हाथरस में 20 साल की छात्रा के साथ कथित रूप से गैंगरेप केस में अलग-अलग याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले को भयानक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से गवाहों और परिवार की सुरक्षा, पीड़ित परिवार के पास वकील है या नहीं और इलाहाबाद हाईकोर्ट का स्टेट्स क्या है। इन मुद्दों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
हाथरस केस की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबड़े ने कहा कि यह एक भयानक घटना है और हम अदालत में दलीलों का दोहराव नहीं चाहते। सुनवाई की शुरुआत यूपी सरकार की ओर से दलील रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने की। उन्होंने कहा कि हम इस याचिका का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन समाज में जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है, हम उसके बारे में सच सामने लाना चाहते हैं। पुलिस और एसआईटी जांच चल रही है। फिर भी हमने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट मामले को मॉनीटर करे और सीबीआई जांच हो। इस पर याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं है, वो कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच चाहते हैं।
सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि क्या ये बेहतर नहीं होगा कि पहले हाई कोर्ट मामले की सुनवाई करे? सभी दलीलों को सुनने के बाद सीजेआई ने कहा कि हम पीड़ित पक्ष और गवाहों की सुरक्षा के यूपी सरकार के बयान को दर्ज कर रहे हैं या आप हलफनामा दाखिल करें? इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल तक दाखिल कर देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सुनिश्चित करेगा कि हाथरस मामले की जांच सही तरीके से चले। अब मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी।
वहीं, सुनवाई से पहले हाथरस केस में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि कानून-व्यवस्था की समस्याओं से बचने के लिए रात में पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि इस घटना की सच्चाई सामने लाने के लिए सरकार निष्पक्ष जांच के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सुप्रीम कोर्ट को अपनी निगरानी में हाथरस में कथित गैंगरेप और मौत मामेल की सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए। सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि अपराध की घटना मिलने के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने केस दर्ज कर उचित कार्रवाई की। सरकार ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने इस केस के जरिए जाति और सांप्रदायिक दंगों को भड़काने का प्रयास किया।
आपको बता दें कि, हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। इस याचिका में मांग की गयी थी कि केस की जांच CBI को सौंपी जाए या रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन हो। मुकदमा यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने की भी मांग इस याचिका में की गई है।