केवल प्रतीक चित्र
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह: फ्लैग इत्यस्य अवसरे पकिस्ताने चिने च् बहु लक्ष्यम् लक्ष्यत: ! सः अकथयत् तत यत् देश स्वयमस्य सम्प्रभुतायाः रक्षाम् न कृतशक्नोति तस्य स्थिति सहवासिन् देशम् यथा भव्यते,सः अकथयत् तत येन प्रति सः कथ्यति तेन भवान् अवगमशक्नोति !
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्लैग डे के मौके पर पाकिस्तान और चीन पर खूब निशाना साधा ! उन्होंने कहा कि जो देश खुद की संप्रभुता की रक्षा नहीं कर सकते उनका हाल पड़ोसी देश जैसा हो जाता है,उन्होंने कहा कि जिसके बारे में वो कह रहे हैं उसे आप समझ सकते हैं !
यत् देश स्व शक्तियां मार्गम् न निर्मशक्नोति,न स्वयमस्य शक्तियां एकम् पगम् बर्धशक्नोति तः किं करिष्यति ! इयमेव न यत् स्व शक्तियां विपणन न कृतशक्नोति,कश्चित वा द्वितीय देशम् विपणन कृतेन अवरुद्धम् न शक्नोति तः किं करिष्यति तेन अवगम्यम् बहु कठिनम् नास्ति !
जो देश अपने दम पर सड़क नहीं बना सकता, ना खुद के दम पर एक कदम आगे बढ़ सकता है वो क्या करेगा ! यही नहीं जो अपने बल पर व्यापार नहीं कर सकता हो,या किसी दूसरे देश को व्यापार करने से रोक नहीं सकता है वो क्या करेगा उसे समझना बहुत मुश्किल नहीं है !
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह: अकथयत् तत गलवाने येन प्रकारेण वीर भारतीय सपूतानि चिनम् उत्तरं अददात् तस्मात् स्वच्छमस्ति तत अस्माकं सेना स्व सम्प्रभुतायाः रक्षणे सक्षममस्ति ! भारतस्य स्पष्टम् मतम् रहति तत सहवासिनै: सह सम्बंधम् साधु भवनीय !
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान में जिस तरह से वीर भारतीय सपूतों ने चीन को जवाब दिया उससे साफ है कि हमारी सेना अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है। भारत का स्पष्ट मत रहा है कि पड़ोसियों के साथ संबंध बेहतर होने चाहिए !
तु सहवासिन् देशम् स्वैव स्वयं विचारिष्यते तत किं सत् किं असतस्ति च् ! यदि कश्चित देश कश्चित द्वितीय देशस्य सैने चरति तर्हि स्थिति किं भवतः प्रत्येक अवगमशक्नोति !
लेकिन पड़ोसी मुल्क को अपने बारे में खुद सोचना होगा कि क्या सही और क्या गलत है ! अगर कोई मुल्क किसी दूसरे देश के इशारे पर चलता है तो हालात क्या होते हैं हर कोई समझ सकता है !
पकिस्तानेन चिनेन च सह संबंधेषु बदत: अकथयत् तत अयम् वार्ताम् सदस्ति तत पकिस्तानस्य कथनियां करनियां च् अंतरमस्ति यत् काले काले दृष्टिमपि आगच्छति !
पाकिस्तान और चीन के साथ रिश्तों पर बोलते हुए कहा कि यह बात सच है कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर है जो समय समय पर नजर भी आता है !
तु पकिस्तानस्य असाधु मनसायाः उत्तरं दत्ते भारत पश्च नास्ति ! अस्य अतिरिक्त चिनेन सह भारत कदापि कलहम् न इच्छति ! तु यदि चिन असाधु मनसाया सह भारतेन सह व्यवहारम् करिष्यति तर्हि तेन स्वीकारम् न करिष्यते !
लेकिन पाकिस्तान की बदनीयती का जवाब देने में भारत पीछे नहीं है ! इसके अलावा चीन के साथ भारत कभी टकराव नहीं चाहता है ! लेकिन अगर चीन गलत मंशा के साथ भारत के साथ व्यवहार करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा !