15.1 C
New Delhi

बरेलीयाम् नव लव जिहाद विधिस्य अनुरूपम् प्रथम प्राथमिकीम् ! बरेली में नए लव जिहाद कानून के तहत पहली FIR !

Date:

Share post:

योगी सरकारेण आनयतु विधि विरुद्धम् धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-२०२० इतम् राज्यपालेण सहमतिम् प्राप्तस्य उपरांत उत्तर प्रदेशस्य बरेलीयाम् इति विधिस्य अनरूपम् प्रथम प्राथमिकी पंजीकृतं कृतवान !

योगी सरकार द्वारा लाए गए विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2020 को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद यूपी के बरेली में इस कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है !

बरेलीयाः देवरनिया प्रान्तरे वासिन् टीकाराम: पातकीस्थाने दोषकथन पंजीकृतं आरोपम् आरोपयत् तत ग्रामस्यैव वासिन् ओवैस अहमद: तस्य जायायाम् बलात् धर्मांतरणस्य भारम् भारयते !

बरेली के देवरनिया इलाके में रहने वाले टीकाराम ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि गांव का ही रहने वाला ओवैस अहमद उनकी बेटी पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा है !

बालिकायाः पितु टीकाराम: आरोपम् आरोपयत् तत कुटुम्बस्य इच्छायाः विरुद्धम् इस्लाम स्वीकाराय ओवैस: तस्य जायां प्रेमपाशे निबन्धयत् तस्मिन् च् भारम् भारयत् !

लड़की के पिता टीकाराम ने आरोप लगाया कि परिवार की मर्जी के खिलाफ इस्लाम अपनाने के लिए ओवैस ने उसकी बेटी को प्रेम बंधन में फंसाया और उस पर दबाव बनाया !

टीकाराम: आरोपम् आरोपयत् तत विरोधम् व्यक्तयते ओवैसस्य कुटुंबेण सः भर्तस्करपि दीयते ! आरक्षकः अधिकारी: अबदत्,यत् अभियोगम् पंजीकृतं अभवत् ! तस्मिन् एकः बालकः एकम् बालिकाम् प्रथमं अपहरण्यते स्म,अर्थतः अपहरणम् कृतवान स्म !

टीकाराम ने आरोप लगाया कि विरोध जताने पर ओवैस के परिवार द्वारा उन्हें धमकी भी दी जा रही है ! पुलिस अधिकारी ने बताया,जो मुकदमा दर्ज हुआ है। उसमें एक लड़का एक लड़की को पहले भगा ले गया था, यानि अपहरण कर लिया था !

तां बालिकायाम् आरोपी धर्मांतरणं पाणिग्रहणं च् भारम् भारयति स्म ! तैवस्य गृहित्वा बालिकायाः पितु अभियोगम् पंजीकृतं आकारयत् !

उस लड़की पर आरोपी धर्म परिवर्तन करने और शादी करने का दबाव बना रहा था ! उसी को लेकर लड़की के पिताजी ने मुकदमा दर्ज कराया है !

आरोपियाम् उत्तर प्रदेश विधि विरुद्धम् धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम ३/५ इत्यस्य विधि क्रमांके अभियोगम् पंजीकृतं कृतवान अस्य अतिरिक्त आईपीसी इत्यस्यापि विधि क्रमांकानि पंजीकृतये ! बालक: लुप्तमस्ति तस्य च् बंदियाः प्रयत्नम् तीव्रम् कुर्येत् !

आरोपी पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है इसके अलावा आईपीसी की भी धाराएं लगाई गई हैं ! लड़का फरार है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज किए जा रहे हैं !

आरोपस्य अनुरूपम् ओवैस: पठनस्य कालम् बालिकया मित्रताम् अक्रियते स्म उपरांते च् लालिन्-लालित्वा धर्मान्तरणाय भारम् भारयति स्म !

आरोप के मुताबिक ओवैस ने पढ़ाई के दौरान लड़की से दोस्ती कर ली थी और बाद में बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बना रहा था !

पीडिताया अस्वीकारस्य उपरंतापि ओवैस: सततं भारम् भारयति स्म भर्तस्कः ददाति स्म च् ! कुटुंबेन येन गृहित्वा यदा अस्वीकार्यते तर्हि ओवैस: भर्तस्कः दत्ते अवतरयत् !

पीड़िता द्वारा मना किए जाने के बावजूद भी ओवैस लगातार दबाव बना रहा था और धमकी दे रहा था ! परिवार द्वारा इसे लेकर जब मना किया गया तो ओवैस धमकी देने पर उतर आया !

भवन्तम् ज्ञापयतु तत उत्तर प्रदेशे योगी सरकारेण प्रस्तावित धर्मांतरण संबंधी विधेयकम् शानिवासरम् राज्यपालः सहमतिम् ददातु ! राज्यपालेण सहमत्यैव इयम् अध्यादेशस्य रूपे उत्तर प्रदेशे आरम्भयत् सम्प्रति च् इदृशं पातक अस्वतंत्रतापत्रम् मान्यिष्यते !

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित धर्मांतरण संबंधी बिल को शनिवार को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है ! राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही यह अध्यादेश के रूप में यूपी में लागू हो गया है और अब ऐसा अपराध गैर जमानती माना जाएगा !

अध्यादेशस्य अनुरूपम्, कश्चित एकेन धर्मेण अन्य धर्मे बालिकायाः धर्मांतरण केवलं एकमात्र प्रयोजनं पाणिग्रहणाय क्रियन्ते तर्हि इदृशं पाणिग्रहण शून्यस्य (अमान्य) श्रेणीयाम् नीयतम्शकनुष्यते !

अध्यादेश के अनुसार, किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ एकमात्र प्रयोजन शादी के लिए किया जाता है तो ऐसा विवाह शून्य (अमान्य) की श्रेणी में लाया जा सकेगा !

राज्यपलस्य सहमतिम् प्राप्तस्य उपरंत सम्प्रति इति अध्यादेशम् षड मासस्य अभ्यांतरम् विधानमंडलस्य द्वयो सदनयो उत्तीर्ण करिष्यत: ! अस्येन सहैव धर्म परिवर्तनं कृतानि १० वर्ष एव पातकीस्थानमपि भुज्यशक्नोति !

राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब इस अध्यादेश को छह माह के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास कराना होगा ! इसके साथ ही धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 वर्ष तक जेल भी भुगतनी पड़ सकती है !

अस्वतंत्रतापत्रम् पातकस्य प्रकरणे प्रथम श्रेणी न्यायाधीशस्य न्यायालये अभियोगम् चलिष्यति ! दोषम् सिद्धयते तर्हि दोषिम् न्यूनात् न्यून एक वर्षम् अधिकतम् च् पंच वर्षस्य दंडम् भुज्यिष्यति !

गैर जमानती अपराध के मामले में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा ! दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष की सजा भुगतनी होगी !

सम्पूर्ण लेख मीडिया रिपोर्ट के अनुसार :-

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

The Dark Side of Free AI Subscriptions in India: A Looming Security Threat

In recent times, numerous companies have been offering free AI subscriptions in India, touting the benefits of artificial...

Big Win for Hindus in Sanjauli Mosque case: Shimla court orders demolition of entire structure, calls lower two floors illegal

In a latest development in the Sanjauli Mosque case, the District Court of Shimla on Thursday ordered the...

Why India is Buying Massive Gold in Recent Times

India has long been one of the largest consumers of gold in the world, a trend deeply rooted...

The Breakdown of Pakistan-Afghanistan Talks: Implications and Aftereffects

The relationship between Pakistan and Afghanistan has always been complex, shaped by historical ties, geopolitical interests, and security...