उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंग रेप की घटना से पूरे देश में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। लोग लगातार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। हाथरस में हुई इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश दिखा था और दिल्ली समेत कई जगहों पर प्रदर्शन भी हुए।
इन प्रदर्शनों में और सोशल मीडिया पर पीड़िता की तस्वीर साझा किए जाने पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने स्वत: संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, अभिनेत्री स्वरा भास्कर और भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को सोशल मीडिया पर हाथरस पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए तीन अलग-अलग नोटिस भेजे हैं। नोटिस में तीनों से स्पष्टीकरण माँगा गया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे सोशल मीडिया पर संबंधित पोस्ट को हटा दें। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है।
आयोग ने मंगलवार को ट्वीट किया कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने अमित मालवीय, दिग्विजय सिंह और स्वरा भास्कर को हाथरस की पीड़िता की पहचान उजागर करने से संबंधित उनके ट्विटर पोस्ट पर नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है और फौरन ये पोस्ट हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही भविष्य में ऐसे पोस्ट साझा करने से बचने को कहा है।
नोटिस में लिखा गया है कि सोशल मीडिया पोस्ट में प्रदर्शन के दौरान हाथरस की रेप पीड़िता की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया। कोर्ट के आदेश के मुताबिक रेप पीड़िता की किसी तरह की पहचान मीडिया में उजागर नहीं होनी चाहिेए। इस आदेश का उल्लंघन किया गया है। नोटिस दिए गए लोगों से कहा गया है कि वह ऐसी तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटाएं और नियमों के उल्लंघन को लेकर संतोषजनक जवाब दें।
आपको बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने बीते 5 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित किए गए विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को शेयर करते हुए एक ट्वीट किया था, जिसमें हाथरस पीड़ित की तस्वीर वाला एक बैनर दिखाई दे रहा था। हालाँकि, बाद में स्वरा भास्कर ने ट्वीट डिलीट कर दिया था।
इसी तरह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पर निशाना साधने के लिए हाथरस की पीड़िता की तस्वीर वाला ट्वीट किया था। हालाँकि, उन्होंने भी बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
वहीं, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कुछ दिन पहले हाथरस पीड़िता का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था जिसमें कथित तौर पर हमला करने के बाद उसे जमीन पर लेटा देखा जा सकता था। एनसीडब्ल्यू (NCW) ने तीनों मामलों का संज्ञान लिया है और इन तीनों से स्पष्टीकरण माँगा है।
गौरतलब है कि हाथरस में 14 सितंबर को एक दलित लड़की के साथ चार लोगों ने कथित तौर पर रेप किया था। पीड़िता की हालत नाजुक होने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर उनकी सहमति के बिना आननफानन में युवती का 29 सितंबर की देर रात अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया था।
बता दें कि, युवती की मौत के बाद जल्दबाजी में किए गए अंतिम संस्कार के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने उत्तर प्रदेश पुलिस से जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किए जाने पर जवाब मांगा है। वहीं, हाथरस केस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनावाई करते हुए इसे भयानक बताया था।