चिनम् सह चलति सिम्न विवाद मध्ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: उपरांते रक्षामंत्री राजनाथ सिंह: लद्दाख,लूकांग अलभत् ! रक्षामंत्री राजनाथ सिंहस्य अस्य भ्रमणे प्रमुख रक्षाध्यक्ष जनरल विपिन रावतः सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे: अपिच् तं सह सन्ति ! राजनाथ सिंह: लूकांगे सैनिकानि सह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल विपिन रावतम् सेना प्रमुख एम एम नरवणेम् सह वार्ताम् अकरोत् !
चीन के साथ जारी सीमा विवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख,लूकांग पहुंचे ! रक्षा मंत्री के इस दौरे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी उनके साथ हैं ! राजनाथ सिंह ने लुकांग में सैनिकों के साथ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के साथ बातचीत की !
आगतः जनीति लद्दाख लूकांगे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह: अस्माकं वीर सैनिकै: किं अकथयत् ?
आइये जानते हैं लद्दाख,लूकांग में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हमारे वीर सैनिकों से क्या कहा ?
रक्षामंत्री: अकथयत् सिम्नी विवादस्य निवारणार्थाय वार्ता चलति वरन इमे कस्य सिमेव निवर्तव्यम् ,अस्य अहम् आश्वासनम् न दा शक्नोमि ! वरन इत्येव आश्वासनम् अवश्य दातु इच्छयामि ! भारतस्य एकम् इंच भूमिअपि विश्वस्य कोपि शक्ति स्पर्शम् न कृत शक्नोति ! तस्मिन् कोपि अधिपत्य न कृत शक्नोति ! वस्तुतः वार्तेन समाधानम् निस्सरतन्ति,तर्हि येन साधु किमपि न सन्ति !
रक्षामंत्री ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है लेकिन इसे किस सीमा तक हल किया जा सकता है, इसकी मैं गारंटी नहीं दे सकता ! लेकिन इतना यकीन मैं जरूर दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्जा नहीं कर सकता ! अगर बातचीत से समाधान निकाला जा सकता है, तो इससे बेहतर कुछ नहीं है !
अद्य भवतै: मिलित्वा मह्यं प्रसन्नताम् अनुभवामि तर्हि हृदये एक: पीडामपि अस्ति, अपरे भारत चिन सैनिकानाम् मध्य यत किमपि अभवत्,तस्मिन् अस्माकं किमपि युवकाः स्व बलिदानम् दत्तुम् स्व सिम्नी अरक्षत्, तै: अक्षिपतुम् दुखम् भवतै: मिलतुम् प्रसन्नताम् च् स्तः ! अहम् तै: श्रद्धांजलिम् अर्पित करोमि ! भवताः केवलं भारतस्य सिम्नी सुरक्षा न अकुर्वन् अपितु 130 कोटि भारतवासिनाम् सम्मानम् सुरक्षापि अकुर्वन् !
आज आपसे मिलकर मुझे खुशी हो रही है तो मन में एक पीड़ा भी है, हाल ही में भारत और चीन सैनिकों के बीच जो भी कुछ हुआ, उसमें हमारे कुछ जवानों ने अपना बलिदान देते हए अपनी सीमा की रक्षा की ! उन्हें खोने का गम और आपसे मिलने की खुशी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं ! आप लोगों ने केवल भारत की सीमा की सुरक्षा नहीं की है बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की है !
भारत विश्वस्य एकमात्र देशः सन्ति,येन सम्पूर्ण विश्वस्य शान्तिम् संदेश आदत्तवान् ! मह्यं कश्चितापि देशे कदा वारम् न अकरोत् नैव कश्चित देशस्य भूमे च् मह्यं आधिपत्य अकरोत् ! भारत वसुधैव कुटुम्बकम् इति संदेश अददात् ! वयं अशांति न ऐच्छतुम् वयं शांतिम् ऐच्छतुम् ! अस्माकं चरित्रम् इदम् अस्ति मह्यं कश्चितापि देशस्य स्वाभिमाने प्रहार कृतः कदा प्रयत्नम् न अकरोत् ! भारतस्य स्वाभिमाने यदेव प्रहार कृतेन प्रयत्नम् अकुर्वन् तर्हि वयं कश्चितापि हालाते न स्वीकृत्याष्यामि स्पष्टम् उत्तरम् दाष्यामि ! यदेव वयं अद्य लद्दाखे उद्तिष्ठमि तर्हि अद्य दिवस अहम् कारगिल युद्धे भारतस्य सीमायाम् स्व प्राणानाम् आहुति इति गृहीत्वा रक्ष्यन्तु बहादुर सैनिकानामपि स्मरणम् नमन कर्तुम् श्रद्धांजलि अर्पित करोमि !
भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है ! हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की जमीन पर हमने कब्जा किया है ! भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है ! हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं ! हमारा चरित्र ऐसा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है ! भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे ! यदि हम आज लद्दाख में खड़े हैं तो आज के दिन मैं कारगिल युद्द में भारत की सीमाओं की अपने प्राणों की बाजी लगाकर रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को भी स्मरण एवं नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं !
आगतः जानीति भारत चिन वा कस्य पार्श्वे कति सैन्यशक्ति स्तः ?
आइये जानते हैं भारत व चीन किसके पास कितनी सैन्यशक्ति है ?
भारतस्य सक्रिय कर्मिकेषु 14,40,000 कर्मी सम्मिलताः सन्ति ,यत चिनस्य 21,83,000 कर्मिकै: लघु सन्ति ! चिनस्य 5,10,000 रिजर्व कर्मिकाणाम् तुलनेषु 21,00,000 रिजर्व कर्मिकनि सह भारतस्य पार्श्वे बेहतरम् बेंच स्ट्रेंथ सन्ति ! 4,292 टैंकस्य सह भारतम् चिनात् अग्र सन्ति, चिनस्य पार्श्वे केवलं 3,500 टैंक अस्ति !
भारत के सक्रिय कर्मियों में 14,40,000 कर्मी शामिल हैं, जो चीन के 21,83,000 कर्मियों से कम है ! चीन के 5,10,000 रिजर्व कर्मियों की तुलना में 21,00,000 रिजर्व कर्मियों के साथ भारत के पास बेहतर बेंच स्ट्रेंथ है ! 4,292 टैंकों के साथ, भारत चीन से आगे है, चीन के पास सिर्फ 3,500 टैंक हैं !
चिनस्य पार्श्वे अस्ति सर्वात् विशाल सेना !
चीन के पास है सबसे बड़ी सेना !
चिनस्य विस्तारवादी निताय सर्वात् आवश्यकम् विशाल सैन्य शक्ति अस्ति ! एतेषु चिन: सदैव स्व सैन्यशक्ति वृद्धे प्रयत्नम् अददात् ! स्टेटिस्टा अनुसारे तेन पार्श्वे 2020 तमे विश्वस्य सर्वात् विशालम् सक्रिय सैन्यशक्ति: अस्ति, यतेषु 21.8 लक्ष सक्रिय सैनिकाः सन्ति ! स्टेटिस्टा अनुसार भारत अमेरिका उत्तर कोरिया रूसस्य पार्श्वे च् विश्वे सर्वाधिकम् सक्रिय सैनिकाः सन्ति ! अस्य सहैव सैन्य व्यये 2008 उपरांतात् तस्य स्थानम् विश्वे द्वितीय सन्ति ! तस्य सैन्य व्यय 2019 तमे 261 अर्बुद डॉलर आसीत्, तदैव भारत 71.1 अर्बुद डालरम् सह तृतीय स्थानम् अस्ति !
चीन की विस्तारवादी नीति के लिए सबसे जरूरी बड़ा सैन्य बल है ! ऐसे में चीन ने हमेशा अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने पर जोर दिया है। स्टेटिस्टा के मुताबिक उसके पास 2020 में दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय सैन्य बल है, जिसमें 21.8 लाख सक्रिय सैनिक हैं ! वहीं भारत के पास 14.4 लाख सक्रिय सैनिक हैं ! स्टेटिस्टा के अनुसार, भारत, अमेरिका, उत्तर कोरिया और रूस के पास दुनिया में सर्वाधिक सक्रिय सैनिक हैं ! इसके साथ ही सैन्य खर्च में 2008 के बाद से उसका स्थान दुनिया में दूसरा है ! उसका सैन्य खर्च 2019 में 261 अरब डॉलर था, जबकि भारत 71.1 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर हैं !