Press Trust of India (PTI) ने सरासर झूठी खबर क्या पाकिस्तान को सचेत करने के लिए फैलायी थी? क्या ये साधारण चूक नहीं बल्कि एक खतरनाक साजिश है?
19 तारिख को लगभग 7 बजने से कुछ पहले देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी PTI ने एक खबर फ्लैश की कि भारतीय सेना सीमा पार कर PoK में घुस कर वहां आतंकी अड्डों और आतंकियों का सफाया कर रही है. कुछ ही क्षणों में यह खबर लगभग सभी प्रमुख भारतीय न्यूज चैनलों द्वारा ब्रेकिंग न्यूज की तरह फ्लैश की जाने लगी. इस हमले की खबर सोशल मीडिया में छा गयी. लेकिन लगभग एक डेढ़ घंटे बाद ANI ने खबर दी कि भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशसं (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने भारतीय सेना द्वारा PoK में की गई किसी प्रकार की भी सैन्य कार्रवाई से इनकार किया है, और कार्रवाई की खबर का खंडन किया है.
उपरोक्त घटनाक्रम कोई सामान्य घटनाक्रम नहीं है. देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी PTI ने एक सरासर झूठ खबर क्यों किसलिए और किस आधार पर फ्लैश की? राष्ट्रीय सुरक्षा सरीखे संवेदनशील मुद्दे पर भारतीय सेना के बारे में एक झूठी खबर फैला देने के पीछे PTI की मंशा क्या थी? क्या यह झूठी खबर पाकिस्तान को सचेत करने के लिए थी?
यह सवाल इसलिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि पुलवामा के बाद भारतीय वायुसेना ने अचानक एयर स्ट्राइक कर के बालाकोट में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के सबसे बड़े अड्डे समेत ढाई तीन सौ आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था. यह साफ हो चुका है कि नगरोटा में पुलवामा से भी बड़ा कुछ करने की तैयारी थी, चार पाकिस्तानी आतंकी भी मारे भी गए हैं. सीमा पार से हो रही फायरिंग में दीपावली से ठीक पहले हमारे 5 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं. इसलिए प्रबल सम्भावना है कि भारत सरकार ने भारतीय सेना को कुछ उसी तरह की तैयारी करने को कहा हो, जिस तरह उड़ी और पुलवामा के बाद सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के लिए की गयी थी. लेकिन कल शाम PTI द्वारा फैलाई गयी खबर के बाद यह शत प्रतिशत निश्चित हो गया है कि पाकिस्तानी फौज ने सीमा पर अपनी चौकसी सतर्कता और फौज कई गुना बढ़ा दी होगी. इसलिए भारतीय सेना के लिए फिलहाल सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करना बहुत कठिन हो जाएगा.
सम्भवतः अचानक उपजी इस विषम परिस्थिति के कारण ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश सचिव और शीर्ष खुफिया अफसरों के साथ नगरोटा एनकाउंटर पर समीक्षा बैठक की है. अतः ये सवाल आज स्वाभाविक है, कि कल शाम PTI ने सरासर झूठी खबर क्या पाकिस्तान को सचेत करने के लिए फैलायी थी.?
इस संदर्भ में यह उल्लेख बहुत जरूरी है, कि केवल ढाई महीने पहले ही समाचार एजेंसी PTI के चेयरमैन का पद उस अवीक सरकार ने सम्भाला है जिसकी पहचान प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और RSS भाजपा के कट्टर विरोधी की है. कश्मीर से 370 और 35A हटाने और CAA कानून बनाने के मोदी सरकार के खिलाफ़ इसका मीडिया हाऊस “ABP ग्रुप” लगातार ज़हर उगलता रहा है.
ABP न्यूज और बंगाल के अमृत बाजार पत्रिका तथा दि टेलीग्राफ अखबार का मालिक है अवीक सरकार. अवीक सरकार भारतीय पेंगुइन बुक्स, पेंगुइन इंडिया के संस्थापक प्रबंध निदेशक, बिजनेस स्टैंडर्ड के संस्थापक संपादक और एबीपी ग्रुप द्वारा 2003 में स्टार न्यूज के अधिग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। वह पंजाब केसरी अखबारों समूह के मुख्य संपादक विजय कुमार चोपड़ा की जगह लेंगे।
2016 में बंगाल विधानसभा चुनाव में इसका पूरा मीडिया हाउस खुलकर कांग्रेस और कम्युनिस्ट गठबंधन के समर्थन और प्रचार में जुटा हुआ था. ममता बनर्जी ने खुलकर इसको लताड़ा था और पर्दे के पीछे से राजनीति करने के बजाय सीधे मैदान में आकर चुनाव लड़ने तक की चुनौती इस अवीक सरकार को दे डाली थी. उस चुनाव में इसने इतनी हदें पार कर दी थीं कि चुनावो में TMC की प्रचंड विजय के तत्काल बाद भयभीत होकर इसने अपने मीडिया हाऊस के सभी समाचार माध्यमों के सम्पादक के पद से इस्तीफा दे दिया था. अपने स्थान पर अपने छोटे भाई को सम्पादक बना दिया था.
ऐसा पूर्व ग्रही और विवादित आदमी देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी PTI का चेयरमैन कैसे बन गया? और उसके चेयरमैन बनते ही ढाई महीने में ही PTI सरीखी देश की सबसे बड़ी, सबसे पुरानी और सबसे प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी ने भारतीय सेना के खिलाफ सरासर झूठी खबर फैला कर पाकिस्तानी फौज को सजग सचेत करने का कुकर्म क्यों किया?
राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय सेना की साख और रणनीति को आघात पहुंचाने के PTI के कुकर्म की जांच कराने की फुर्सत इस देश के सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को मिलेगी?