श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिका मथुरा की एक स्थानीय अदालत ने स्वीकार कर ली है और मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी |
याचिका में कृष्ण जन्मभूमि से सटे मस्जिद को हटाने की मांग की गई है | इसको लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन औवैसी ने भड़काऊ बयान दिया है और कहा है कि संघ इस पर भी हिंसक मुहिम शुरू करेगी | यह बात तो वैसी हुई कि उल्टा चोर कोतवाल को डाटे |
ओवैसी ने ट्वीट किया, “जिस बात से डर था, वही हो रहा है | बाबरी मस्जिद से जुड़े फैसलों की वजह से संघ परिवार के लोगों के इरादे और भी मजबूत हो गए हैं | याद रखिए, अगर आप और हम अभी भी गहरी नींद में रहेंगे तो कुछ साल बाद संघ इस पर भी एक हिंसक मुहिम शुरू करेगी और कांग्रेस भी इस मुहिम का एक अटूट हिस्सा बनेगी|”
जिस बात से डर था वही हो रहा है। बाबरी मस्जिद से जुड़े फैसलों की वजह से संघ परिवार के लोगों के इरादे और भी मज़बूत होगये हैं। याद रखिए, अगर आप और हम अभी भी गहरी नींद में रहेंगे तो कुछ साल बाद संघ इस पर भी एक हिंसक मुहीम शुरू करेगी और कांग्रेस भी इस मुहिम का एक अटूट हिस्सा बनेगी।
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 17, 2020
इससे पहले ओवैसी ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि विवाद को दोबारा जीवित करने की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा था, “प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के मुताबिक, किसी भी पूजा के स्थल के परिवर्तन पर मनाही है, ऐसा नहीं किया जा सकता | शाही ईदगाह ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने इस विवाद का निपटारा साल 1968 में ही कर लिया था | इसे अब फिर से जीवित क्यों किया जा रहा है?’
THREAD: Yesterday Mathura District Court admitted a plea on Mathura's Idgah. Noorani sb quotes Advani in his latest piece: "[Kashi and Mathura] aren't on the agenda. Ayodhya, to begin with, was also not on the agenda". We must remain alert to their designs https://t.co/9ZTveDbRRP
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 17, 2020
ओवैसी का तिलमिलाना वैसे भी ठीक ही है क्योंकि इतने सालो से जो उसकी राजनीती चली आ रही थी बाबरी मस्जिद की उसको श्री नरेंद्र मोदी जी ने ध्वस्त कर दिया और अगर ओवैसी अभी भी कुछ नहीं कर पाया तो उसकी मुस्लिम समाज में इज्जत खाक में मिल जाएगी क्योंकि ओवैसी खुद को मुसलमानो का बहुत बड़े नेता के रूप में प्रस्तुत करता है |
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद मामले में फैसला सुनाया था और अयोध्या में विवादित भूमि मंदिर निर्माण के लिए देने का आदेश दिया था | इसके बाद से मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे मस्जिदों को हटाने के लिए मांग बढ़ गई है, दोनों मामले कोर्ट में चल रहे हैं |
श्री राम मंदिर के ऐतिहासिक फैसले के बाद से कई मंदिरो के लिए आवाजे उठने लगी थी जिसमे से काशी मथुरा के मंदिर प्रमुख है | अगर काशी मथुरा मंदिरो का फैसला हिन्दुओ के पक्ष में आता है तो यह एक बहुत बड़ी जीत होगी हिन्दुओ के लिए और ओवैसी जैसे लोगो के मुंह पर एक करारा तमाचा होगा |