मोदी का वो ‘ट्रम्प कार्ड’ जिससे चीन के हौसले हुए पस्त, अब चीन नहीं लड़ेगा भारत से युद्ध

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भारत और चीन पिछले 2 महीने से युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं, 1967 के बाद पहली बार LAC पर दोनों देशों के सैनिको का खून बहा और माहौल काफी गर्म हो गया है।  लोगो को लगने लगा है कि शायद अब एक युद्ध होना संभव है, और हालात से ऐसा लगता भी है । भारत ने भी सीमा पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है, नए हथियारों के सौदे हो रहे हैं, दुनिया भर से राजनीतिक समर्थन प्राप्त किया जा रहा है भारतीय सरकार के द्वारा।

इसी बीच एक सवाल ये भी है कि क्या चीन भारत से युद्ध लड़ने की हालत में है? क्या चीन अपनी अर्थव्यवस्था को सैकड़ो बिलियन डॉलर का झटका देने को तैयार है?

और इससे भी महत्वपूर्ण सवाल ये है कि क्या भारत ने इस मोर्चे पर कोई तैयारी की हुई है?

इन तीनो सवालों का जवाब आज हम इस आर्टिकल में देने की कोशिश करेंगे, और आपको मोदी सरकार के एक कदम के बारे में बताएँगे, जिसकी वजह से चीन भविष्य में कभी भी भारत से अव्वल तो युद्ध नहीं करेगा, और अगर कभी करता भी है तो उसके जबरदस्त नुक्सान उसकी अर्थव्यवस्था को ही उठाना पडेगा।

आज हम बात करते हैं 2018 में मोदी सरकार द्वारा पास किये गए ‘Enemy Property Amendment एक्ट की, ये बिल जब लाया गया तब इसे पाकिस्तान के खिलाफ एक कड़े कदम के तौर पर देखा गया था, लेकिन असलियत में इसके प्रभाव का दायरा कहीं अधिक है।

पहले समझते हैं कि इस एक्ट के मायने और प्रभाव क्या है।  इस एक्ट के अनुसार भारत से युद्ध लड़ने वाले देश, जैसे पाकिस्तान और चीन हैं, का कोई नागरिक, या भारत से इन दोनों देशों में अगर कोई भारतीय नागरिक चला जाता है, तो भारत की सरकार उसकी सम्पत्तियो को जब्त कर उन पर अधिकार जमा सकती है, उन्हें बेच सकती है।

इस कानून के लागू होने के बाद भारत सरकार ने अभी तक पाकिस्तानी नागरिको की 9280 और चीनी नागरिको की 149 सम्पत्तियो पर अधिकार कर लिया है, और इन्हे बेच कर 1 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि जुटा ली है। 

अब आप सोच रहे होंगे की इस कानून से ऐसा क्या हो जाएगा कि चीन भारत से युद्ध ही ना करे? इसका उत्तर जानने के लिए हमे चीनी सरकार के मुख्पत्र ग्लोबल टाइम्स में 17 जनवरी 2018 को छापे एक आर्टिकल को समझना पड़ेगा।

इस आर्टिकल में चीनी सरकार के डर को दर्शाया गया है। चीनी सरकार ने ये माना था कि भारत सरकार का ये कानून चीनी कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए घातक साबित हो सकता है, और किसी भी युद्ध कि स्थिति में भारत की सरकार इस कानून का इस्तेमाल कर चीन को सैकड़ो बिलियन डॉलर का झटका दे सकती है । जो किसी भी युद्ध में होने वाले नुक्सान से कहीं ज्यादा होगा।

पिछले 15 सालों में चीन ने भारत में लगातार इन्वेस्टमेंट किया है।  सैकड़ो बिलियन डॉलर्स लगाए हैं चीन ने भारत में, सैकड़ो चीनी कंपनियों ने भारत में प्रॉपर्टीज खरीदी हैं, प्लांट्स लगाए हैं, इसके अलावा चीन की कई कंपनियों ने भारत के Start Up में ही कई बिलियन इन्वेस्ट किये है।

अब चीन को ये डर लगने लगा है कि किसी भी युद्ध की स्थिति में भारत सरकार इस कानून का उपयोग कर के भारत ले अलग अलग इलाको में सैकड़ो अरब की चीनी प्रॉपर्टी को कब्जे में ले सकता है।  चीन की Xiaomi , Lenovo , OPPO , Realme जैसी कई कंपनियां है जिन्होंने हजारो करोड़ रूपए की प्रॉपर्टी देश के अलग अलग राज्यों में ली हुई हैं, इनके अलावा भी कई तरह की प्रॉपर्टी,इन्वेस्टमेंट,गोल्ड , बैंक बैलेंस, शेयर्स इत्यादि भी होते हैं, इस एक्ट के द्वारा भारत सरकार युद्ध की परिस्थिति में विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए इन सभी पर कब्ज़ा कर सकती है। 

गलवान घाटी की घटना के बाद ये मुद्दा फिर से चीनी सोशल मीडिया पर फिर से उठाया जा रहा है।  पिछले ही दिनों भारत ने चीन की 59 ऍप्लिकेशन्स को प्रतिबंधित किया है, शुरू में चीन ये मान रहा था कि इस कदम से कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन अब स्थिति साफ़ होती जा रही है कि इस कदम से चीनी अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान होने जा रहा है। टिकटोक बनाने वाली ByteDance कंपनी को ही इस प्रतिबन्ध से 6 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में 45 हजार करोड़ रूपए ) का नुक्सान होने जा रहा है , अगर इसमें सभी 59 ऍप्लिकेशन्स का होने वाला नुक्सान जोड़ दिया जाए तो ये कई सौ बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा । इसके अलावा भारत सरकार ने कई चीनी कंपनियों से टेंडर्स वापस ले लिए हैं, 5G पर भी सरकार कड़ा फैसला लेने जा रही है, इस बीच अगर चीन अगर युद्ध जैसा कोई कदम उठाता है, तो उसे आत्मघाती ही कहा जाएगा।

यहाँ हम एक बात और करना चाहते हैं, लोग ये भी कह रहे हैं कि चीन से व्यापारिक रिश्ते ख़त्म होने से भारत को भी नुक्सान होगा, जो बात काफी हद तक सही भी है।  लेकिन यहाँ हम एक बात जोड़ना चाहेंगे कि जो भी नुक्सान होगा वो कुछ समय के लिए ही होगा, भारत के पास आत्मनिर्भर बनने का अच्छा मौका है, और यही समय है लोकल के लिए वोकल होने का, हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और सुदृढ़ बनाने के लिए हमे ये कदम उठाने ही पड़ेंगे।  

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