36.1 C
New Delhi

वयं नव शिक्षा नीतिस्य प्रति सम्प्रतैव किं जनामः ? हम नई शिक्षा नीति के बारे में अब तक क्या जानते हैं ?

Date:

Share post:

सम्प्रति नव शिक्षा नीतेन भविष्यति, बालकानि अलंकृतस्य प्रयत्नम् !

अब नई शिक्षा नीति द्वारा होगी, नौनिहालों को संवारने की कोशिश !

१० + २ प्रण्ल्याम् ५ + ३ + ३ + ४ प्रारूपे विभाजितम् करिष्यते ! NEP विद्यालयी शिक्षा प्रण्ल्याम् ५ + ३ + ३ + ४ प्रारूपे परिवर्तति ! अस्य तात्पर्यम् अस्ति तत् विद्यालयस्य पूर्वे पंच वर्षे पूर्व प्राथमिक विद्यालयस्य त्रय वर्षम् कक्षा प्रथम च् कक्षा द्वितीय च् सह शक्त पीठम् सम्मिलितम् भविष्यति ! अग्रम् त्रय वर्षम् कक्षा तृतियात् पंचमस्य निर्माणस्य चरणे विभाजितम् करिष्यते ! उपरांते त्रय वर्षम् मध्य चरण ( कक्षा षष्ठमात् कक्षा अष्टमेव ) माध्यमिक अवस्थास्य च् चत्वारि वर्षम् ( कक्षा नवमात् कक्षा द्वादशेव ) ! विद्यालयेषु कलाम्, वाणिज्यम्, विज्ञानस्य धारानाम् केचन क्रुरम् समन्वयं न भविष्यति, छात्रा: यताभि पाठ्यक्रमम् इच्छन्तु ग्रहणन्ति !

10 + 2 प्रणाली को 5 + 3 + 3 + 4 प्रारूप में विभाजित किया जाएगा ! NEP स्कूल शिक्षा प्रणाली को 5 + 3 + 3 + 4 प्रारूप में बदलता है ! इसका मतलब है कि स्कूल के पहले पांच साल में प्री – प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे ! अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा ! बाद में तीन साल मध्य चरण ( कक्षा 6 से 8 ) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष ( कक्षा 9 से 12 ) ! स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान की धाराओं का कोई कठोर गठन नहीं होगा, छात्र जो भी पाठ्यक्रम चाहें ले सकते हैं !

संस्कृतम् विद्यालये शक्त विकल्पम् सह मुख्यधारे नियष्यते – यस्मिन् त्रय भाषा सूत्रे भाषास्य विकल्पेषु एकम् सह – सह उच्च शिक्षापि सम्मिलितानि सन्ति ! संस्कृत विश्वविद्यालयमपि उच्च शिक्षास्य वृहद बहु – विषयकः संस्थानम् निर्माणम् प्रति अग्रसरम् भविष्यति !

संस्कृत को स्कूल में मजबूत विकल्प के साथ मुख्यधारा में लाया जाएगा – जिसमें तीन-भाषा सूत्र में भाषा के विकल्पों में एक के साथ – साथ उच्च शिक्षा भी शामिल है ! संस्कृत विश्वविद्यालय भी उच्च शिक्षा के बड़े बहु – विषयक संस्थान बनने की ओर अग्रसर होंगे !

गणितीय चिंतन,निश्चित रूपेण अंश निर्माय वैज्ञानिक स्वभावम् ! क्रीड़ाम्, व्यापरम्, कलाम्, वणिज्यम्, विज्ञानम् यथा सह – पाठ्यक्रमम् विषयम् सम स्तरे भविष्यति ! छात्रः स्व इच्छा अनुरूपम् पाठ्यक्रमम् चिनोति ! कक्षा षष्ठमात् छात्राणि कूटलेखनम् आज्ञाम् दाष्यते !

