेन येन षड विन्दूनि अउत्थायत् तेषां इति एकः अयमपि सन्ति तत् राज्य सर्कारस्य बहुमतम् अस्ति तर्हि विश्वासमतम् प्राप्तम् कृताय सत्र आहूत कृतस्य किं औचित्यम् अस्ति ! अस्य सहैव तेषां अकथयत् तत् विधान सभाम् सत्र कस्य तिथेन आहूत करोतु, अस्य उल्लेख कैबिनेट लेखे न अस्ति नैव च् कैबिनेटेन कश्चित अनुमोदनम् प्रदान कृतवन्तः !

बयान के अनुसार राजभवन द्वारा जिन छह बिंदुओं को उठाया गया है उनमें से एक यह भी है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है ! इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख कैबिनेट नोट में नहीं है और न ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है !

राहुल गांधी: भाजपायाः आरोपयति !

राहुल गांधी ने भाजपा पर लगाया आरोप !


अत्रैव राजस्थानस्य प्रकरणे कति दिवसेन मौनम् बंधयते राहुल गांधी: ट्वीट कृत भाजपायाः सरकार पतनस्य कुचक्रस्य आरोपयति ! सम्प्रति कांग्रेस भाजपायाः विपक्ष सम्पूर्ण राजस्थाने सत्याग्रह – प्रदर्शनम् करिष्यति ! एकः तर्हि कोरोना द्वितीयम् राज्य प्राप्त कृताय सत्याग्रह – प्रदर्शनम् विचारणीय ?

इधर राजस्थान के मामले पर कई दिनों से चुप्पी साधे रहे राहुल गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया ! अब कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ पूरे राजस्थान में धरना प्रदर्शन करेगी ! एक तो कोरोना दूसरा राज्य प्राप्त करने के लिए धरना प्रदर्शन सोचनीय ?

ज्ञानवानस्य मान्यतु तत् तथा तर्हि राज्यपालः मन्त्रि परिषदस्य उपदेशे कार्यम् करोति, तु तथापि विशेष परिस्थितिम् अस्ति ! विद्रोही विधायकानां प्रकरणम् न्यायालये अस्ति ! एतेषु राज्यपालः स्वविवेकेन निर्णयम् गृहणयति ! अग्रे किं भवति अयम् तर्हि कालस्य गर्ते अछिपत् ! तु अयम् विचारणीय आवश्यकम् अस्ति तत् इयम् राहुल गांधी:, सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रायाः कांग्रेसम् सन्ति, कदापि केचन् कथ शक्नोति !

जानकारों का मानना है कि वैसे तो राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करते हैं,लेकिन अभी विशेष परिस्थिति है ! बागी विधायकों का मामला कोर्ट में है ! ऐसे में राज्यपाल अपने हिसाब से फैसला ले सकते हैं ! आगे क्या होता है यह तो वक्त के गर्त में छिपा हैं ! लेकिन यह विचारणीय अवश्य है कि यह राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा की कांग्रेस है, कभी भी कुछ कह सकती है !

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