15.1 C
New Delhi

बिहार चुनाव में भाजपा का जीत- 370, सीएए खूनखराबे के बाद मुस्लिम मतों में अन्दाधुंदी का नतीजा

Date:

Share post:

बिहार चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा. एक तो एनडीए का सहयोगी चिराग पासवान नितीश के खिलाफ बगावत कर अलग चुनाव लड़ा. दूसरी तरफ दक्षिण भारत का हैदराबाद तक सिमित रहने वाला एमआईएम चुपचाप तरीके से बिहार में दाखिल हो कर मुस्लिम इलाकों में उधम मचाता रहा लेकीन सेफॉलोजीस्ट, बिहार स्पेशालिस्ट, राजनैतिक विश्लेषक वगैरा सब ने उसे गंभीरता से ना लेते हुए अपने अंदाज लगाए। इसी अंदाज की वजह से सभी एक्जिट पोल्स ने नितीश- भाजपा की करारी हार की भविष्यवाणी की. लेकीन हार तो दूर, नितीश-भाजपा आसानी से सरकार बनाने की स्थिती पहुंचे और लालुपुत्र को सीटे अच्छी मिली लेकीन अगले पांच साल सत्ता से बाहर रहना उनकी राजनैतिक करियर पर पूर्णविराम लगा सकती है.

अगर यह सेफॉलोजीस्ट, बिहार स्पेशालिस्ट, राजनैतिक विश्लेषक उर्दू मिडिया को पढ़ने की तरकीब सीखते तो उनकी इतनी शर्मनाक पिटाई नहीं होती जैसी आज हो रही है. मै पहले यह स्पष्ट कर दू की उर्दू मिडिया असाउद्दीन ओवैसी को भाजपा का एजेंट मानती है क्यूंकि वह हर जगह छद्म सेक्युलर पार्टियों के साथ तालमेल नहीं करता और भाजपा विरोधी खेमे के मुस्लिम वोटों को काँटता है. लेकीन उर्दू मिडीया पढ़ने से ओवैसी की चुनावी परफॉर्मंस का अंदाजा लगाने एक तरीका है और वह है- उर्दू कॉलमिस्ट ओवैसी को जितनी गाली मारेंगे उतने अनुपात में वह भाजपा विरोधी मतों में सेंधमारी करने जा रहा है! बिहार चुनाव में यही दिख रहा था और वही हो गया.

अब ओवैसी ने लालुपुत्र की कितनी सीटे गिरा दी यह आज शाम तक स्पष्ट हो जाएगा लेकिन प्राथमिक अंदाज से ऐसा दिख रहा है की कम से कम 25 सीटे तो आरजेडी ओवैसी की वजह से हारी है. इसका मतलब ओवैसी उनके वोट नहीं काँटता तो आरजेडी अकेले आज 100 का आंकड़ा छूती और एनडीए कुल मिलाकर 100 के पास रहती। महाराष्ट्र के 2019 के विधानसभा चुनावों भी ओवैसी सिर्फ 2-3 सीटे जीते लेकीन उनकी मुस्लिम मतों की सेंधमारी ने भाजपा और शिवसेना को 25-30 सीटे जिताने में सीधी मदत की.

छद्म सेक्युलर पार्टियों की बचीखुची मुस्लिम वोटबैंक का अंतिम संस्कार शुरू
आनेवाले दिनों में ओवैसी तमाम भाजपा विरोधी पार्टियों को बिहार के परिणाम दिखा कर बंधक बनाएगा, उनकी कनपटी पर कट्टा रखकर सीटें वसूलेगा और देखते देखते तमाम छद्म सेक्युलर पार्टियों की बचीखुची मुस्लिम वोटबैंक का अंतिम संस्कार कर डालेगा। यही विधि का विधान है और यही शुरू हो चूका है.

जो जीता वोही सिकंदर……

कुछ भी हो आज मोदी- शाह जी जीते है और 370 का सफाया, सीएए विरोधी खूनखराबा और कोरोना के बाद की यह पहली और पिछले 3 साल की भाजपा की शानदार जीत है. अगर इसमें भाजपा हारती तो अंधभक्त वामपंथी मिडिया इसे “सीएए विरोधी जनादेश”, “कोरोना मिसमैनेजमेंट को करारा तमांचा”, “उत्तर प्रदेश में भाजपा के पतन की शुरुआत”, वगैरे वगैरे गुब्बारे हवा में उडाता.

केंद्रीय योजनाओं को आखरी व्यक्ति तक पहुँचाने की उनकी बेजोड़ कार्यपद्धती ने “अंत्योदय” की परिकल्पना को वास्तव में लाया है, इसकी वजह से एक ऐसी “वोट बैंक” भारत के कोने कोने में तैयार हो चुकी है जो दिखती नहीं लेकीन सही समय पर एक्टिव हो जाती है. इस सायलेंट वोटबैंक को मांपने के टूल्स सेफोलॉजिस्ट के पास नहीं है इसलिए वह उनका आकलन नहीं कर पाते।

2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की दिल दहला देने वाली जीत के बाद बिहार परिणामों ने भाजपा को हिंदी बेल्ट का शहंशाह बना दिया. अमित शाह जी के हाल के बंगाल दौरे के बाद वहा के ग्रामीण समुदायों में भाजपा और विशेष कर मोदी-शाह जोड़ी की ऐतिहासिक लोकप्रियता हमारे सामने आ चुकी है. अमित शाह जी ने बंगाल में कहा की भाजपा वहा 200 से ज्यादा सीटे जितने जा रही है, अगर वहा की जमीनी स्थिती जाने तो यह बिलकुल साफ़ हो रहा है की अगले साल बंगाल में भारी रक्तपात होगा लेकिन भाजपा 210-240 सीटे जीतकर सत्ता में आएगी।

मुस्लिम वोटबैंक के बुरे हाल…

कश्मीर से 370 हटाना और सीएए को लाना तमाम मुस्लिम नेताओं ने इस्लाम के साथ जोड़ रखा था, जिससे यह धारणा बन रही थी की मुस्लिम वोटबैंक और मजबूत होगी। लेकीन बिहार चुनाव ने साबित कर दिया की “मुस्लिम वोटबैंक” कही भी अस्तित्व में नहीं है और एक मजबूत चुनौती सामने खड़ी होने से वह धाराशायी हो जाती है… जैसी चुनौती मोदी-शाह जोड़ी ने सामने खड़ी की है….

— विनय जोशी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Modi Govt grants Indian citizenship to 12 Hindus, who escaped Religious Persecution in Bangladesh, under CAA

The Indian government, under the leadership of Prime Minister Narendra Modi, has taken a significant step in providing...

Is the Pro-Palestine Movement the Exact Same Replica of Hitler’s Nazi Movement?

The comparison between the contemporary pro-Palestine movement and Adolf Hitler's Nazi movement is a charged and polarizing one,...

How the Indian Economy Withstood Trump’s Tariff War

The Trump administration’s trade policies, characterized by aggressive tariff impositions, sent ripples across the global economy. While the...

Assam Govt Passes Law to Ban Polygamy: A Significant Step Towards Gender Equality

In a landmark decision, the Assam government has passed a law banning polygamy, making it the first state...