गणितीय सोच, निश्चित रूप से हिस्सा बनने के लिए वैज्ञानिक स्वभाव ! खेल, व्यावसायिक, कला, वाणिज्य, विज्ञान जैसे सह – पाठ्यक्रम विषय समान स्तर पर होंगे ! छात्र अपनी पसंद के अनुसार पाठ्यक्रम चुन सकते हैं ! कक्षा 6 से छात्रों को कोडिंग की अनुमति दी जाएगी !

बोर्ड परीक्षे बहु परिवर्तनेन लंघ्येत् ! सी बी एस सी इत्याय गणितस्य इव, सर्वम् पाठयक्रमानि द्वय भाषयो प्रस्तुतम् करणीय ! बोर्ड ज्ञान आवेदनस्य परीक्षणम् कृताय राज्येषु परिक्षाम् करोति न तत् अधिगम शिक्षाय ! उद्देश्य वर्णनात्मकम् परीक्षस्य परिक्षणाय प्रत्येकम् विषयाय !

बोर्ड परीक्षा में भारी बदलाव से गुजरना पड़ा ! सी बी एस ई के लिए गणित की तरह, सभी पाठ्यक्रमों को दो भाषाओं में पेश किया जाना चाहिए ! बोर्ड ज्ञान आवेदन का परीक्षण करने के लिए राज्यों में परीक्षा करता है न कि लर्निंग सीखने के लिए ! उद्देश्य और वर्णनात्मक परीक्षा का परीक्षण करने के लिए प्रत्येक विषय के लिए !

जीवन कौशलम् प्रतिवर्षम् शिक्षयति ! विद्यालयी कार्यम् शिक्षकाः, सखा:, छत्रेभ्यः अपि समीक्षाम् क्रियते ! प्रदर्शनस्य मूल्यांकनस्य समीक्षाम् करोतु ! छात्राणि दात्तुम् प्रत्येक वर्षस्य ए आई इति – आधारितम् मुल्यांकनम् !

जीवन कौशल हर साल सिखाया जाता है ! रिपोर्ट कार्ड शिक्षकों, साथियों, और छात्रों से भी समीक्षा की जाती है ! प्रदर्शन के मूल्यांकन की समीक्षा करें ! छात्र को दिए जाने वाले प्रत्येक वर्ष का ए आई – आधारित मूल्यांकन !

सर्वे उच्च शिक्षा सस्थानै: प्रवेश परिक्षाम् एन टी ए एतेन आयोजितम् करिष्यति ! परीक्षाम् वैकल्पिकम् भविष्यति अनिवार्यम् च् भविष्यति !

सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षा एन टी ए द्वारा आयोजित की जाएगी ! परीक्षा वैकल्पिक होगी और अनिवार्य नहीं होगी !

शिक्षा मंत्रालयस्य अनुसारम्, स्नातकस्य डिग्री तर्हि वा त्रय चतुर्थ वा वर्षस्य अवधे: भविष्यति, यस्मिन् केचन निरगच्छन् विकल्पम् भविष्यन्ति ! एकम् वर्षम् पूर्ण कृत उपरांत, एकम् छात्रम् विपणनम् विपणन क्षेत्राणि, एकम् प्रशिक्षण प्रमाण पत्रम् एकम् च् त्रय वर्षस्य कार्यक्रमस्य उपरांत एकस्य छात्रस्य डिग्री एकम् वा स्नातकस्य डिग्री उपरांत प्रशिक्षण प्रमाण पत्रम् सह एके क्षेत्रे एकम् प्रमाण पत्रम् प्राप्यिष्यति ! चतुर्थ वर्षीय बहुविषयकम् बैचलर इति कार्यक्रमम्, वस्तुतः स्व पसंदम् विकल्पम् भविष्यति शोधस्य सह च् डिग्री दाष्यति यदि कश्चित् छात्रः अस्य सह एकम् परियोजनास्य पश्च अकरोत् !

