आतंकवाद को यदि ख़त्म करना है तो उसको बंदूक से नहीं शिक्षा से ख़त्म किया जा सकेगा, ऐसा मलाला युसुफ़ज़ई ने कहा था, लेकिन वो खुद ही आतंकी समर्थक निकली, विदेश जाकर आतंकी विचारधारा की वकालत करने लगी | ऐसी ही एक और आतंकी मानसिकता वाली लड़की है तानिया परवीन जिसको NIA ने गिरफ्तार किया था आतंकी गतिविधियों में, आरोप यह कि तानिया परवीन ने ऑनलाइन जिहादी भाषण सुनकर खुद को आतंकियों की वंडर वुमन बनने का सपना देखने लगी थी | उसके मन में इतनी नफरत है हिन्दुओ के प्रति जिसकी कोई सीमा नहीं है |
अब बताते है कि यह आतंकी बनने की कहानी बांग्लादेश से शुरू हुई | बांग्लादेश में बलेश्वरी नदी के किनारे एक गांव बसा हुआ है जहां सिर्फ मछली, चावल, मानव के सड़े हुए शरीर की दुर्गंध ही महसूस की जाती रही है | साल 1971 में गर्मियों के मौसम में भारतीय सैनिकों ने यहां सीमा पार गश्त लगाना शुरू कर दिया था |
वहीं, बांग्लादेशी फोर्स मुक्तिवाहिनी पहले ही पिरोजपुर के दक्षिण-पश्चिमी जिले में पाकिस्तानी सेना की चौकियों को तबाह कर चुकी थी | पाकिस्तानी सेना और उनके मिलिशिया रजाकारों ने गांव में कई खाने-पीने के स्टोर पर लूटपाट मचाई, कई घरों में आग लगाई, संदिग्ध मुखबिरों के साथ घोर अत्याचार किया गया |
गौंरग चंद्रा साहा एक दुकानदार के रूप में वहां गश्त लगा रहे थे | उन्होंने देखा इस्लामी नेता और दस मिलिशिया रजाकारों समूह का अध्यक्ष दिलावर हुसैन सईदी ने परेरहेट बंदोर के एक छोटे गांव में कूच किया | वहीं, दिलावर की तीनों बहनें मोहम्या, अन्नो रानी और कोमल रानी को अगवाकर पिरोजपुर में पाकिस्तानी कैंप में लाया गया, जहां पाकिस्तानी सैनिकों ने छोड़ने से पहले तीनों के साथ तीन दिन तक लगातार बलात्कार किया |
बांग्लादेश में युद्ध-अपराध न्यायाधिकरण द्वारा सईदी को मौत की सजा सुनाए के आठ साल बाद उसकी सह-उपदेशक तानिया परवीन चर्चा में आई | तानिया परवीन कोलकाता में 70 लोगों के एक समूह में थी जिन्होंने उस पर ऑनलाइन गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया था |
एनआईए (NIA) का आरोप है कि प्रवीण साल 2018 से मौलवियों की भड़काऊ भाषणों को सुन उनकी रिकॉर्डिंग करती थी और इसी से प्रभावित होकर उसका रुझान आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ओर हुआ था | तानिया परवीन के अनुसार ” हमें हिन्दुओ को इस देश से निकाल देना चाहिए आखिर हमें हिन्दुओ के जाने का क्यों दुःख हो , जैसे शरीर में से गन्दगी को निकाल दिया जाता है उसी प्रकार हमें भी इनके ( हिन्दुओ ) के जाने पर दुखी नहीं होना चाहिए |”
ऐसी सोच वो रखती है हिन्दुओ के प्रति, उसके लिए हिन्दू एक तरह की गंदगी है | NIA के अनुसार 2018 से ही तानिया परवीन बांग्लादेशी मौलवी सईदी के नफरत भरे भाषण सुनती थी | सईदी को बांग्लासदेश में मौत की सजा सुना दी गई थी | लेकिन उसके नफरत भरी आतंकी बातो का असर तानिया परवीन के ऊपर हो गया |
तानिया परवीन एक काल्पनिक दुनिया जीने लगी जिसमे उसको एक तरह की नफरत होने लगी काफिरो से, यहाँ के सिस्टम से , एक नफरत और अन्धकार भरी जिंदगी जीने लगी जिसमे उसका एक ही लक्ष्य था केवल आतंकियों का सपना पूरा करना, और यही काम आतंकी संगठन करते है वो अपने नफरत भरे वीडियो से, झूठी खबरों से भारतीय मुसलमानो को उन्ही के देश के प्रति भड़काते है एक नफरत पैदा करते है जिससे उनका आतंकी मंसूबा सफल हो जाए |
