22.1 C
New Delhi

चीन को युद्घ में हराने की जोरदार तैयारी में, भारतीय सेना ने लद्दाख में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर टैंक तैनात किए

Date:

Share post:

1948 के बाद भारतीय सेना का उससे भी बड़ा अपनी तरह का इकलौता कारनामा है और दुनिया में इसकी मिसाल कहीं नहीं मिलती है |दरअसल भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में 15000 से 17000 फीट की ऊंची पहाड़ियों पर टैंक तैनात किए हैं और वो भी तब जब वहां का तापमान अभी ही शून्य से 15 डिग्री नीचे जा चुका है | भारतीय सेना ने रेंजांग ला, रेचिन ला और मुखपरी पर टैंकों की तैनाती की और कुछ जगहों पर ये चीनी टैंकों के लगभग आमने-सामने हैं | टैंकों को सैनिक इतिहास में कभी भी इतनी ऊंची पहाड़ी पर तैनात नहीं किया गया था | 50 से 60 टन वजनी टैंकों को इन पहाड़ियों पर चढ़ाने के लिए आसपास की पहाड़ियों से ट्रैक बनाए गए और इनके जरिए इन टैंकों को यहां तक पहुंचाया गया | एक बात गौर करने वाली है कि टैंक और अन्य युद्ध उपकरण सामग्री इतने ऊँचे दुर्गम स्थल तक पहुँचाना कोई आसान काम नहीं था क्योंकि कांग्रेसी सरकारों ने कभी इस जगह के विकास के लिए कोई ध्यान नहीं दिया था |

नेहरू जी तो शुरू से हिंदी चीनी भाई भाई करते थे जिसका आज यह परिणाम देखना पड़ रहा है जब श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे तब सबसे बड़ी उनके सामने यही चुनौती थी कि कैसे चीन को सबक सिखाया जाए क्योंकि चीन ने तो अपने हिस्से के क्षेत्र में सड़को का जाल बिछा दिया था और युद्ध की स्थिति होने पर भी उसके सैनिको को जरुरी चीजे पहुंचाई जा सके | लेकिन भारत की सेना के साथ ऐसा नहीं था इसके बाद श्री नरेंद्र मोदी जी ने लद्दाख और आसपास के सीमा के इलाको में विकास कार्य शुरू करवाए जिसके कारण आज यह हालात है कि यदि कल को युद्ध भी हो जाता है तो भी भारतीय सेना को किसी भी तरह की कमी नहीं रहेगी आवागमन की और जरुरी सामग्री की | जैसी बुरी स्थिति 1962 के दौरान हुई थी लेकिन मीडिया यह सब नहीं बताएगा वो तो बस आपको केवल सरकार विरोधी खबरे दिखा कर गुमराह करेगा, चीन की इस हिमाकत के जवाब में भारतीय सेना ने भी सितंबर में अपने टैंकों को पहाड़ियों पर चढ़ाना शुरू कर दिया था | इस समय भारतीय टैंक चीनी टैंकों के सामने हैं लेकिन ऊंचाई पर होने की वजह से ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं |

इन टैंकों को 15 हज़ार से लेकर 17 हज़ार फीट की ऊंचाई पर तैनात किया गया है और पूरी दुनिया में टैंकों को कभी भी इतनी ऊंचाई पर तैनात नहीं किया गया है | इससे पहले जनरल थिमैया ने नवंबर 1948 में लद्दाख पर कब्ज़ा कर रहे पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए ज़ोजिला पास पर हल्के स्टुआर्ट टैंकों का इस्तेमाल किया था | उस समय भी पूरी दुनिया ताज्जुब में पड़ गई थी लेकिन तब भी टैंकों को 11553 फीट की ऊंचाई तक ही ले जाया गया था | भारतीय सेना ने 2015 से लद्दाख में टैंकों को तैनात करने की शुरुआत की थी | लद्दाख के मैदानों में टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों के बड़े ऑपरेशन के लिए खुले मैदान हैं | चीनी सेना की तरफ से पूर्वी लद्दाख के चुशूल और डैमचौक की तरफ ऐसे हमलों की आशंका थी इसलिए भारतीय सेना ने अपने टैंकों को तैनात करने का फैसला किया था | टैंकों के अलावा बख्तरबंद गाड़ियों की तैनाती पर पिछले कुछ सालों में भारतीय सेना ने बहुत तैयारी की |

चीन के साथ मई में तनाव शुरू होने के साथ ही भारतीय सेना ने लद्दाख में तैनात टैंकों और बख्तरंबद गाड़ियों की ताक़त को न केवल बढ़ाया बल्कि उन्हें आगे के मोर्चे पर भी लेकर गए इनमें सबसे बेहतर टी-90 टैंक भी हैं | अगस्त के आखिर में चीन की तरफ से नई कार्रवाइयों की आशंका के बाद भारतीय सेना ने 29-30 अगस्त को पेंगांग के पूर्वी किनारे पर ठाकुंग से लेकर रेज़ांग ला तक की सभी महत्वपूर्ण पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया | इसी के बाद चीन ने अपनी बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक आगे बढ़ाए थे जिसका जवाब भारत ने इन पहाड़ियों पर टैंक तैनात करके दिया |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

After Sambhal, Varanasi, now Bareilly and Aligarh… where have the Mandirs been found closed so far?

In many cities of Uttar Pradesh, closed or illegally occupied temples are being found. This trend that started...

Germany Christmas Market Attack – Over 10 dead after a Saudi Fugitive drove his car into crowd

At a Christmas market in the German city of Magdeburg, a car drove into a crowd of people....

Arakan Army in western Myanmar claims to have captured a major regional army headquarters

A powerful ethnic armed group in western Myanmar claimed Friday to have scored a major victory in the...

‘Trudeau failed in the biggest job’, says Jagmeet Singh as NDP set to vote to bring Trudeau government down

In what comes as a major setback for Canadian PM Justin Trudeau, his former ally Jagmeet Singh of...