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, स्नातक की डिग्री या तो 3 या 4 साल की अवधि की होगी, जिसमें कई निकास विकल्प होंगे ! एक वर्ष पूरा करने के बाद, एक छात्र को व्यावसायिक या व्यावसायिक क्षेत्रों, एक डिप्लोमा और एक 3 साल के कार्यक्रम के बाद एक छात्र की डिग्री या एक स्नातक की डिग्री के बाद डिप्लोमा सहित एक क्षेत्र में एक प्रमाण पत्र मिलेगा ! 4 वर्षीय बहुविषयक बैचलर कार्यक्रम, हालांकि, पसंदीदा विकल्प होगा और शोध के साथ डिग्री देगा यदि किसी छात्र ने इसके साथ एक परियोजना का पीछा किया है !

विभिन्नम् HEI एतेन अर्जित विश्वासस्य अंकदर्शी भंडारणम् सक्षम कृताय एकम् अकादमिकम् अधिकोष विस्वासस्य स्थापनाम् करिष्यते, येन अंतिम डिग्रिस्य एकस्य अंशस्य रूपे स्थानांतरितम् अगण्यते !

विभिन्न HEI से अर्जित क्रेडिट के डिजिटल स्टोरेज को सक्षम करने के लिए एक अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना की जाएगी, जिसे अंतिम डिग्री के एक भाग के रूप में स्थानांतरित और गिना जा सकता है !

अंडरग्राउंड ऑटोनॉमी,अकादमिक, प्रशासनिक वित्तीय स्वायत्तता विद्यालयानि तस्य मान्यतास्य स्थितिस्य आधारे दाष्यते ! भारते ४५००० एतेन अधिकम् सम्बद्ध विद्यालयानि सन्ति ! संगीतम्, कलाम् साहित्यम् च् सर्वम् विद्यालयानि महाविद्यालयानि च् पाठ्यन्तु !

अंडरग्राउंड ऑटोनॉमी, अकादमिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता कॉलेजों को उनकी मान्यता की स्थिति के आधार पर दी जाएगी ! भारत में 45,000 से अधिक संबद्ध कॉलेज हैं ! संगीत, कला और साहित्य सभी स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाया जाना है !

NEP इत्यस्य अनुसारम् विश्वस्य शीर्ष १०० विदेशी विश्वविद्यालयानि एकम् नव नियमस्य माध्यमेन भारते संचलितम् कृताय व्यवस्थाम् दाष्यते ! मानव संसाधन विकास मंत्रालयस्य अभिलेखस्य अनुसारम्, नीतिस्य मुख्य विशेषतानि सूचीबद्ध कर्तुम्, इदानीं ( विदेशी ) विश्वविद्यालयानि भारतस्य अन्य स्वायत्त संस्थानानि सह नियमितम् करिष्यते,सामग्रीम् परिमानदण्डे च् विशेषम् ज्ञानम् दाष्यते !

एन ई पी के तहत दुनिया के शीर्ष 100 विदेशी विश्वविद्यालयों को एक नए कानून के माध्यम से भारत में संचालित करने के लिए “सुविधा” दी जाएगी ! मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दस्तावेज़ के अनुसार, नीति की मुख्य विशेषताओं को सूचीबद्ध करते हुए, “ऐसे ( विदेशी ) विश्वविद्यालयों को भारत के अन्य स्वायत्त संस्थानों के साथ निमयित किया जाएगा , और सामग्री मानदंडों के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी !

न केवलम् पाठ्यक्रम अपितु विश्वविद्यालयेषु बहु – विषयकम् ज्ञानाय, सार्वजनिकम् निजीम् च् HEI इत्याय, सामान्य मानदण्डम् दाष्यते ! अस्य कारणम् अयमस्ति तत् शुल्क नियामक रूपरेखास्य अन्तर्गतम् रचनाम् करिष्यते,केचन अतिरिक्त शुल्कम् न लियष्यते !

न केवल पाठ्यक्रम बल्कि विश्वविद्यालयों में बहु – विषयक जानने के लिए ! सार्वजनिक और निजी HEI के लिए, सामान्य मानदंड दिए जाएंगे ! इसका मतलब यह है कि शुल्क नियामक ढांचे के भीतर तय किया जाएगा, कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा !

