सवाल का जवाब देने से पहले कांग्रेस द्वारा चयनात्मक और निर्मित विरोध पर कुछ तर्क देते हैं।
पूरे भारत में किसान हैं, केवल पंजाब के किसान ही क्यों निकले हैं?
क्या पंजाब के किसानों के खिलाफ बिल में कोई विशेष प्रावधान है?
भारत में खाद्यान्न के दो सबसे ज्यादा उत्पादक राज्य हरियाणा और पंजाब हैं। हरियाणा के किसान आगे क्यों नहीं आये? क्या हरियाणा के किसानों के पक्ष में कोई विशेष प्रावधान है?
क्या आपको नहीं लगता कि अगर कोई भी किसान विरोधी प्रावधान है तो हर एक किसान को प्रभावित करेगा? पंजाब ने इतना हस्तक्षेप क्यों किया, जबकि पूरे भारत में नहीं किया गया है?
(बी)। किसानों पर सवाल
उन्हें फंडिंग कौन कर रहा है?
वे विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें सरकार से उचित पैसा नहीं मिला है। ठीक है? अब बताओ कि वे इतना डीजल कैसे लेते हैं?
वे राशन का कितना संग्रह करने में सक्षम हैं, जो वे कह रहे हैं कि हम महीनों तक बैठेंगे?
उन्हें एक जैसे कपड़े, वही झंडे और लाठियाँ किसने दीं?
अभी भी, विरोध देख रहे हैं?
(सी)। भारत विरोधी बल द्वारा निर्मित विरोध
मैं कांग्रेस के बारे में बात कर रहा हूं, जिसने यह सब किया है।
पंजाब के सीएम ने इसे संवैधानिक अधिकार बताया है। वास्तव में है, लेकिन क्या सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना और पुलिस पर पथराव करना भी एक अधिकार है?
कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी करने जैसा हीं तरीका है, और यहां देखिये। क्या यह मेल नहीं खा रहा है?
कांग्रेस ने हमेशा भारत के खिलाफ काम किया है, इसे एक आतंकवादी हमला या भारत को अस्थिर करने वाला कुछ भी कहा जा सकता है।
यह विरोध नहीं है, बल्कि सरकार को फंसाने का कांग्रेस का षड्यंत्र है। यह वही है जब दुश्मन कुछ नहीं कर पाते हैं तो जो करते हैं धोखे से चाकू मारते है।
नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों की सफलता के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से मंगलवार को गुरुद्वारों में विशेष अरदास की गई। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मंगलवार को सुबह 8 बजे दिल्ली के सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों में किसानों की सफलता के लिए विशेष अरदास की गई। किसान अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
समाज विरोधी ताकतों से सतर्क रहें