NIA के अनुसार 2018 में तानिया परवीन को सईदी के उपदेशो को उसके भाई हबीबुल्लाह, जो कि स्थानीय मस्जिद में मौलवी था | सईदी के संदेशों को फैलाने वाली रिकॉर्डिंग एनआईए के हाथ लगी है | इसके आधार पर उसे आंतकी सगंठनों के व्हाट्सएप ग्रुप वॉइस ऑफ इस्लाम, इस्लामिक उम्महा और ह्यूमन ब्रदरहुड में शामिल किया गया | इन सभी ग्रुपों में एक ही तरह के संदेश भेजे जाते थे | उनमें से एक संदेश था ‘भारत दुनिया में उन देशों का हिस्सा है जो मुस्लिम समुदाय का नरसंहार करता है और इसका जवाब सिर्फ जिहाद है |’
जांच में पाया गया कि कश्मीर के अल्ताफ अहमद से उसके रिश्ते जुड़ गए थे | इधर ग्रुप में परवीन को बिलाल दुर्रानी नामक शख्स से संपर्क में रहने को कहा गया | बिलाल दुर्रानी पाकिस्तान में लश्कर-ये-तैयबा का एक कार्यकर्ता था | एनआईए ने बताया कि दुर्रानी ने ही परवीन को ग्रुप में शामिल होने के लिए पाकिस्तान का वर्चुअल नंबर दिलाया था, क्योंकि उस वक्त देश में सभी कॉन्टेक्ट नंबरों की निगरानी की जा रही थी |
बता दें कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में कई महिला जिहादियो ने बड़ी भूमिका अदा की है | चाहे उसमें वह किसी की पत्नी हो या फिर बहन | वे सभी खुद को एक फाइटर कहलाने से पहले जिहादी मानती हैं | स्कोलर फरहात हक ने बताया लश्कर का असली राजनीतिक एजेंडा ‘बंदूक और पर्दा’ है | बंदूक उनके राजनीतिक मिशन और पर्दा’ ने केंद्रीय उद्देश्य का प्रतीक है |
फरहात हक ने आगे बताया कि जिहादी महिलाएं खुद को आतंकी संगठन लश्कर के तैयबा की चारदीवारी मानती हैं | उन्होंने यहां लश्कर ए तैयबा की जिहादी महिला सदस्य इशरत जहां भी का उदाहरण दिया | ठीक इसी तरह जिहादी संगठनों ने परवीन को तैयार किया था | वहीं, साल 2019 के अंत में परवीन ने अबु जिंदाल के उपनाम का इस्तेमाल कर लश्कर के पांच व्हाट्सएप ग्रुप्स को चलाया |
जांच एजेंसी ने आगे बताया कि वह पाकिस्तान में स्थित लश्कर के कमांडरों से नियमित रुप से संपर्क में रहती थी | उसके नये कॉन्टेक्ट में आईएसआई से भी जुड़े होने के तार मिले थे | खुफिया अधिकारी का उपनाम ‘राणा’ का इस्तेमाल कर ग्रुप में लोगों को शामिल करने और उन्हें जिहादी बनाने काम किया |
परवीन सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी भी आतंकी संगठनों को भेजा करती थी | जांच में पता चला कि वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए नए युवाओं को जोड़ने से लेकर अपने जाल में सेना व सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को फंसाकर हनीट्रैप के जरिए अहम जानकारी जुटाकर आतंकी संगठन को भेजने का काम करती थी | इस काम के लिए खुफिया अधिकारी ने परवीन को मोटी रकम दी थी |
एनआईए ने मार्च 2019 में देशभर में जिहादी गतिविधियों से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया था | इधर परवीन, मुस्तफा, हमजा ताहिर, मुताजिब, अरब्रार फहद, इब्नू अदम और अबु थुराब नाम से अकाउंट चला रही थी |लेकिन हमारे देश के दलाल मीडिया का कमाल देखिए इस आतंकी लड़की के लिए क्या खबर फैलाई गई कि होशियार, होनहार लड़की जिसके 90 % बने थे बेचारी आतंकी बन गई |
आतंकी लोगो के प्रति ऐसी झूठी सहानुभूति दिखा कर देश का दलाल मीडिया क्या साबित करना चाहता है कि वो पढ़ने में होशियार है तो क्या उसके गुनाह माफ़ कर दिए जाए | जैसे एक आतंकवादी को गरीब हेडमास्टर का लड़का बताया गया था | तानिया परवीन जैसे आतंकी लोगो का एक ही इलाज है और वो है एक मौत |