एकधिकम् प्रवेशं, निष्कासन विंदु ! एम फिल बाध्यते ! अनुसन्धानम् अग्रे वर्धाय, एम फिल इत्यस्य अनुमतिमम् मा भविष्यति, सर्वे पाठ्यक्रमेषु स्नातकोत्तर, पी एच डी स्तरम् अन्तः विषयम् भविष्यति !

एकाधिक प्रवेश, निकास बिंदु ! एम फिल को बंद किया जाए ! अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए, एम फिल की अनुमति नहीं होगी, सभी पाठ्यक्रमों में स्नातकोत्तर, पी एच डी स्तर अंतःविषय होगा !

२०४० एव, सर्वे उच्च शिक्षा संस्थानस्य उद्देश्य बहु – विषयकम् संस्थानम् निर्मित भविष्यति, यस्मिन् प्रत्येकस्य लक्ष्य ३००० अधिक्यम् वा छात्रः भविष्यन्ति ! २०३० एव, प्रत्येक जनपदे एकम् वृहद बहु – विषयकम् HEI भविष्यति ! अस्य उद्देश्यम् उच्च शिक्षेषु पूर्ण नामांकन अनुपातस्य वृद्धिम् भविष्यति यस्मिन् व्यावसायिक शिक्षाम् २६.३ प्रतिशतम् ( २०१८ ) एतेन २०३५ एव ५० प्रतिशतम् एव वृद्धष्यते !

2040 तक, सभी उच्च शिक्षा संस्थान का उद्देश्य बहु – विषयक संस्थान बनना होगा, जिनमें प्रत्येक का लक्ष्य 3,000 या अधिक छात्र होंगे ! 2030 तक, हर जिले में एक बड़ी बहु – विषयक HEI होगी ! इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाना होगा जिसमें व्यावसायिक शिक्षा को 26.3% (2018) से 2035 तक 50% तक बढ़ाया जाएगा !

शिक्षा क्षेत्रे सार्वजनिक निवेशम् त्वरित GFP इत्यस्य ६ प्रतिशतमैव वृद्धाय ! वर्तमाने अयम् राज्य केंद्र सरकार सह च् अनुमानतः ४.४३ प्रतिशतम् केवलं अस्ति !

शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश जल्द से जल्द GFP के 6% तक पहुंचने के लिए ! वर्तमान में यह राज्य और केंद्र सरकार सहित लगभग 4.43% केवल है !

नव शिक्षा नीतिस्य विषयम् २०१४ इत्यस्य लोकसभा मतदानेन पूर्वे भारतीय जनता दलस्य मतदान घोषणा पत्रे सम्मिलित आसीत् ! प्रारूप निर्मियते विशेषज्ञा: पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यमस्य इति नेतृत्वेण समितेन अनिर्मयत् ब्योरेपि अविचारयत् ! अस्य समितिस्य समन्वयम् मानव संसाधन विकास मंत्रलयः तदा अकरोत् स्म यदा मंत्री स्मृति ईरानी आसीत् ! सम्प्रति अस्य नाम मानव संसाधन विकास मंत्रालयेन मुक्तवा शिक्षा मंत्रालय अकरोत् !

नयी शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था ! मसौदा तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया ! इस समिति का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तब किया था जब मंत्री स्मृति ईरानी थी ! अब इसका नाम मानव विकास मंत्रालय से बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Surrender is a Sign of Strength

Zelensky's surrender would be a sign of commonsense.

PM Modi warns about Congress’s EVIL ‘Wealth Redistribution to the Infiltrators’ idea, Why this idea will bring Doomsday for India?

A day after he triggered a political backlash by saying that a Congress government would distribute the nation’s...

PM Modi dropped a Political Bombshell, says ‘Congress will redistribute wealth to Muslim Infiltrators’

Prime Minister Narendra Modi, on April 21, dropped a Political bombshell, when he asserted that if the Congress...

Rohingya Terrorist groups holding over 1600 Hindus and 120 Buddhists hostage in Myanmar

In what seems to echo the 2017 massacre of Hindus by Rohingya terror groups in Myanmar's Rakhine state,...